Saturday, April 27, 2024
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दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों का चमत्कार, बच्चे के फेफड़े में फंसी थी सुई, बिना सर्जरी चुंबक से निकाला

डॉक्टर ने कहा कि सुई फेफड़े के भीतर इतनी गहराई तक धंसी थी कि पारंपरिक तरीके लगभग अप्रभावी साबित होते। उन्होंने कहा, प्राथमिक उद्देश्य श्वासनली को किसी भी तरह के जोखिम से बचाकर चुंबक को सुई के स्थान तक ले जाना था।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: November 04, 2023 19:10 IST
बच्चे के बाएं फेफड़े...- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA बच्चे के बाएं फेफड़े में सिलाई मशीन की एक लंबी सुई धंसी हुई थी

नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों ने 7 वर्षीय बच्चे के बाएं फेफड़े में धंसी सुई को चुंबक की मदद से सफलतापूर्वक निकाला है। अस्पताल ने शनिवार को यह जानकारी दी। अस्पताल ने कहा कि बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग की टीम ने जटिल एंडोस्कोपिक प्रक्रिया के जरिये फेफड़े के भीतर धंसी चार सेंटीमीटर की सुई को निकाला। बच्चे को हेमोप्टाइसिस (खांसी के साथ रक्तस्राव) की शिकायत के बाद गंभीर स्थिति में बुधवार को एम्स में भर्ती कराया गया था।

बाएं फेफड़े में धंसी थी सिलाई मशीन की लंबी सुई

बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ.विशेष जैन ने बताया कि रेडियोलॉजिकल जांच से पता चला कि बच्चे के बाएं फेफड़े में सिलाई मशीन की एक लंबी सुई धंसी हुई है। डॉ. जैन ने एक परिचित के जरिये उसी शाम चांदनी चौक बाजार से चुंबक खरीदने की व्यवस्था की। जैन ने कहा, ‘‘चार मिलीमीटर चौड़ाई और 1.5 मिलीमीटर मोटाई वाला चुंबक इस काम के लिए एकदम सही उपकरण था।’’ प्रक्रिया की जटिलताओं के बारे में बताते हुए, बाल चिकित्सा सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. देवेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि सुई फेफड़े के भीतर इतनी गहराई तक धंसी थी कि पारंपरिक तरीके लगभग अप्रभावी साबित होते। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की टीम ने गहन चर्चा की, जिसका उद्देश्य सुई को सुरक्षित और प्रभावी ढंग से निकालने के लिए अभिनव समाधान तलाशना था।

डॉक्टरों ने ऐसे निकाली सुई

डॉ. जैन ने कहा, प्राथमिक उद्देश्य श्वासनली को किसी भी तरह के जोखिम से बचाकर चुंबक को सुई के स्थान तक ले जाना था। टीम ने सरलतापूर्वक एक विशेष उपकरण तैयार किया, जिसमें चुंबक को एक रबर बैंड और धागे का उपयोग करके सुरक्षित रूप से जोड़ दिया गया था। टीम ने बाएं फेफड़े के भीतर सुई के स्थान का पता लगाने के लिए श्वास नली की एंडोस्कोपी शुरू की और टीम को केवल सुई की नोक का पता चला, जो फेफड़ों के भीतर गहराई तक फंसी हुई थी। डॉ. जैन ने कहा कि इस चुंबक उपकरण की मदद से सुई को सफलतापूर्वक निकाला गया। एम्स के मुताबिक, बच्चे के फेफड़े में सुई कैसे पहुंची, इस बारे में परिवार कोई जानकारी नहीं दे सका।

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