
बॉलीवुड एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के पूर्व पति और बिजनेसमैन संजय कपूर का 12 जून को हार्ट अटैक से निधन हो गया है। जानकारी के मुताबिक, इंग्लैंड के गार्ड्स पोलो क्लब में पोलो खेलते समय संजय को दिल का दौरा पड़ा और वे अचानक से गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा पाए। यह खबर चौंकाने वाली इसलिए है क्योंकि संजय कपूर अपनी फिटनेस और ऐक्टिव लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते थे। सवाल यह उठता है कि जब व्यक्ति स्वस्थ और एक्टिव रहता है, तब भी हार्ट अटैक जैसी जानलेवा घटनाएं क्यों हो रही हैं।
इंडियन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में हर साल 17 लाख लोगों की जान हृदय संबंधी बीमारियों की वजह से जाती है। ऐसे में एशियन अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. प्रतीक चौधरी, बता रहे हैं कि अच्छी फिटनेस के बाद भी लोग हृदयाघात की चपेट में क्यों आ रहे हैं?
हार्ट अटैक के पीछे ये वजहें हैं ज़िम्मेदार
असल में, दिल की बीमारी केवल बाहरी फिटनेस पर निर्भर नहीं करती, बल्कि यह हमारे शरीर के अंदर चल रहे कई जैविक और मानसिक कारकों से जुड़ी होती है। नियमित जिम जाना या पतली काया होना, यह गारंटी नहीं है कि आपकी धमनियां स्वस्थ हैं या हृदय पर दबाव नहीं है।
आधुनिक जीवनशैली में नींद की कमी, मानसिक तनाव, अनियमित खानपान, अत्यधिक कैफीन या शराब का सेवन और लगातार बैठकर काम करने की आदत दिल की सेहत को गुपचुप नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा जेनेटिक फैक्टर, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और डायबिटीज भी बिना लक्षणों के धीरे-धीरे दिल की नसों को संकुचित कर सकते हैं।
-
40 के बाद बढ़ जाता है खतरा: 40 से अधिक उम्र के हर व्यक्ति को दिल की बीमारी होने की संभावना होती है, खासकर जब मरीज़ को डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की बीमारी हो। ऐसे हर व्यक्ति को स्वयं को तब तक दिल का मरीज ही मानना चाहिए, जब तक कि जांच में यह गलत नहीं पाया जाता।
-
कम नींद और ज़्यादा तनाव हैं बहुत बड़ी वजह: असामान्य तनाव, नींद की कमी से जूझ रहे लोगों को ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। आजकल लोग नींद कम और स्ट्रेस ज़्यादा लेते हैं, जो हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ाता है। मानसिक तनाव भी कार्डियक अरेस्ट का कारण हो सकता है। आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग वर्कलोड से चिंतित रहते हैं।
-
फॅमिली हिस्ट्री होना चाहिए पता: हार्ट अटैक के पीछे फॅमिली हिस्ट्री भी एक बहुत बड़ी वजह है। जिन लोगों के परिवार में दिल से जुड़ी बीमारियों का इतिहास रहा है। उन्हें अपनी सेहत को लेकर हमेशा सावधान रहना चाहिए
-
नशे से बनाएं दूरी: ज़्यादा शराब पीना, धूम्रपान और ड्रग्स का सेवन दिल को कमजोर बना देते हैं। ऐसे लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के कुछ लक्षण दिख सकते हैं, लेकिन अक्सर लोग उन्हें बार बार नजरअंदाज करते हैं। इसलिए समय समय पर हेल्थ चेकअप कराएं और जानकार की देखरेख में एक्सरसाइज करें।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव
अव्यस्थित जीवनशैली बीमारी की ओर ले जाती है इसलिए अपने आपको हेल्दी रखने के लिए ज़रूरी है कि खानपान बेहतर करें और अच्छी लाइफस्टाइल अपनाएं। हर व्यक्ति 30 साल की उमर के बाद नियमित हेल्थ चेकअप करवाएं जैसे ईसीजी, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच। साथ ही संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, तनाव का प्रबंधन और दिल से जुड़ी किसी भी असामान्यता को हल्के में न लें। 40-45 की उम्र के बाद शरीर कमजोर होएं लगता है इसलिए डाइट से लेकर सोने और उठने का एक तय रूटीन बना लें।
अच्छी फिटनेस एक जरूरी पहलू है लेकिन अंदरूनी सेहत की निगरानी उससे भी ज़्यादा जरूरी है। नशे से दूर रहे। वर्क लोड का ज़्यादा प्रेशर ने लें। अपनी एनर्जी पॉज़िटिव चीज़ों में लगाएं। अगर हाई कोलेस्ट्रॉल , हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह कर इसको कंट्रोल में रखे। दिल की बीमारी अब केवल वृद्धों की नहीं रही, युवा और फिट लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं – इसलिए सतर्क रहें, जांच करवाएं और जीवनशैली को संतुलित रखें।
Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।