Thursday, May 02, 2024
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'काली' पोस्टर विवाद: लीना मणिमेक्कलई को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगी रोक

फिल्म 'Kaali' के पोस्टर में एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में सिगरेट लिए खड़ी काली मां की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। निदेशक लीना मणिमेक्कलई की डाक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' के इस पोस्टर का देशभर में विरोध हुआ था।

IANS Written By: IANS
Published on: January 21, 2023 9:04 IST
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Image Source : INSTAGRAM/LEENAMANIMEKALAI leena manimekalai

बॉलीवुड फिल्मों और ओटीटी सीरीज को लेकर आजकल विवाद होना आम बात हो गई है। कभी किसी फिल्म के टाइटल को लेकर विवाद शुरू हो जाता है तो कभी किसी सीन को लेकर। यहां तक कि अब तो कपड़ों को लेकर भी सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो जाता है। बीते साल देश भर में फिल्म 'काली' के पोस्टर को लेकर छिड़ा था। जिसमें हिंदू देवी को सिगरेट पीते हुए दिखाया गया था। इस मामले में अब सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्मकार लीना मणिमेक्कलई को उनके विवादित पोस्टर में हिंदू देवी काली को सिगरेट पीते हुए दिखाने पर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों के मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया है। 

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा: इस स्तर पर, प्रथम दृष्टया, ऐसा प्रतीत होता है कि कई राज्यों में एफआईआर दर्ज करने से मणिमेकलाई के लिए गंभीर पूर्वाग्रह पैदा हो सकता है। इस प्रकार, सभी एफआईआर कानून के अनुसार, एक स्थान पर समेकित करने की याचिका पर राज्यों को नोटिस जारी किया।

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एडवोकेट इंदिरा उन्नीनायर की सहायता से एडवोकेट कामिनी जायसवाल ने शीर्ष अदालत में मणिमेक्कलई का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ शॉर्ट फिल्म को लेकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है।

पीठ ने अपने आदेश में कहा- परिणामस्वरूप, यह प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ता को विभिन्न राज्यों में एक ही फिल्म से उत्पन्न होने वाली कठोर कार्यवाही के अधीन होने की संभावना है। इसके अलावा, भोपाल में याचिकाकर्ता के खिलाफ एक लुक आउट सकरुलर जारी किया गया है। जिन एफआईआर का संदर्भ दिया गया है..वह वो हैं जो याचिकाकर्ता की जानकारी में हैं।

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पीठ ने कहा कि आगे के आदेश लंबित रहने तक, याचिकाकर्ता के खिलाफ या तो पहले से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर या काली पोस्टर पंक्ति के संबंध में दर्ज की जा सकने वाली एफआईआर के आधार पर कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। इश्यू नोटिस 20 फरवरी 2023 को वापस किया जा सकता है।

याचिकाकर्ता ने काली नामक विवादित पोस्टर पर फिल्म निर्माता के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज सभी एफआईआर को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की थी। मणिमेक्कलई द्वारा दायर याचिका में कहा गया है: वह इस बात से भी दुखी हैं कि उसके बाद हुई खतरनाक साइबर हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, राज्य ने उनको टारगेट किया है। इस तरह की राज्य कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत एक फिल्म निर्माता के रूप में रचनात्मक व्याख्या के उसके अधिकारों का उल्लंघन है। यह उसके जीवन, स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा के अधिकारों और अनुच्छेद 21 आर/डब्ल्यू 19(1) के तहत सुरक्षा का भी उल्लंघन है।

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दलील में कहा गया है कि याचिकाकर्ता और उसके परिवार को जिंदगी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खतरे को देखते हुए चिंता है, वह कनाडा से भारत लौटने की स्थिति में नहीं है, जहां वह वर्तमान में रह रही है।

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