Friday, April 19, 2024
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PM Modi Gujarat Visit: विकास योजनाओं से आदिवासी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: पीएम

PM Modi Gujarat Visit: 2018 में, राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 586.16 करोड़ रुपये की लागत से एस्टोल परियोजना शुरू की।

Deepak Vyas Written by: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: June 10, 2022 15:00 IST
PM Modi Gujarat Visit- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO PM Modi Gujarat Visit

Highlights

  • एस्टोल प्रोजेक्ट से 4.50 लाख लोगों की बुझ सकेगी प्यास
  • इस परियोजना से प​हाड़ी क्षेत्रों के लोगों को मिलेगा फायदा
  • 2018 में शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट इंजीनियरों के लिए था चुनौतीपूर्ण

PM Modi Gujarat Visit: गुजरात के नवसारी में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बिजली, पानी सड़क स्वास्थ्य और शिक्षा का विकास हमारे आदिवासी क्षेत्र में होगा तो रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात के दौरे पर हैं। इस दौरान वे कई विकास परियोजना का उद्घाटन भी हुआ है, जिससे गुजरात का विकास होगा। पीएम गुजरात गौरव अभियान में भी शिरकत कर रहे हैं। नवसारी से दक्षिण गुजरात के आदिवासी गांवों में रहने वाले 4.50 लाख लोगों को नल का पानी सुनिश्चित करने वाली एस्टोल परियोजना का लाभ मिलेगा।

पीएम मोदी का इस आदिवासी क्षेत्र का दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि पिछली कई माह से यहां के आदिवासी परिवार के कांग्रेस नेता अनंत पटेल की सक्रियता से एक आंदोलन चलाया गया है, जिसमें तापी-नर्मदा रिवर लिंक प्रोजेक्ट का विरोध किया गया। हालांकि विरोध के बाद इस प्रोजेक्ट को रद्द कर दिया गया। अब उसी इलाके में आज पीएम की बड़ी रैली है। माना जा रहा है कि आदिवासियों की नाराजगी को दूर करने का काम​ किया जाएगा। 

PM Modi Gujarat Visit

Image Source : INDIA TV
PM Modi Gujarat Visit

दरअसल, गुजरात में अंबाजी से से उमरगांव का एरिया आदिवासी बहुल माना जाता है। इसमें दक्षिण गुजरात की 13 सीटें आती हैं। उधर, परियोजना के बारे में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, ‘वलसाड जिले के कपराडा और धर्मपुर तालुकों में एस्टोल परियोजना को पूरा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे इंजीनियरों ने सभी बाधाओं को पार कर लिया।’

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘यह इंजीनियरिंग के नजरिए से भी एक तकनीकी चमत्कार है। इस परियोजना के माध्यम से हम लगभग 200 मंजिला इमारत (1,875 फीट) की ऊंचाई तक पानी लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।’ 2018 में, राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 586.16 करोड़ रुपये की लागत से एस्टोल परियोजना शुरू की। मधुबन बांध से पानी निकाला जाएगा।

धरमपुर और कपराडा के कुछ आदिवासी क्षेत्रों की जमीन ऐसी है कि यहां न तो बारिश का पानी संचित किया जा सकता है, न भूजल का संग्रहण ही किया जा सकता है। क्योंकि यहां पथरीली जमीन है  और बारिश के पानी जमीन में जाने की बजाय तेजी से बह जाता है। इसलिए भूजल संग्रहण नहीं हो पाता है। पथरीली जमीन और तेज बहाव के कारण केवल बरसात के मौसम में ही जलाशय भर पाते हैं और कुछ ही समय में सूख जाते हैं। 

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