Friday, April 26, 2024
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अग्निपथ योजना से जुड़ी याचिकाओं को 12 दिसंबर को सुनेगा दिल्ली हाईकोर्ट, मुख्य न्यायाधीश की पीठ करेगी सुनवाई

केंद्र सरकार ने सेना में सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना लॉन्च की है। इस नई योजना के तहत कॉन्ट्रैक्ट पर चार साल के लिए रंगरूटों की भर्ती हो रही है। चार साल के बाद करीब 75 फीसदी सैनिक रिटायर हो जाएंगे और इन्हें सेवा निधि पैकेज के तहत करीब 11.71 लाख रुपये मिलेंगे। जबकि 25 फीसदी सैनिकों को नियमित किया जाएगा।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Published on: November 18, 2022 20:55 IST
अग्निपथ योजना - India TV Hindi
Image Source : FILE अग्निपथ योजना

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार के द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना को सीधे तौर पर चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा और फिर कुछ पुराने विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों के लिए भर्ती प्रक्रिया से संबंधित याचिकाओं पर फैसला करेगा। 

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि वह योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 12 दिसंबर को सुनवाई करेगी। पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से अग्निपथ योजना और पिछले कुछ विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों के लिए भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित याचिकाओं को अलग करने को और अदालत के समक्ष चार्ट प्रस्तुत करने को कहा। पीठ ने कहा, ‘‘पहले हम अग्निवीर मामले को देखेंगे। यहां प्रमुख मुद्दा अग्निवीर है। यह हमारी राय है। इस मुद्दे पर इस तरह फैसला हो या उस तरह, असर दूसरे मामलों पर भी होगा।’’ 

'अदालत सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं कर सकती'

पीठ ने कहा कि अदालत सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई नहीं कर सकती इसलिए पहले अग्निपथ मुद्दे को लेगी। पीठ ने कहा, ‘‘हम इसे 12 दिसंबर को दोपहर ढाई बजे लेंगे।’’ एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने अनुरोध किया कि दिन प्रतिदिन आधार पर मामले में सुनवाई की जाए, जिस पर पीठ ने कहा कि वह इस पर विचार करेगी। पीठ ने कहा कि केंद्र द्वारा दायर जवाब केवल अग्निपथ योजना तक सीमित है और अन्य याचिकाओं से इसका लेनादेना नहीं है और यदि सरकार कुछ जोड़ना चाहती है तो वह ऐसा कर सकती है। अदालत ने पक्षों को मामले में अन्य कोई अतिरिक्त जवाब सुनवाई की अगली तारीख से पहले दाखिल करने की स्वतंत्रता दी। 

केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना और पिछले कुछ विज्ञापनों के तहत सशस्त्र बलों के लिए भर्ती प्रक्रियाओं से संबंधित अनेक याचिकाओं पर अपना संयुक्त जवाब पहले ही दाखिल किया था। इसमें केंद्र सरकार ने कहा कि अग्निपथ योजना में कोई कानूनी कमजोरी नहीं है। सरकार ने कहा था कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय सुरक्षा को और अधिक मजबूत, अभेद्य एवं बदलती सैन्य जरूरतों के अनुरूप बनाने के उसके संप्रभु कर्तव्य को पूरा करते हुए लाई गयी। योजना की घोषणा 14 जून को की गयी थी। 

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