Monday, December 04, 2023

धर्म सेंसर बोर्ड ने फिल्मों और OTT पर लगाया पहरा, जारी की गाइडलाइन

Dharm Censor Board का गठन हिंदू परंपराओं की मानहानि को रोकने के लिए किया गया है। इसके सदस्यों में सुप्रीम कोर्ट के वकील, धर्माचार्य, मीडिया के प्रतिनिधि, साहित्यकार, इतिहासकार, फिल्म एक्ट्रेस, सामाजिक कार्यकर्ताओं से लेकर यूपी फिल्म सेंसर बोर्ड के उपाध्यक्ष शामिल हैं।

Written By : IANS Edited By : Akanksha Tiwari Published on: January 20, 2023 10:26 IST
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Image Source : IANS Dharma censor board

इन दिनों ओटीटी प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और टीवी शोज पर अक्सर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगता है। अब ऐसी सभी सामग्री को 'धर्म सेंसर बोर्ड' के अप्रूवल से गुजरना होगा। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 'माघ मेले' में संतों ने एक 'धर्म सेंसर बोर्ड' का गठन किया है, जो अब फिल्मों, वृत्तचित्रों, वेब श्रृंखला और एंटरटेनमेंट के अन्य माध्यमों में हिंदू देवी-देवताओं और संस्कृति के अपमान की जांच करेगा। हिंदू परंपराओं की मानहानि को रोकने के लिए शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय सेंसर बोर्ड का गठन किया गया है।

गुरुवार को जारी बोर्ड की गाइडलाइंस में सेंसर बोर्ड की तर्ज पर मनोरंजन सामग्री दिखाई जाएगी।

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, 'इस बोर्ड में धर्म और संस्कृति से जुड़े कई दिग्गजों को शामिल किया गया है। फिलहाल वे खुद इस बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।' उन्होंने कहा कि, 'यह बोर्ड हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले या संस्कृति को कोसने वाले वीडियो या ऑडियो के किसी भी फिल्मांकन या प्रसारण को रोकने के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करेगा।'

हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाली फिल्मों के निर्माण को रोकने के लिए बोर्ड के माध्यम से कदम उठाए जाएंगे।

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शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आगे कहा, 'सस्ती लोकप्रियता के लिए सनातन संस्कृति को विकृत करने वाली फिल्मों, धारावाहिकों और धारावाहिकों का निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'

उन्होंने कहा कि, 'इसे सेंसर बोर्ड और सरकार की मदद के लिए बनाया गया है। बोर्ड सीरियल और वेब सीरीज बनाने वाले सभी फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों से संपर्क कर उन्हें इस संबंध में सूचित करेगा। इसके बावजूद अगर ऐसी फिल्में और धारावाहिक बनाए गए, जो हिंदू विरोधी और आस्था को ठेस पहुंचाने वाली हैं, तो हिंदू समाज से उन्हें न देखने की अपील की जाएगी।' साथ ही जरूरत पड़ने पर विभिन्न माध्यमों से विरोध भी दर्ज कराया जाएगा।

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