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आज के समय में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे है, खासकर युवाओं में। पहले इस आयु वर्ग में कैंसर के मामले काफी कम थे लेकिन अब कई युवा रोगी कैंसर से प्रभावित पाए जा रहे हैं। कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे बिगड़ी हुई लाइफ स्टाइल से लेकर खराब खानपान जैसे कई कारक जिम्मेदार हैं। आज के समय में प्रोसेस्ड फूड का सेवन बढ़ गया है, जबकि फाइबर युक्त आहार कम हो गया है। शारीरिक गतिविधि भी पहले की तुलना में काफी कम हो गई है, जिससे जीवनशैली गतिहीन हो गई है। ये सभी कारक कैंसर संभावना को बढ़ाते हैं। नई दिल्ली में स्थित पीएसआरआई अस्पताल में वरिष्ठ कंसल्टेंट हेमेटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर, डॉ. अमित उपाध्याय बता रहे हैं कि आजकल किन कारणों से युवा कैंसर की चपटे में तेजी से आ रहे हैं।
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मोटापा (obesity) एक और महत्वपूर्ण कारक है, जो कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। इसके अलावा, पर्यावरणीय कारक जैसे रासायनिक प्रदूषक (chemical pollutants), माइक्रोप्लास्टिक, रंगाई एजेंट्स (coloring agents) आदि के संपर्क में आने से भी कैंसर का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि ये हमारे डीएनए को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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महिलाओं में विशेष रूप से स्तन कैंसर (breast cancer) के मामले बढ़ रहे हैं। इसके पीछे कारण है देर से मातृत्व (late childbirth), कम स्तनपान (breastfeeding), और हार्मोनल असंतुलन, जो स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, आंतों के माइक्रोबायोम (gut microbiome) की सेहत भी कैंसर के जोखिम को प्रभावित करती है। शरीर में स्वस्थ बैक्टीरिया के संतुलन में गड़बड़ी कैंसर के विकास को बढ़ावा दे सकती है। अंततः, अनुवांशिक (genetic) कारक भी कैंसर के बढ़ते मामलों के पीछे जिम्मेदार हैं।
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अगर हम कैंसर से बचाव के बारे में बात करें, तो सबसे महत्वपूर्ण है स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना। शराब और तंबाकू (जैसे गुटखा, सिगरेट आदि) से पूरी तरह दूरी बनाए रखना चाहिए। नियमित व्यायाम करें और एक संतुलित आहार लें जिसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में हों।
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टीकाकरण (vaccination) भी कैंसर की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) और एचपीवी (HPV) के लिए उपलब्ध टीके सीधे तौर पर कुछ प्रकार के कैंसर के जोखिम को कम करते हैं।
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नियमित स्क्रीनिंग भी बेहद जरूरी है। जिन कैंसर के लिए स्क्रीनिंग उपलब्ध है, जैसे कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर, उनकी नियमित जांच करानी चाहिए। इससे किसी भी संभावित कैंसर का जल्दी पता चल सकता है और उपचार भी आसान हो जाता है।
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अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात है जागरूकता। यह मानना गलत है कि हमें कैंसर नहीं हो सकता। अपने शरीर के किसी भी नए लक्षण को अनदेखा न करें और समय पर डॉक्टर से सलाह लें। समय पर पहचान और उपचार से कैंसर को न केवल रोका जा सकता है बल्कि इसका सफलतापूर्वक इलाज भी किया जा सकता है