गुवाहाटी: असम के गुवाहाटी में नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के 1615 कार्यकर्ताओं ने आत्मसमर्पण कर दिया। बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को 50 वर्षो से चले आ रहे बोडो मुद्दे के समाधान के लिए समझौता किया गया था। समझौता किए जाते समय असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, नेडा अध्यक्ष हिमंता विस्वा सरमा, BTC के मुख्य कार्यकारी सदस्य हग्रामा मोहिलारी, ABSU, UBPO, NDFB के गोविंदा बासूमतारी, धीरेंद्र बोरा, रंजन दाइमारी तथा सरायगारा घटकों के प्रतिनिधि सहित केंद्र सरकार तथा असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।
बोडो समझौते के समय ही तय हो गया था कि इस समझौते के बाद 1500 से अधिक हथियारधारी सदस्य हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे। गुरुवार को इसी समझौते के अंतर्गत नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) के 1615 लोगों ने आत्मसमर्पण कर दिया। समझौते में भारत सरकार और राज्य सरकार विशेष विकास पैकेज द्वारा 1500 करोड़ रुपये असम में बोडो क्षेत्रों के विकास के लिए विशिष्ट परियोजनाएं शुरू करना शामिल है। इसके अलावा बोडो आंदोलन में मारे गए लोगों के प्रत्येक परिवार को 5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
बता दें कि बीते गुरुवार को भी असम के 8 प्रतिबंधित संगठनों से तालुक रखने वाले कुल 644 लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सबार्नंद सोनोवाल के समक्ष गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया था। इनका संबंध उल्फा (आई), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, सीपीआई (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी से था। आत्मसमर्पण करने वालों में 50 का संबंध उल्फा (आई) से, आठ नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) से और 178 आदिवासी ड्रैगन फाइटर (एडीएफ) से थे।