Thursday, December 12, 2024
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हे राम कैसे होगी पढ़ाई! गुजरात में 19 शिक्षक कई महीनों से नहीं आ रहे स्कूल; कुछ तो चले गए विदेश

शिक्षक जो स्कूल में शिक्षा के साथ-साथ संस्कार देने का काम भी करता है, उसपर अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि देश का भविष्य बनने वाले बच्चों को शिक्षक किस तरह की शिक्षा देते होंगे, जो सिर्फ सरकारी नौकरी और बड़ा वेतन पाने के लिए मेहनत करते हैं। गुजरात के कई शिक्षकों ने सेवा वाले काम को बस पैसा कमाने का जरिया बना लिया है।

Reported By : Nirnay Kapoor Written By : Shailendra Tiwari Published : Aug 13, 2024 9:17 IST, Updated : Aug 13, 2024 9:17 IST
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Image Source : INDIA TV गुजरात में 19 शिक्षक कई महीनों से नहीं आ रहे स्कूल

चाणक्य ने कहा था कि शिक्षक कभी साधारण नहीं होता, उसकी गोद में प्रलय व निर्माण पलते हैं। लेकिन वह अब तक जीवित होते तो शायद देश का हाल देखकर अपने इन वाक्यों को बदल देते। अब कुछ लोगों ने इस पुण्य कार्य को पैसों की कमाई का जरिया बना दिया है। हाल ही में गुजरात के कई जिलों से इसकी खबरें सामने आई हैं।

अमेरिका गई प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका 

राज्य के बनासकांठा जिले में पानछा प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका भावना पटेल गैरकानूनी तौर पर एब्सेंट रहने को लेकर विवादों में आई हैं। पानछा स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल पारुल मेहता ने उनपर आरोप लगाया है कि यह महिला शिक्षक लंबे समय से अमेरिका में रह रही हैं और पिछले कई सालों से उनका वेतन भुगतान शिक्षा विभाग द्वारा किया जाता है। प्रिंसिपल पारुल महेता ने भावना पटेल को बच्चों के हित को देखते हुए बर्खास्त करने की मांग की है।

एब्सेंट रहने को लेकर हुआ विवाद

इस पर जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि सालों से नहीं बल्कि पिछले 8 महीने से भावना पटेल अवैध रूप से छुट्टी पर थी जिसको लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग को कोई इनफार्मेशन भी नहीं दी थी जिसको लेकर शिक्षा विभाग ने उन्हें सैलरी तो नहीं दी है, ऊपर से उन्हें नोटिस भी दी गई थी, जिसके जवाब में शिक्षिका ने भी सितम्बर महीने में ज्वॉइन करने का जवाब दिया था। इस जवाब को शिक्षा विभाग ने मान्य नहीं किया। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अगर 12 महीने से अधिक वो एब्सेंट रहेगी तो उन्हें 2005 के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार टर्मिनेट किया जाएगा। दूसरी तरफ इंचार्ज प्रिंसिपल द्वारा जो गलतफहमी फैलाई गई है और जो निवेदन दिए गए है इसके बाद उनके खिलाफ भी जांच और कार्रवाई होगी।

अब तक 33 के खिलाफ कार्रवाई

जिला शिक्षण अधिकारी बीनू पटेल ने कहा कि जिले में पिछले 3-4 साल से जो टीचर 1 साल से ज्यादा बिना बताए तरह से गैर-हाजिर रहे हैं, ऐसे 33 टीचरों के खिलाफ कार्यवाही कर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है, फिलहाल जिन टीचरों का गैरहाजिर रहने का 1 साल का समय समाप्त होता है उनको सरकार के फाइनेंस डिपार्टमेंट की 2006 के नोटिफिकेशन के अनुसार नोटिस भेजा जा रहा है और उनसे जवाब मांगे जा रहे हैं। ऐसे अभी 6 टीचरों को नोटिस भेजी गई है जिसमें किसी को पहली नोटिस तो किसी को तीसरी नोटिस भेजी गई है। अब जिनको तीसरी नोटिस भेजी गई, उनके जवाब के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।

कच्छ से मामला आया सामने

ऐसा ही एक मामला कच्छ से सामने आया है, यहां मांडवी के सिरवा गांव के प्राथमिक स्कूल की टीचर नीता पटेल को सस्पेंड किया गया। ये भी लंबे समय से स्कूल में टाइम पर नहीं आती थी जिस कारण इन पर एक्शन लते हुए इन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। मामले में लगभग तीन साल के बाद कच्छ के डीईओ ने नीता पटेल के ऊपर एक्शन लिया है। तीन साल से स्कूल के टीचर, बच्चे और सिरवा गांव के लोगों ने काफी शिकायतें की मगर कोई एक्शन नहीं लिया गया था।

बिना बताए गैर हाजिर शिक्षक की सूची

इसके बाद कच्छ में शिक्षा विभाग हरकत में आया और पूरे कच्छ के भूतिया शिक्षकों (बिना बताए गैर हाजिर शिक्षक) की सूची मंगवाई गई। लिस्ट से यह पता चला कि कच्छ प्राथमिक विद्यालयों में लगभग 11 शिक्षक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित थे, 11 शिक्षकों में से 4 शिक्षक विदेश दौरे पर हैं और 7 शिक्षक कच्छ जिले में ही हैं। 11 शिक्षकों को दो बार नोटिस दिया जा चुका है, अब ड्यूटी पर आने के लिए अंतिम नोटिस दिया जाएगा। तीसरा नोटिस देने के बाद भी शिक्षक उपस्थित नहीं हुए तो निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।

मेहसाणा में भी सामने आया मामला

एक और मामला मेहसाणा जिले में देखने को मिला, यहां के 10 प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों में से 5 शिक्षक अपने काम के प्रति गैर-जिम्मेदार रहे। बीमारी के कारण एक साल से अधिक समय से छुट्टी पर हैं, वहीं 5 प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक विदेश जाने के बाद एक साल से अधिक समय से ड्यूटी पर नहीं आए हैं। कड़ी तालुका के रणछोड़पुरा प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका कविता दास, बुडासन प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका आशा पटेल, जेतपुर प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका पायल रावल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित 90 दिनों के बाद भी वापस नहीं लौटी है।

बहुचराजी तालुका और बीजापुर प्राइमरी स्कूल नंबर 1 की जिग्ना पटेल जैसी पांच शिक्षिकाएं जो एक वर्ष से अधिक समय से विदेश जाने के बाद वापस नहीं आए हैं, उन्हें 90 की अवधि के लिए अनुमति दी गई है। पर एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी शिक्षक वापस नहीं आए हैं। एक वर्ष से अधिक समय से अनुपस्थित शिक्षकों को शिक्षाधिकारी के द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

खेड़ा में यह हाल

बिना बताए एब्सेंट रहने वाले टीचर्स के मामले में एक घटना खेड़ा जिले से भी सामने आई है। कपड़वंज के भीतरी इलाके में और तालुका मुख्यालय से 25 किमी दूर शिवपुर प्राथमिक शाला के मुख्य शिक्षक भी एब्सेंट रहती हैं। मुख्य शिक्षक आशीष पटेल खुद एब्सेंट रहते है और अपने स्थान पर किसी और को हाजिर रखते है। इन्हें 80 हज़ार रुपये की सैलरी मिलती है। लेकिन फिर भी शिक्षक अपनी जगह गांव के स्थानीय व्यक्ति को शिक्षक बनाकर पढ़ाई करवा रहे थे। 

एक तरफ जहां वाटा शिवपुरा प्राइमरी स्कूल में प्रॉक्सी शिक्षक को लेकर ये मामला गरमाया हुआ है, जिसमे खेड़ा जिला प्राइमरी शिखा विभाग के डीपीइओ द्वारा कहा गया कि शिक्षक बारिया के मुवाड़ा पर सेंटर में किताब लेने गए है। जबकि उनसे विपरीत पर सेंटर के प्रिंसिपल द्वारा निवेदन दिया गया है। हालांकि सवाल ये है कि अगस्त में किताब कैसे आएगी?

एक और महिला शिक्षक अनुपस्थित

जिले में एक और महिला शिक्षक अनुपस्थित पाई गई, नडियाद तालुका के हाथज प्राइमरी स्कूल के सोनल बेन परमार एक साल पहले विदेश चले गए है। वह 01 सितंबर 2023 से ही अमेरिका में हैं। हद तो यह है कि विदेश जाने से पहले शिक्षा विभाग से टीचर ने एनओसी भी नहीं लिया है और उनके विदेश चले जाने से प्राइमरी स्कूल में एक शिक्षक की कमी है। हालांकि इस मामले को लेकर मुख्य शिक्षक द्वारा जिला प्राथमिक शिक्षा को जानकारी दी गई थी जिसके कारण उनकी एब्सेंट मार्क हो रही है। दूसरी तरफ प्राइमरी शिक्षा विभाग द्वारा दी गई नोटिस का भी सोनल बेन द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया है।

डीपीइओ के अनुसार, विदेश चले गए तीन शिक्षकों को अब तक सस्पेंड किया गया है। हाथज समेत ऐसे अन्य शिक्षकों को भी नोटिस दी गई है और आने वाले दिनों में विदेश चले गए शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

मुख्य टीचर दयाभाई मकवाना ने मामले में कहा कि सोनल बेन जो शिक्षक है वह एन.ओ.सी लिए बगैर विदेश गए हुए हैं। और इसकी जानकारी हमने ऊपरी अधिकारी को भी दी हुई है। शिक्षक को हमारी ओर से नोटिस भी दिया गया है, साथ ही तहसील और जिला से भी नोटिस दिया गया है। अधिकारी ने कहा है कि अब हम उन पर एक्शन लेकर आपको उनकी जगह नए शिक्षक की भर्ती करेंगे।

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