Thursday, April 18, 2024
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देश की राजधानी दिल्ली पर गहराता जा रहा है लंपी वायरस का खतरा, सामने आए 54 नए मामले

दिल्ली में लंपी वायरस के 54 नये मामले सामने आए हैं जबकि 24 मवेशी संक्रमण से उबर गये हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमित मवेशियों की संख्या बढ़ कर 203 हो गई है।

Sushmit Sinha Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published on: September 13, 2022 21:40 IST
lumpy virus- India TV Hindi
Image Source : PTI lumpy virus

दिल्ली में लंपी वायरस के 54 नये मामले सामने आए हैं जबकि 24 मवेशी संक्रमण से उबर गये हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमित मवेशियों की संख्या बढ़ कर 203 हो गई है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (MCD) संक्रमित मवेशियों को अलग करने में उनसे सहयोग नहीं कर रहा। उन्होंने कहा कि यह विषय बुधवार को सीनियर अधिकारियों के सामने उठाया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में लंपी रोग के ज्यादातर मामले दक्षिण पश्चिम दिल्ली के जिलों में सामने आये हैं। केंद्र के मुताबिक, यह रोग गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फैल गया है।

लंपी से संबंधित प्रश्नों के लिए हेल्पलाइन नंबर 8287848586

दिल्ली सरकार ने दो सचल पशु चिकित्सा क्लीनिक तैनात किए हैं और मवेशियों के नमूने एकत्र करने के लिए 11 त्वरित कार्रवाई बल का गठन किया है। राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने लंपी से संबंधित प्रश्नों के लिए हेल्पलाइन नंबर 8287848586 के साथ एक विशेष कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है। गोपाल राय ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के रेवला खानपुर में लंपी से पीड़ित मवेशियों के लिए एक पृथकवास केंद्र बनाया जा रहा है। 

 मृत्यु दर सिर्फ एक से दो प्रतिशत है

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर रोग के कारण मवेशियों की मौत नहीं हो रही है, मृत्यु दर सिर्फ एक से दो प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि राजस्थान और गुजरात में मवेशियों की मौत का कारण खराब स्वास्थ्य और संक्रमण के विकास हो सकता है। अधिकारी ने कहा, "अगर संक्रमित मवेशियों को अलग-थलग कर दिया जाता है और उचित देखभाल की जाती है, तो मौत होने की संभावना नहीं है। घावों को नियमित रूप से कीटाणुरहित किया जाना चाहिए।"

लंपी एक संक्रामक वायरस है

गौरतलब है कि लंपी एक संक्रामक वायरस है जो मवेशियों के बीच मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैया के सीधे संपर्क के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा दूषित भोजन और पानी के सेवन से भी यह फैलता है। इस रोग के कारण मवेशियों को बुखार और शरीर में गांठें पड़ जाती हैं। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने गुरुवार को कहा था कि रोग का प्रकोप गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में फैल गया है।

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