बिहार के मुजफ्फरपुर में गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों ने हमेशा तुष्टिकरण करने का काम किया है। अगर इसे रोका नहीं गया तो बिहार के सीमावर्ती इलाके में बहुत बड़ी दिक्कत आने वाली है।
इंडिया टीवी सीएनएक्स द्वारा राजस्थान में जनता की राय जानने के लिए ओपिनियिन पोल का आयोजन किया गया। इस दौरान अलग-अलग जातियों को लेकर जनता से सवाल किया कि आखिर किस जाति के लोग किस पार्टी के साथ है। इसपर जनता के जवाब चौंकाने वाले हैं।
बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में जातिवार जनगणना की रिपोर्ट जारी की है। इस मुद्दे पर विभिन्न दलों व नेताओं के रिएक्शन निकलकर सामने आ रहे हैं। अब भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मुद्दे पर बात रखी है।
सोमवार को बिहार सरकार द्वारा जातिवार जनगणना की रिपोर्ट जारी करने के बाद देशभर में सियासत गरम है। अब पीएम मोदी ने जनगणना समेत कई अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों को जमकर निशाने पर लिया है।
बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जातीय जनगणना की मांग उठने लगी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि जब लोगों को पता चलता है कि वे कितने हैं, तो उनमें एक आत्मविश्वास जागता है और सामाजिक अन्याय के खिलाफ एक सामाजिक चेतना भी जागती है। इससे उनकी एकता बढ़ती है और बाधाओं को दूर करते हैं।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अब कांग्रेस के लोग नहीं चला रहे हैं। उसके बड़े नेता मुंह बंद करके बैठे हैं। पीएम ने कहा कि कांग्रेस को पर्दे के पीछे से वो लोग चला रहे हैं, जिनकी देश विरोधी ताकतों से साठगांठ है।
बिहार सरकार की ओर से जारी किए गए जातिगत जनगणना के बाद अब विपक्षी दल अन्य राज्यों में भी इसी तरह की जनगणना की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी कहा है कि भारत के जातिगत आंकड़े जानना जरूरी है।
बिहार में जातिगत जनगणना के आंकड़े आने के बाद देश की राजनीति गरम हो गई है। तमाम विरोध के बाद भी नीतीश सरकार ने ये जनगणना कराई और इसका डेटा जारी किया। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल भी अब जातिगत जनगणना के समर्थन में कूद गए हैं।
बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। जारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13% है और अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% हैं। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है।
बिहार में किस जाति की कितनी संख्या है, अब आप पता कर सकते हैं। नीतीश कुमार की सरकार ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं। देखें डिटेल्स-
IndiaTv Poll: वाहनों के पीछे जाति और धर्म सूचक शब्द लिखवाना या स्टिकर लगाना लोगों के बीच इसका एक ट्रेंड सा देखने को मिलता है। लेकिन क्या ये सही है? इस मुद्दे को लेकर इंडिया टीवी ने एक पोल किया जिसके परिणाम कुछ इस प्रकार रहे।
प्रशांत किशोर ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोलते हुए सवाल किया कि जब ये नेता इतने दिनों से सत्ता में हैं, तो पहले जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाई।
अमेरिका में कैलिफोर्निया स्टेट सीनेट ने जाति आधारित भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने के वास्ते बृहस्पतिवार को एक विधेयक पारित किया। इस विधेयक को एक के मुकाबले 34 मतों से पारित किया गया। इससे कैलिफोर्निया अमेरिका का पहला प्रांत बन जाएगा जो अपने भेदभाव रोधी विधेयकों में जाति की श्रेणी भी जोड़ेगा।
बिहार में जाति और वोट को लेकर प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है। पीके ने कहा कि बिहार में जाति से वोट नहीं मिलता, यहां नरेंद्र मोदी की तो जाति के लोग नहीं फिर क्यों उन्हें लोग वोट देते हैं।
Mohan Bhagwat On Swami Prasad Maurya: बिहार से शुरु होकर यूपी तक पहुंचे रामचरित मानस विवाद में अब नया कांड जुड़ गया है. जाति पर चल रहे हंगामे के बीच संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक बयान सबको उलझा गया है. इसकी राजनीतिक व्याख्या किसके लिए फायदेमंद होगी किसलिए लिए नुकसानदायक इसका कैलकुलेशन भी शुरू हो गया.
Caste Census: जातीय जनगणना डिमांड है या Political मजबूरी ?
Caste Discrimination: देश आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहा है। लेकिन आजादी के इतने वर्षों बाद भी कई जगह ऐसी हैं जहां जातिगत रूप से लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।
Giriraj Singh: मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि- 'हमें किसी भी तरह से जातीगत जनगणना से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अल्पसंख्यकों की जाति लिखी जानी चाहिए। अगर इस जनगणना में बांग्लादेशियों और साथ ही साल 1991 में चिन्हित लोगों को गिना जाएगा तो इसका विरोध करेंगे।'
Caste Census Bihar :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी धर्मो, जातियों और उपजातियों की गिनती होगी। ऐसे में साफ है कि बिहार में जाति आधारित गणना सिर्फ हिंदू जातियों की ही नहीं होगी बल्कि मुस्लिम समुदाय की जातियों की भी गिनती की जाएगी।
उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर जूते की जाति को लेकर हुए बवाल की वजह से सुर्खियों में आ गया है। जूते के दुकानदार परआरोप है कि वह जिस जूते को बेच रहा था उस पर जाति का उल्लेख था।
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