Thursday, May 22, 2025
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इन डरावनी फिल्मों को देख थर-थर कांपने लगेगा शरीर, अकेले देखने की न करें गलती

Himanshi Tiwari Written By: Himanshi Tiwari @Himanshi200124 Published on: May 08, 2025 17:16 IST
  • हॉरर फिल्में हमें डराती हैं क्योंकि उसमें हमें वो देखने को मिलता जो हम सोच भी नहीं सकते हैं। वे हमारे उस डर को बढ़ाती हैं जो हम अंदर दफन किए बैठे हैं। लेकिन, क्या होगा अगर ऐसी हॉरर फिल्में हों जो साबित करें कि डर वास्तव में हमारी गलतियों का परिणाम है? 'द मिस्ट' से 'टू द विच' जैसी कई फिल्में ऐसी ही हैं।
    Image Source : Instagram
    हॉरर फिल्में हमें डराती हैं क्योंकि उसमें हमें वो देखने को मिलता जो हम सोच भी नहीं सकते हैं। वे हमारे उस डर को बढ़ाती हैं जो हम अंदर दफन किए बैठे हैं। लेकिन, क्या होगा अगर ऐसी हॉरर फिल्में हों जो साबित करें कि डर वास्तव में हमारी गलतियों का परिणाम है? 'द मिस्ट' से 'टू द विच' जैसी कई फिल्में ऐसी ही हैं।
  • कई अच्छी हॉरर फिल्में बनी हैं। कुछ फिल्में पूरी तरह से स्लेशर मॉन्स्टर डरावनी हैं, जबकि कुछ मनोवैज्ञानिक तरीके से लोगों को डरती है। लेकिन, कभी-कभी हॉरर फिल्म का सबसे डरावना हिस्सा सिर्फ भूत नहीं होता है। यह वह पल होता है जब कोई किरदार एक भयानक मानवीय गलती करता है। चाहे वह लालच के चक्कर में हो या सिर्फ लापरवाही हो, ये फिल्में दिखाती हैं कि कैसे एक गलत फैसला सब कुछ बिगाड़ सकता है।
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    कई अच्छी हॉरर फिल्में बनी हैं। कुछ फिल्में पूरी तरह से स्लेशर मॉन्स्टर डरावनी हैं, जबकि कुछ मनोवैज्ञानिक तरीके से लोगों को डरती है। लेकिन, कभी-कभी हॉरर फिल्म का सबसे डरावना हिस्सा सिर्फ भूत नहीं होता है। यह वह पल होता है जब कोई किरदार एक भयानक मानवीय गलती करता है। चाहे वह लालच के चक्कर में हो या सिर्फ लापरवाही हो, ये फिल्में दिखाती हैं कि कैसे एक गलत फैसला सब कुछ बिगाड़ सकता है।
  • द मिस्ट (2007): फ्रैंक डाराबोंट द्वारा स्टीफन किंग के उपन्यास पर आधारित दिल दहला देने वाली फिल्म है। किराने की दुकान में फंसे शहर के लोगों का एक समूह कुछ खूंखार जीवों के आतंक में फंस जाता है। लेकिन असली खौफ? डर में लिया गया एक हताश, हैरान करने वाला फैसला होता है और आखिरकार उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
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    द मिस्ट (2007): फ्रैंक डाराबोंट द्वारा स्टीफन किंग के उपन्यास पर आधारित दिल दहला देने वाली फिल्म है। किराने की दुकान में फंसे शहर के लोगों का एक समूह कुछ खूंखार जीवों के आतंक में फंस जाता है। लेकिन असली खौफ? डर में लिया गया एक हताश, हैरान करने वाला फैसला होता है और आखिरकार उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
  • डोंट लुक अप (2021): तकनीकी रूप से एक साइंस फ्रिक्शन फिल्म होने के बावजूद, यह प्रलय की कहानी को दिखाती है। जैसे-जैसे एक धूमकेतु पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, राजनीतिक एजेंडा, मीडिया का ध्यान भटकाना और जनता डर में खोती है। इसमें लियोनार्डो डिकैप्रियो, जेनिफर लॉरेंस, रॉब मॉर्गन, जोना हिल जैसे कलाकारों की टोली है।
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    डोंट लुक अप (2021): तकनीकी रूप से एक साइंस फ्रिक्शन फिल्म होने के बावजूद, यह प्रलय की कहानी को दिखाती है। जैसे-जैसे एक धूमकेतु पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है, राजनीतिक एजेंडा, मीडिया का ध्यान भटकाना और जनता डर में खोती है। इसमें लियोनार्डो डिकैप्रियो, जेनिफर लॉरेंस, रॉब मॉर्गन, जोना हिल जैसे कलाकारों की टोली है।
  • 28 डेज लेटर (2002): डैनी बॉयल की पोस्ट-एपोकैलिप्टिक हॉरर फिल्म में जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों का एक समूह दुनिया के टूटने से पहले रेज वायरस से संक्रमित एक चिम्पांजी को छोड़ देता है। लेकिन, उनकी चाल उलटी पड़ जाती है और एक घातक वैश्विक महामारी को जन्म देती है।
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    28 डेज लेटर (2002): डैनी बॉयल की पोस्ट-एपोकैलिप्टिक हॉरर फिल्म में जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों का एक समूह दुनिया के टूटने से पहले रेज वायरस से संक्रमित एक चिम्पांजी को छोड़ देता है। लेकिन, उनकी चाल उलटी पड़ जाती है और एक घातक वैश्विक महामारी को जन्म देती है।
  • द विच (2015): एक परिवार जंगल में अपने दम पर जीवित रहने का प्रयास करता है। उनका पतन? धार्मिक अभिमान और एक-दूसरे के प्रति अविश्वास उन्हें दुश्मन बना देता है। रॉबर्ट एगर्स की इस फिल्म में आन्या टेलर-जॉय ने अपनी पहली फीचर फिल्म की है।
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    द विच (2015): एक परिवार जंगल में अपने दम पर जीवित रहने का प्रयास करता है। उनका पतन? धार्मिक अभिमान और एक-दूसरे के प्रति अविश्वास उन्हें दुश्मन बना देता है। रॉबर्ट एगर्स की इस फिल्म में आन्या टेलर-जॉय ने अपनी पहली फीचर फिल्म की है।
  • पेट सेमेट्री (1989/2019): स्टीफन किंग के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में एक डॉक्टर को एक ऐसी कब्रगाह की खोज करते हुए दिखाया गया है जो मृतकों को वापस जीवित कर देती है। जब त्रासदी आती है तो वह अपने दुख से बचने के लिए प्रकृति के खिलाफ हो जाता है, जिसके भयानक परिणाम होते हैं।
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    पेट सेमेट्री (1989/2019): स्टीफन किंग के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म में एक डॉक्टर को एक ऐसी कब्रगाह की खोज करते हुए दिखाया गया है जो मृतकों को वापस जीवित कर देती है। जब त्रासदी आती है तो वह अपने दुख से बचने के लिए प्रकृति के खिलाफ हो जाता है, जिसके भयानक परिणाम होते हैं।
  • हेरेडिटरी (2018): एरी एस्टर की फिल्म में एक परिवार को अपनी कुलमाता की मृत्यु के बाद अलौकिक अराजकता में उतरते हुए दिखाया गया है।
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    हेरेडिटरी (2018): एरी एस्टर की फिल्म में एक परिवार को अपनी कुलमाता की मृत्यु के बाद अलौकिक अराजकता में उतरते हुए दिखाया गया है।