Thursday, March 28, 2024
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लॉकडाउन के वजह से शराब न मिल पाने के कारण 'विड्राल सिम्पटम्स' के कई मामले आए सामने

इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ इन एर्रागड्डा में पिछले कुछ समय में करीब 140 मामले सामने आए है। वहीं अगर अकेले सोमवार की बात करें तो करीब 40 मामले सामने आए है।

Bhasha Written by: Bhasha
Updated on: March 30, 2020 18:25 IST
alchohal- India TV Hindi
Image Source : PTI alchohal

कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन कर दिया गया । जिसके कारण सभी चीजों के साथ-साथ शराब की दुकाने भी बंद कर दी गई है। अचानक से शराब और पान-मसाला बंद हो जाने के कारण लोगों में विड्राल सिम्पटम्स के लक्षण देखे जा रहे हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ इन एर्रागड्डा में पिछले कुछ समय में करीब 140 मामले सामने आए है। वहीं अगर अकेले सोमवार की बात करें तो करीब 40 मामले सामने आए है। 

इस इंस्टीट्यूट का कहना कि पिछले कुछ समय से चल रहे कोरोना वायरस लॉकडाउन को देखते हुए स्थानीय बाजारों में ताड़ी या शराब नहीं मिल रही हैं। जिसके कारण लोगों में  नींद न आना, बेचैनी जैसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं। 

संस्थान में डॉक्टरों ने कहा कि  ऐसे ही मध्यम और गंभीर लक्षणों की शिकायत करने वाले लोग  हॉस्पिटल में एडमिट हो रहे हैं। 

डॉक्टरों के अनुसार, विड्राल सिम्पटम्स के लक्षण मिर्गी, असामाजिक व्यवहार करना,  खुद को घायल करना या दूसरों को भी नुकसान पहुंचाना आदि शामिल है। इसके साथ ही डॉक्टरों से चेतावनी देते हुए कहा कि कभी-कभी यह लक्षण इकने ज्यादा गंभीर हो जाते है कि लोग सुसाइड करने की कोशिश करने लगते हैं। 

पिछले शुक्रवार को एक 50 वर्षीय वर्कर  ने एक इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली, क्योंकि कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण काफी संघर्ष करने के बाद भी शराब नहीं मिल पाएं।  डॉक्टरों के अनुसार, मनोरोग परामर्श के लिए जिला अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए है। 

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उन्होंने आगे कहा कि  हम ऐसे लोगों को गंभीरता से वापस लेते हैं नशामुक्ति केंद्र में 'विड्राल सिम्पटम्स'  का उपचार दिया जाता है। वह तीन-चार दिनों तक ट्रीटमेंट करते हैं।  पिछले शनिवार को 16 मामले, रविवार को 25 और सोमवार को 94 मामलों की सूचना संस्थान को दी गई है।  राज्य सरकार के सीनियर अधिकारी ने ये कहा मामले उनके संज्ञान में आ रहे हैं और संबंधित अधिकारी को मामले को देखने को कहा।

विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ मामले गंभीर हो सकते है। इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती करेक इलाज किया जा सकता है। 

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