Friday, May 03, 2024
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सेवा सचिव के बाद नौकरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही दिल्ली सरकार- सूत्र

सरकार में एक शीर्ष सूत्र ने दावा किया, भले ही मोरे का तबादला प्रभावी नहीं हुआ है, आप सरकार कई प्रमुख सचिवों और विभागों के प्रमुखों सहित वरिष्ठ अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादलों के लिए तैयार है।

Malaika Imam Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Updated on: May 13, 2023 6:15 IST
अरविंद केजरीवाल- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अरविंद केजरीवाल

दिल्ली सरकार को भले ही सेवा विभाग के सचिव के तबादले के फैसले को लागू करने में मुश्किलें आ रही हों, लेकिन वो अब नौकरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी में है। राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए आरोप लगाया है कि सेवा सचिव आशीष मोरे को ट्रांसफर करने के उसके फैसले को केंद्र क्रियान्वित नहीं कर रहा है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि वह अगले सप्ताह मामले की सुनवाई के लिए एक पीठ का गठन करेंगे। 

दिल्ली सरकार ने एक बयान में दावा किया कि मोरे ने उनकी जगह एक नए अधिकारी (एके सिंह, आईएएस) की नियुक्ति के लिए फाइल पेश करने से 'इनकार' कर दिया है। बयान में कहा गया, "फाइल को पेश के बजाय, उन्होंने सेवा मामलों के मंत्री के कार्यालय को सूचित किए बिना सचिवालय छोड़ दिया।" सूत्रों ने बताया कि मोरे शुक्रवार को आकस्मिक अवकाश पर चले गए। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि दिल्ली में अभी भी उपराज्यपाल के दायरे में आने वाले भूमि, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों को छोड़कर निर्वाचित सरकार के पास सेवा विभाग के मामलों पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां हैं। 

मोरे का अभी भी तबादला नहीं किया गया

न्यायालय की ओर से शहर में अधिकारियों के तबादले और तैनाती पर आप सरकार को नियंत्रण दिए जाने के घंटों बाद गुरुवार को मोरे को उनके पद से हटा दिया गया। सूत्रों ने दावा किया कि मोरे का अभी भी तबादला नहीं किया गया है, क्योंकि उन्हें स्थापित प्रक्रिया के खिलाफ पद से हटाने का आदेश दिया गया था। सरकार में एक शीर्ष सूत्र ने दावा किया, "भले ही मोरे का तबादला प्रभावी नहीं हुआ है, आप सरकार कई प्रमुख सचिवों और विभागों के प्रमुखों सहित वरिष्ठ अधिकारियों के बड़े पैमाने पर तबादलों के लिए तैयार है। यह तब होगा जब अदालत की ओर से वर्तमान मामले का फैसला किया जाएगा।" 

मोरे के मामले में सूत्रों ने क्या कहा?

सूत्रों ने दावा किया कि मोरे के मामले में ट्रांसफर के विषय को पहले सिविल सेवा बोर्ड (सीएसबी) के विचारार्थ रखने के नियम का पालन नहीं किया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि मोरे को ट्रांसफर करने का फैसला उपराज्यपाल को अधिकार देने वाली गृह मंत्रालय की अधिसूचना को सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आलोक में वापस लिए जाने से पहले ही किया गया। इस बीच, सचिवालय में मंत्रियों ने अधिकारियों के साथ बैठक की, स्थिति का जायजा लिया और सरकार की लंबित परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर चर्चा की। अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी सचिवालय पहुंचे। 

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