सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में कई तरह के वीडियो वायरल होते हैं। इनमें से कई वीडियो गलत दावों के साथ शेयर किए जाते हैं। ज्यादातर लोग इन वीडियो को सच मानकर अपने टाइमलाइन में शेयर कर लेते हैं। इसका बाकी लोगों में गलत असर पड़ता है। ऐसे ही फेक और गलत दावों के साथ शेयर किए गए वीडियो, फोटो और पोस्ट को इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम जांच करती है। इनके दावों की सत्यता की जांच करती है।
लेबनान और इजरायल हमले से जुड़ा वीडियो
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लेबनान और इजरायल के हमलों से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में दावा किया जा रहा है कि 27 सितंबर को लेबनान द्वारा इजरायल के हाइफा और आसपास के क्षेत्रों में कम से कम 10 रॉकेट दागे गए। लेबनान के रॉकेट हमले से हाइफा के लोग दहशत में हैं। वीडियो में दावा किया गया कि रॉकेट के हमले के बाद सायरन की आवाजें सुनी गईं। इनमें से कुछ रॉकेट को रोक लिया गया, जबकि अन्य रॉकेट इजरायल के हाइफा शहर के खुले क्षेत्रों में जा गिरे।
क्या हो रहा वायरल?
इजरायल के शहर हाइफा में हुए इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वायरल हो गया। इस वीडियो में एक घनी आबादी वाले इलाके में भीषण आग लगी हुई दिखाई दे रही है। आस-पास की सड़कों पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां दौड़ रही हैं। इमारतों से धुंआ उठता हुआ दिख रहा है। जाइनाब्जेहरा (ZAINABZEHRA) नाम के एक यूजर ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'हाइफा जल रहा है। शुक्रिया हिजबुल्लाह।'
INDIA TV की फैक्ट चेक टीम ने की पड़ताल
इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि इस वीडियो का हाइफा के रॉकेट हमलों से कोई लेना-देना नहीं है। यह वीडियो इसी साल 13 अगस्त को हाइफा शहर के एक फर्नीचर स्टोर में लगी भीषण आग का है। वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर 14 अगस्त 2024 की एक पोस्ट दिखाई दी। जिसमें एक बिल्डिंग से आग की लपटों के बीच धुएं का गुबार उड़ता हुआ दिखाई दे रहा है।
इस वीडियो से संबंधित एक मीडिया रिपोर्ट भी मिली, जिसमें बताया गया कि हाइफा के मैक्लेफ स्ट्रीट पर स्थित एक फर्नीचर स्टोर में 13 अगस्त को आग लग गई। मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम ने पहुंच कर आग बुझाई।
क्या है वायरल पोस्ट की सच्चाई?
इस तरह इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि 27 सितंबर को इजरायल के हाइफा शहर में लेबनान द्वारा कोई ऐसा हमला नहीं किया गया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जो वीडियो गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है। वह एक महीने पहले (13 अगस्त) फर्नीचर शॉप में लगी आग का है। इस वीडियो को लेबनान द्वारा रॉकेट हमले से कोई लेना देना नहीं हैं।