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हाई ब्लड प्रेशर है साइलेंट किलर, जानें कैसे बन सकता है हार्ट फेलियर का कारण और डॉक्टर से समझें बचाव के तरीके

जब बीपी लगातार सामान्य सीमा से ऊपर रहता है तो यह हृदय को अत्यधिक दबाव में काम करने के लिए मजबूर करता है। धीरे-धीरे यह स्थिति दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है और हार्ट फेलियर जैसे गंभीर रोग की संभावना को बढ़ा देती है।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Jun 10, 2025 14:30 IST, Updated : Jun 10, 2025 15:03 IST
हाई ब्लड प्रेशर
Image Source : INDIA TV हाई ब्लड प्रेशर

हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप एक ऐसी स्वास्थ्य समस्या है, जो बिना किसी स्पष्ट लक्षण के भी शरीर को अंदर से नुकसान पहुंचाती है। एशियन अस्पताल में स्थित हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रतीक चौधरी के अनुसार, जब बीपी लगातार सामान्य सीमा से ऊपर रहता है तो यह हृदय को अत्यधिक दबाव में काम करने के लिए मजबूर करता है। धीरे-धीरे यह स्थिति दिल की मांसपेशियों को कमजोर कर सकती है और हार्ट फेलियर जैसे गंभीर रोग की संभावना को बढ़ा देती है।

दिल की पंप करने की क्षमता होने लगती है कम 

लंबे समय तक ब्लड प्रेशर का बढ़ा हुआ स्तर दिल की दीवारों को मोटा और कठोर बना देता है। इससे दिल की पंप करने की क्षमता कम होने लगती है और व्यक्ति को सांस फूलने, थकान और पैरों में सूजन जैसी समस्याएं महसूस होने लगती हैं, जो हार्ट फेलियर के लक्षण हो सकते हैं। हाई बीपी का असर सिर्फ हृदय तक सीमित नहीं होता। यह किडनी, आंखों और मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। लेकिन दिल पर इसका असर सबसे बड़ा माना जाता है।

हाई बीपी नियंत्रित करना है ज़रूरी

इस स्थिति से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है हाई बीपी को समय रहते नियंत्रित करना। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि व्यक्ति नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक करवाए। कई बार लोग लक्षण महसूस न होने पर लापरवाही कर देते हैं, लेकिन यह आदत नुकसानदायक हो सकती है।

जीवनशैली करने होंगे ये बदलाव

हाई बीपी को कंट्रोल में रखने के लिए जीवनशैली में कुछ सरल बदलाव बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। सबसे पहले, नमक का सेवन सीमित करना चाहिए क्योंकि यह बीपी को बढ़ा सकता है। इसके अलावा, फल और हरी सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार लेना फायदेमंद होता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की वॉक या हल्का व्यायाम करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है और दिल की सेहत बेहतर होती है। 

तनाव भी हाई बीपी का एक बड़ा कारण है, इसलिए नियमित रूप से ध्यान, योग या गहरी सांसों के अभ्यास से तनाव को कम किया जा सकता है। धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन भी दिल पर बुरा असर डालता है, अतः इन आदतों से बचना चाहिए। यदि डॉक्टर ने दवाएं लिखी हैं, तो उन्हें नियमित रूप से लेना और फॉलोअप में जाना जरूरी है। खुद से दवाएं बंद करना या डोज़ में बदलाव करना नुकसानदायक हो सकता है।

अंत में, यह समझना बेहद जरूरी है कि हाई बीपी को नजरअंदाज करना दिल के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। लेकिन यदि इसे समय पर पहचाना जाए और जीवनशैली में बदलाव किया जाए, तो इससे दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।

Disclaimer: (इस आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स केवल आम जानकारी के लिए हैं। सेहत से जुड़े किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी भी तरह का बदलाव करने या किसी भी बीमारी से संबंधित कोई भी उपाय करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इंडिया टीवी किसी भी प्रकार के दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।

 

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