
सुबह उठने के बाद कई बार मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होता है। गलत पॉश्चर में सोने से कई बार दर्दन में इतना तेज दर्द होता है कि हिलना डुलना भी मुश्किल हो जाता है। गर्दन में होने वाला ये दर्द पूरे कंधे और कई बार हाथ में भी पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति में हाथ से कुछ भी काम करना भी मुश्किल हो जाता है। ज्यादातर लोगों को कभी न कभी ये दर्द जरूर महसूस हुआ होगा। आइये जानते हैं इसके कारण और निवारण क्या हैं।
ये दर्द आपकी गर्दन के दोनों ओर हो सकता है। यह साधारण मांसपेशियों में खिंचाव या तंत्रिका क्षति या रीढ़ की हड्डी में चोट जैसी गंभीर स्थितियों से संबंधित हो सकता है। गर्दन शरीर के कई हिस्सों से जुड़ती है। जिसकी वजह से गर्दन का दर्द आपके कंधे, हाथ, पीठ, जबड़े या सिर सहित आपके शरीर के दूसरे अंगों में भी दर्द पैदा कर सकता है। अगर ये दर्द लंबे वक्त तक रहता है तो डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।
गर्दन के दाहिनी ओर दर्द होने के कारण
मांसपेशियों में खिंचाव- जो लोग लंबे समय तक कंप्यूटर या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं उनकी गर्दन में दर्द हो सकता है। कई बार लंबी दूरी तक गाड़ी चलाने से भी ऐसा हो सकता है। इससे गर्दन की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। इससे गर्दन का जोड़ सख्त हो सकता है जिससे गर्दन को हिलाने में भी कठिनाई हो सकती है।
लगत तरीके से सोना- गलत तरीके से सोने से भी गर्दन में दर्द हो सकता है। जो लोग पेट के बल सोते हैं उनकी गर्दन में दर्द होने की संभावना ज्यादा रहती है। कई बार ज्यादा तकिया लगाने से भी ऐसा हो सकता है। इसके अलावा ज्यादा मुलायम गद्दे पर सोने से भी ऐसा हो सकता है।
गलत पॉश्चर- खराब पॉश्चर सीधे आपकी गर्दन और कंधों के पास की मांसपेशियों के साथ-साथ आपकी रीढ़ को भी प्रभावित करती है। आप जितनी देर तक खराब पॉश्चर में रहेंगे, आपके शरीर के ये हिस्से उतने ही कमजोर हो जाएंगे, जिससे अधिक दर्द होगा।
चिंता या तनाव- चिंता या तनाव का अनुभव करने से आपकी मांसपेशियां अकड़ सकती हैं। खासतौर से गर्दन और कंधों के आसपास की मसल्स में पेन महसूस हो सकता है। इसलिए इन परिस्थितियों से बचने की कोशिश करें।