Tuesday, May 14, 2024
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Science Education: विज्ञान में कमजोर है आपका बच्चा तो इन टिप्स को अपनाकर बना सकते हैं जीनियस

Science Education: ये पता करना ज़्यादा ज़रूरी है कि आपका बच्चा किस सब्जेक्ट में ज़्यादा कमज़ोर है। मान लीजिए अगर विज्ञान यानी साइंस में आपका बच्चा कमज़ोर है तो उसको पढ़ाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

Shashi Rai Edited By: Shashi Rai @km_shashi
Published on: September 27, 2022 14:00 IST
 Science Education- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Science Education

Highlights

  • पेरेंट्स अपने बच्चों को पढ़ने में मदद करें
  • बच्चों को डांटना उनके खिलाफ काम करेगा
  • कमजोरियों की जड़ का पता लगाएं

Science Education: पढ़ना हर बच्चे का अधिकार है। कई बच्चे पढ़ाई में कमजोर होते हैं तो किसी का दिमाग पढ़ाई में काफी तेज़ चलता है। साथ ही हर बच्चे के पास कोई एक मजबूत विषय ज़रूर होता है और एक कमजोर। हर स्टूडेंट्स किसी सब्जेक्ट में माहिर होता है तो किसी में थोड़ा कमजोर। हालांकि, इस समस्या से नए तरीके से निपटा जाए तो आपके बच्चे का इस स्थितियों में काफी सुधार हो सकता है। इस दौरान बच्चों को डांटना उनके खिलाफ काम करेगा। उनकी कमजोरियों की जड़ का पता लगाएं और उसे सुधारने में उनकी मदद करें।

कुछ बच्चों को साइंस और मैथ्स ज़्यादा पसंद होती है, जबकि कुछ सब्जेक्ट्स में उनको पढ़ने में कोई दिलचस्पी नहीं होती। इस दौरान अगर पेरेंट्स अपने बच्चों को उस सब्जेक्ट को पढ़ने में मदद करें, फिर कुछ नए तरीकों से उन सब्जेक्ट्स को पढ़ाया जाए तो बच्चे उसमे रूचि ले सकते हैं। इसके लिए पहले ये पता करना ज़्यादा ज़रूरी है कि आपका बच्चा किस सब्जेक्ट में ज़्यादा कमज़ोर है। मान लीजिये अगर विज्ञान यानी साइंस में आपका बच्चा कमज़ोर है तो उसको पढ़ाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।

बच्चों के सामने सकारत्मक चीजें रखें

अगर आपका बच्चा साइंस सब्जेक्ट में वीक है तो उनको पढ़ाने और इस सब्जेक्ट में रूचि बढ़ाने के लिए उनके सामने सब्जेक्ट की सकारात्मक चीज़ों को पेश करें। सबसे पहले उनको आसान चीज़ें सिखाएं, ताकि जल्दी सीखने में उनका इंटरेस्ट और बढ़ सके। 

डायग्राम बनाकर सिखाएं

बच्चों को चित्रकारी अक्सर समझ और पसंद आती है। ऐसे में इसका लाभ उठायें और अपने बच्चों को साइंस पढ़ाते वक़्त डायग्राम के ज़रिये उन्हें पढ़ाएं। इस तरह से पढ़ने में बच्चे ख़ास रुचि लेंगे साथ ही आपके साथ खुद भी डायग्राम बनाएंगे। इससे उनकी प्रैक्टिस भी होती रहेगी।

बुक रीडिंग

बच्चों को पढ़ाते वक़्त उनसे बुक रीडिंग ज़रूर करवाएं इससे उन्हें शब्द की पहचान होगी और मतलब भी समझ आएगा। अगर वो कहीं अटकते हैं तो उनको सही से बोलने में मदद करें। इस बार बिलकुल भी न डाटें। बच्चों को जितना प्यार से पढ़ाया जाए उतना अच्छा है।

लिख- लिख कर पढ़ाएं

बच्चे अक्सर कोई भी चीज़ पढ़कर भूल जाते हैं। इसलिए उन्हें कुछ भी याद करवाते वक्त उनसे लिखवा कर ज़रूर देख लें। इससे उनको हर चीज़ लिख कर याद करने की प्रैक्टिस भी हो जायेगी और वो जल्दी से कोई चीज़ भूलेंगे भी नहीं। याद करने के बाद लिखने से स्पीड में भी सुधार होगा साथ ही वो एग्जाम में भी अच्छा प्रदर्शन कर पाएंगे।

टाइम टेबल बनाएं

पूरे दिन में एक समय निर्धारित कर लें कि बच्चों को किस टाइम पढ़ाना है। इससे उनको समय से पहले खुद भी पता चल पायेगा की उनके पढ़ने का टाइम हो गया है। इसके साथ ही बच्चों को सब कुछ एक साथ न पढ़ाएं। हर टॉपिक को धीरे धीरे कवर करें ताकि बच्चों को किसी भी तरह की कंफ्यूजन न हो ।

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