अहमदाबाद। कोरोना वायरस की दूसरी लहर को सामने देख 12वीं की परीक्षा को लेकर अधिकतर राज्यों और केंद्र ने अभी तक फैसला नहीं लिया है लेकिन गुजरात सरकार ने घोषणा कर दी है कि पहली जुलाई से सरकार 12वीं की परीक्षा का आयोजन करेगी। गुजरात बोर्ड की 12वीं की परीक्षा आयोजित होने के फैले के बाद अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी राज्य में अपने स्कूलों की शिक्षा को लेकर राज्य सरकार से मंत्रणा कर सकता है।
गुजरात बोर्ड पहली जुलाई से साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स तीनों स्ट्रीम की परीक्षा का आयोजन करेगा। हालांकि इसमें छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए बाध्यता नहीं होगी, और अगर कोई छात्र परीक्षा में नहीं बैठता है तो 25 दिन के अंदर उसके पास दोबारा परीक्षा देने का विकल्प होगा। परीक्षा में 50 अंक के मल्टिपल च्वाइस प्रश्न होंगे और बाकी 50 अंक के सामान्य प्रश्न होंगे। छात्रों को परीक्षा के दौरान कोरोना के नियमों का पालन करना होगा।
गुजरात सरकार ने 13 मई को 10वीं कक्षा के छात्रों को प्रमोट करने का फैसला किया था। 10वीं कक्षा के 8.72 लाख से अधिक छात्रों को पहले ही प्रमोट किया जा चुका है. शिक्षा मंत्री ने उस वक्त 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए बड़े पैमाने पर प्रमोशन से इनकार किया था और कहा था कि “परीक्षाएं सुनिश्चित की जाएंगी.”
इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को कहा था कि 12वीं कक्षा की बोर्ड की लंबित परीक्षा कराने के संबंध में राज्यों के बीच व्यापक सहमति है और इस बारे में जल्द सुविचारित एवं सामूहिक निर्णय एक जून तक लिया जाएगा. महाराष्ट्र ने उच्च स्तरीय बैठक में बोर्ड की 12वीं कक्षा की परीक्षा लेने से इतर कोई रास्ता तलाशने पर सुझाव दिया, जबकि दिल्ली और केरल ने परीक्षा से पहले छात्रों का टीकाकरण करने की बात कही.