Friday, May 03, 2024
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कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय ने भारत में शिक्षा सुधारों के लिए पोखरियाल को सम्मानित किया

विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में शुमार कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सराहना की है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को देश में शैक्षिक सुधारों के लिए एक सुसंगत और लचीली शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए सम्मानित किया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 26, 2020 10:47 IST
Cambridge University Honors Pokhriyal for Education Reforms...- India TV Hindi
Image Source : GOOGLE Cambridge University Honors Pokhriyal for Education Reforms in India

नई दिल्ली।विश्व के प्रमुख विश्वविद्यालयों में शुमार कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की सराहना की है और केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को देश में शैक्षिक सुधारों के लिए एक सुसंगत और लचीली शिक्षा प्रणाली बनाने के लिए सम्मानित किया है। पोखरियाल को मंगलवार को श्री अरबिंदो सोसायटी द्वारा आयोजित 'शून्य से सशक्तिकरण' विषय पर एक ऑनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान सम्मानित किया गया।

कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस में ग्लोबल एजुकेशन के प्रबंध निदेशक रॉड स्मिथ ने भारत में शिक्षा के इतिहास पर बात करते हुए कहा, "शिक्षा और अनुसंधान दुनिया के महत्वपूर्ण साधन हैं। भारत की शिक्षा प्रणाली का लंबा और शानदार इतिहास रहा है।"स्मिथ ने कहा कि दुनिया में पहला विश्वविद्यालय 700 ईसा पूर्व में स्थापित किया गया था, जबकि एशिया में पहला और सबसे पुराना महिला कॉलेज कोलकाता में स्थापित किया गया था।

उन्होंने कहा, "त्रिकोणमिति, कलन और बीजगणित के अध्ययन की उत्पत्ति भी भारत में हुई है।"उन्होंने कहा कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, जो दुनिया का अग्रणी विश्वविद्यालय है, भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना करता है। साथ ही एक सुसंगत और लचीली शिक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए अपनाए गए शिक्षा सुधारों के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' को सम्मानित करता है।

उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से स्थायी शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री की सराहना की।उन्होंने आगे कहा कि पिछले सात दशकों से भारत ने शिक्षा का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित किया है। अब हाल ही में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ पाठ्यक्रम, शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन में सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह शिक्षा प्रणाली रट्टा मार संस्कृति से दूर वास्तविक समझ की ओर ले जाने का वादा करती है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ऑनलाइन राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका के लिए 40 से अधिक शिक्षा अधिकारियों और 26 शिक्षकों को उनके अभिनव प्रयासों के लिए सम्मानित किया।

शिक्षा मंत्री ने इस अवसर पर इनोवेशन एंड लीडरशिप केसबुक- कोविड एडिशन का अनावरण किया। इन ई-बुक्स में देश भर के शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों के अभिनव प्रयोगों को संकलित किया गया है। अरबिंदो घोष को याद करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भारत की शैक्षिक विरासत के गौरवशाली अतीत को दोहराया, जहां नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्व प्रसिद्ध विश्वविद्यालय हुए हैं और जहां वासुदेव कुटुम्बकम के नारे को बल देते हुए दुनिया भर के छात्रों को आमंत्रित किया गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस देश के शैक्षणिक इतिहास में सबसे व्यापक और भविष्यवादी नीति दस्तावेज है।उन्होंने कहा कि ये नीति न्यू इंडिया की नींव रखती है, क्योंकि यह बच्चों की दक्षता, कौशल और महत्वपूर्ण सोच के विकास पर केंद्रित है।निशंक ने लोगों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए दृढ़ संकल्प के साथ मिलकर काम करने का भी आग्रह किया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आयोजकों को इन नवीन प्रयासों के लिए बधाई दी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत और एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के दृष्टिकोण को पूरा करेगी। पोखरियाल ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के आयोजकों और प्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी के रूप में अपनी भूमिका को आगे ले जाएगा।

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