
वाशिंगटनः अमेरिका को पाकिस्तान अचानक इतना प्यारा क्यों लगने लगा है?....भारत के साथ 4 दिनों तक चले युद्ध के बाद अमेरिका ने आसिम मुनीर को आखिर लंच क्यों दिया?...जिस पाकिस्तान को अपने पहले कार्यकाल में राष्ट्रपति ट्रंप ने फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में डाल दिया था, जो आतंकी फंडिंग रोकने वाली संस्था है...अब उसी पाकिस्तान से अमेरिका को इतना प्यार क्यों पनप रहा है?...इसे लेकर अमेरिका के स्वार्थों की लगातार पोल-दर-पोल खुलती जा रही है। अमेरिका के एक पूर्व CIA अधिकारी जॉन किरियाकौ ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच में बढ़ती नजदीकी को लेकर एक और बड़ा खुलासा किया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
पाकिस्तान क्यों अमेरिका को लगने लगा है प्यारा?
बता दें कि गत माह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर को लंच पर बुलाया था और उनका जमकर ह्वाइट हाउस में स्वागत सत्कार किया था। अमेरिका किसी की भी आवभगत बगैर स्वार्थ के नहीं करता। मुनीर के इस स्वागत और सम्मान के पीछे 2 बड़े खुलासे तो आप पहले ही जान चुके हैं, जिनमें से पहला यह कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के लिए अमेरिका को पाकिस्तान के एयरबेस, पोर्ट और एयरस्पेस इस्तेमाल करने के लिए राजी करना था और दूसरा यह कि मुनीर ने ट्रंप के दामाद की क्रिप्टो करेंसी वाली कंपनी की डील पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ बंद कमरे में कराई थी। इसके लिए भी ट्रंप मुनीर को धन्यवाद देना चाहते थे। हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा यह खुलासा किया गया था कि मुनीर ने पाकिस्तान में ट्रंप के परिवार की कंपनी के लिए क्रिप्टो करेंसी काउंसिल का गठन तक करवा दिया। इसलिए पाकिस्तान अमेरिका को प्रिय लगने लगा। मगर अब तीसरा खुलासा उसके परमाणु ठिकानों को लेकर है।
पाक के परमाणु ठिकानों से जुड़ा है तीसरा बड़ा खुलासा
पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर को लंच देने के पीछे ट्रंप के स्वार्थों की फेहरिस्त लंबी है। जिसकी हर एक परत खुलती जा रही है। अमेरिका के एक पूर्व CIA ऑफिसर ने पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया है, जिसके बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। पूर्व सीआईए अधिकारी जॉन किरियाकौ ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा, "पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की कमान और नियंत्रण एक अमेरिकी जनरल के अधीन है।" यह जानकर आप भी चौंक जाएंगे। मगर उन्होंने इसे हकीकत बताया। उनके इस दावे से यह भी साफ हो रहा है कि आखिर भारत के ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान के बजाय अमेरिका इतना अधिक क्यों घबराया हुआ था। अमेरिका क्यों युद्ध विराम के लिए बेताब था?
अमेरिका को भारत के ऑपरेशन सिंदूर से था कैसा डर
अमेरिका के पूर्व अधिकारी के इस खुलासे ने यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या इसीलिए अमेरिका युद्ध विराम के लिए बेताब था, क्या अमेरिका को डर था कि भारत पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना बना सकता है, क्योंकि अमेरिका पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों का कंट्रोल अपने पास रखे हुए है। ऐसे में अगर भारत पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों पर हमला करता तो यह सिर्फ पाक के लिए झटका नहीं था, बल्कि अमेरिका के लिए भी सदमा जैसा होता। इसलिए युद्ध विराम होने से सबसे ज्यादा खुश अमेरिका ही नजर आ रहा था। इतना ही नहीं, अमेरिका तो भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम की जबरन क्रेडिट भी लेने लगा था। हालांकि अमेरिका के इस दावे को भारत बार-बार खारिज कर चुका है।