Sunday, December 15, 2024
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Fact Check: युवक से चटवाया जूता, मार-मारकर किया बुरा हाल, लेकिन रायबरेली की इस घटना में नहीं है कोई जातिवादी एंगल

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दलित युवक को पीटे जाने का दावा किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोग युवक को बुरी तरह पीटते और उससे जूता चटवाते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि जिसकी पिटाई हो रही है वो युवक दलित समुदाय से है।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Sep 19, 2024 22:46 IST, Updated : Sep 19, 2024 22:46 IST
fact check- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV फैक्ट चेक

India TV Fact Check: सोशल मीडिया के दौर में हर दिन कई फेक न्यूज और फेक वीडियो वायरल होते रहते हैं। आम लोग इन फेक न्यूज पर आसानी से भरोसा कर लेते हैं और इन्हें आगे फॉरवर्ड कर देते हैं। इन्हीं फेक न्यूज से आपको सावधान करने के लिए हम लेकर आते हैं India TV फैक्ट चेक। फेक न्यूज का ताजा मामला एक युवक की पिटाई और उसे जूता चटवाने से जुड़ा है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दलित युवक को पीटे जाने का दावा किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोग युवक को बुरी तरह पीटते और उससे जूता चटवाते दिख रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि जिसकी पिटाई हो रही है वो युवक दलित समुदाय से है। हालांकि, जब India TV ने इस दावे का फैक्ट चेक किया तो ये दावा पूरी तरह से फर्जी साबित हुआ है। जिस युवक की पिटाई हो रही है वो दलित नहीं बल्कि सामान्य जाति का है।

क्या किया गया दावा?

वीडियो में देखा जा सकता है कि खेत में एक युवक की अन्य युवकों द्वारा बेरहमी से पिटाई की जा रही है। इस वीडियो में पीड़ित युवक को हमलावर के पैरों में गिरते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर इसे एक सवर्ण व्यक्ति द्वारा दलित युवक पर अत्याचार का बता रहे हैं।

kp Pathak नामक यूजर ने वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है, “रायबरेली में सामंतवादियों ने दलित युवक को जूता चटवाया। अखिलेश सिंह, पिंकू सिंह उर्फ योगेश सिंह, उदित सिंह, विपिन सिंह सहित अन्य लोगो पर मामला दर्ज है। अब इन दबंगों को गोली नही मारी जायेगी क्योंकि जाति बीच में आ जाएगी। हिन्दू धर्म के ठेकेदार कहा मर गए।”  इसी तरह के कैप्शन के साथ वीडियो को फेसबुक पर भी कई लोग शेयर कर चुके हैं।

fact check

Image Source : INDIA TV
फैक्ट चेक

इसके अलावा SamajwadiPartyMediaCell नामक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “योगीराज में दलित पर अत्याचार। शर्म करें सीएम योगी और भाजपा सरकार। नहीं चाहिए भाजपा, योगीराज में दलितों पिछड़ों के साथ अन्याय ,शोषण ,अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, सीएम योगी घोर जातिवादी हैं और जातीय वैमनस्यता को बढ़ावा देते हैं, योगीराज में जाति विशेष द्वारा दलितों पिछड़ों के साथ सरकारी संरक्षण में अत्याचार की वारदातें बढ़ी हैं जो कि शर्मनाक और निंदनीय है।”

India TV ने की पड़ताल

सोशल मीडिया पर ये वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा था, इसलिए हमने इस दावे की पड़ताल करने की ठानी। सबसे पहले हमने गूगल ओपन सर्च की मदद से विभिन्न वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर सर्च किया। इस दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें वीडियो के स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है।  मीडिया खबरों के अनुसार, मामला उत्तर प्रदेश के रायबरेली में ऊंचाहार इलाके का है, जिसमें दबंगों ने एक युवक को अगवा करके पीटा और उससे जूते भी चटवाए।

जागरण की खबर के अनुसार पीड़ित का नाम अमन सिंह है और ये घटना 21 अगस्त 2024 को हुई थी लेकिन वीडियो 18 सितंबर को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया। लेकिन इस खबर में पीड़ित को दलित समुदाय का नहीं बताया गया है। इसके अलावा tv9hindi की 18 सितंबर 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि यूपी के रायबरेली में दबंगों ने एक युवक का अपहरण कर उसकी पिटाई की और दबंगों ने पीड़ित युवक से अपने जूते भी चटवाये। यह घटना एक महीने पुरानी है। ऊंचाहार थाना क्षेत्र के सवैया राजे गांव निवासी पीड़ित अमन सिंह का कहना है कि 21 अगस्त को वह बाइक से घर आ रहा था। रास्ते में कार से उसकी बाइक में टक्कर मारी गई। इसके बाद कार सवार लोगों ने तमंचे के बल पर घसीट कर उसे कार में बैठा लिया। दबंग उसका अपहरण कर सुनसान स्थान पर ले गए। वहां लात-घूसों व डंडों से मारा-पीटा और अपने जूते भी चटवाए।

जांच के दौरान हमें इस वीडियो के संदर्भ में 18 सितंबर 2024 का रायबरेली पुलिस का एक ट्वीट मिला। जिसमें लिखा है, “घटना दिनांक 21.08.24 की है। वादी व प्रतिवादी दोनो सामान्य जाति से है। थाना ऊंचाहार पुलिस द्वारा आवश्यक निरोधात्मक कार्यवाही जा चुकी है। वादी से प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना उंचाहार पर सुसंगत धाराओ मे अभियोग पंजीकृत है। वादी-प्रतिवादी दोनों ही आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं।”

raebareli police tweet

Image Source : SOCIAL MEDIA
रायबरेली पुलिस का ट्वीट

फैक्ट चेक में क्या निकला?

जांच में वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा गलत पाया गया। इंडिया टीवी के फैक्ट चेक ने पाया कि पीड़ित अमन सिंह को दलित बताकर भ्रामक दावा किया गया है। रायबरेली पुलिस के मुताबिक पीड़ित और आरोपी दोनों सामान्य जाति से हैं। इसलिए इस घटना में जातिवाद का कोई एंगल नहीं है। इस वीडियो को फर्जी दावों के साथ शेयर किया जा रहा है, इसलिए लोगों को ऐसी किसी भी फर्जी पोस्ट से सावधान रहने की सलाह दी जाती है।

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