Saturday, April 27, 2024
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जिसकी लीडरशिप में ISRO ने चंद्रयान-3 की कराई सफल लैंडिंग, जानें उनकी क्वालिफिकेशन

चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग कराकर इसरो ने दुनिया को झुककर सलाम करने के लिए मजबूर कर दिया है। इसकी सफलता का इसरो की टीम और चेयरमैन एस सोमनाथ को जाता है। आइए जानते हैं इनकी क्वालिफिकेशन

Shailendra Tiwari Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: August 25, 2023 13:05 IST
ISRO Chairman S Somanath- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO इसरो चीफ एस सोमनाथ

ISRO ने चंद्रमा के साउथ पोल पर अपना चंद्रयान-3 उतारकर वो कारनामा कर दिखाया है, जो दुनिया का बड़े से बड़ा देश अब तक नहीं कर सका है। अभी हाल ही में रूस ने भारत के चंद्रयान से पहले अपना स्पेस मिशन लूना-25 उतारने की कोशिश की थी, लेकिन वो चांद की सतह पर उतरने से पहले ही क्रैश हो गया। बता दें कि चांद के दक्षिणी हिस्से में अभी तक भारत के अलावा कोई देश नहीं पहुंच सका है। इस सफलता का श्रेय हमारे देश की स्पेस एंजेसी इसरो को जाता है। साथ ही उनका भी जो इसरो का नेतृत्व कर रहे हैं। इसरो के इस हीरो ने इस (चंद्रयान-3) मिशन में अहम रोल निभाया है। इनका नाम डॉ एस सोमनाथ है, एस सोमनाथ इसरो के चेयरमैन, सचिव है।

IISc के रहे हैं गोल्ड मेडलिस्ट

इसरो चीफ डॉ. एस सोमनाथ का जन्म साल 1963 में केरल के अलपुझा में हुआ था। इनका पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है। चूंकि एस सोमनाथ अलपुझा जिले से हैं, इसलिए स्कूल से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उन्होंने स्थानीय स्कूल से ही की है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई केरल के ही कोल्लम के टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की। यहां से इंजीनियरिंग के बाद एस सोमनाथ ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बैंगलुरु से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया। आप एस सोमनाथ की पढ़ाई का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (मास्टर डिग्री) में उन्होंने गोल मेडल हासिल किया।

बनाया देश का सबसे शक्तिशाली लॉन्च व्हीकल

एस सोमनाथ के बारे में जितना भी लिखा या पढ़ा जाए कम ही होगा। डॉ एम सोमनाथ कई विषयों के पारंगत हैं। इन्होंने लांच व्हीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स, मैकेनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्निक बनाने में एक्सपर्ट हैं। इनके ही नेतृत्व में देश का सबसे शक्तिशाली स्पेस लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी मार्क-III बनाया गया। बता दें कि इसी लॉन्च व्हीकल से सैटेलाइट लॉन्च की जाती है। एस सोमनाथ साल 2010 से 2014 तक जीएसएलवी मार्क-III प्रोजेक्ट के डायरेक्टर थे। एस सोमनाथ ने 3 जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल और 11 पीएसएलवी बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इतना ही नहीं डॉ एस सोमनाथ को उनकी उपलब्धियों के लिए एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने गोल मेडल भी दिया है। उन्हें साल 2014 में GSLV MARK-III के लिए परफॉरमेंस एक्लिलेंस आवॉर्ड दिया गया था।

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