Wednesday, October 02, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. हेल्थ
  3. डेंगू के मरीज में दिख रहे हैं ये नए लक्षण, पैरासिटामोल की ओवरडोज साबित हो रही है खतरनाक, ये हैं जोखिम

डेंगू के मरीज में दिख रहे हैं ये नए लक्षण, पैरासिटामोल की ओवरडोज साबित हो रही है खतरनाक, ये हैं जोखिम

Dengue New Symptoms: बारिश के बाद देशभर में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ने लगा है। बिहार की राजधानी पटना में डेंगू के कई मामले सामने आए हैं। वहीं डेंगू के इलाज के लिए ज्यादा पैरासिटामोल का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो रहा है। जानिए क्या हैं इसके लक्षण?

Written By: Bharti Singh
Updated on: September 17, 2024 14:20 IST
डेंगू के नए लक्षण- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK डेंगू के नए लक्षण

इस साल बिहार में अबतक डेंगू के 1,774 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पिछले दिनों राज्य भर में 48 नए मामले सामने आए हैं। बीते दिन पटना में डेंगू के सबसे ज्यादा 36 नए मामले सामने आए। इन आंकड़ों को देखते हुए इस साल बिहार में अब तक डेंगू के मरीजों की कुल संख्या 832 हो गई है। पिछले छह दिनों में, राज्य में डेंगू के मामलों में 30.7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। 

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पटना के अलावा, मधेपुरा, सारण, लखीसराय, नालंदा, सुपौल और वैशाली जिलों में पांच नए मामले सामने आए, जिनमें से तीन सारण में थे। पिछले सप्ताह के दौरान, पटना जिले में प्रति दिन औसतन 35 से 60 मामले दर्ज किए गए। वहीं रविवार को 46, शनिवार को 46, शुक्रवार को 59, गुरुवार को 37 और बुधवार को सबसे ज्यादा 44 पॉजिटिव केस मिले थे।  

डेंगू के मरीज में दिख रहे हैं ये नए लक्षण

डेंगू का इलाज करते वक्त लक्षणों में कुछ बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। इस बार डेंगू के नए स्ट्रेन में कोरोना की तरह शुरुआत के 3-4 दिन तक बुखार कम होने का नाम नहीं लेता। बुखार इतना तेज आता है कि पैरासिटामोल 650 लेने पर भी कम नहीं होता। ऐसे में मरीजों को हर 4-5 घंटे पर दवा देनी पड़ती है। यही कारण है कि इस बार डेंगू के मरीज प्लेटलेट्स कम होने की बजाय काली उल्टी या काले मल की समस्या के साथ अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। IGIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल का कहना है कि अस्पताल आने वाले हर 10 मरीजों में से दो से तीन मरीज इससे पीड़ित हैं।

पेरासिटामोल की ओवरडोज साबित हो रही है खतरनाक 

अभी तक हेमोरेजिक और शॉक सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों को कम इलाज की जरूरत नहीं होती है। इन्हें प्लेटलेट्स की जरूरत बनी रहती है। मरीज को चार से पांच घंटे के अंतराल पर चार से पांच बार दवा लेनी पड़ती है। इस साल अब तक डेंगू, हेमोरेजिक या शॉक सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी कम सामने आई है। डॉ मनीष मंडल का कहना है कि आमतौर पर डॉक्टर प्रति दिन 15 मिलीग्राम पेरासिटामोल की तीन गोलियां प्रति किलोग्राम के हिसाब से लेने की सलाह देते हैं।

डेंगू बुखार के अलग-अलग चरण

डेंगू बुखार में कई चरण होते हैं। जिसमें अलग अलग समय पर लक्षणों में भी बदलाव होने लगता है। नॉर्मली डेंगू बिना दवा के 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है। इसके बहुत गंभीर लक्षण नहीं होते हैं। कई बार बुखार कम होने के बाद भी गंभीर बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इसमें शरीर में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं और फिर नाक, मसूड़ों, त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं। अगर सही इलाज न किया जाए तो शरीर में लिक्विड की कमी से ब्लड प्रेशर भी लो होने लगता है। कई बार मरीज कोमा में चला जाता है। कई बार मरीज की हालत में सुधार हो रहा होता है तो रक्त वाहिकाओं में तरल पदार्थ की मात्रा अचानक बढ़ने लगती है। इससे हार्ट पर दबाव बढ़ने लगता है। इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न खाएं।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

 

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement