Sunday, April 28, 2024
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अगले साल से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, केंद्र सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

केंद्र सरकार ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम-2021 को अधिसूचित कर दिया है जिसके तहत एक जुलाई 2022 से लॉलीपॉप की डंडी, प्लेट, कप और कटलरी सहित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के तौर पर चिह्नित वस्तुओं के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक होगी।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: August 14, 2021 9:01 IST
अगले साल से सिंगल यूज...- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE अगले साल से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, केंद्र सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन संशोधन नियम-2021 को अधिसूचित कर दिया है जिसके तहत एक जुलाई 2022 से लॉलीपॉप की डंडी, प्लेट, कप और कटलरी सहित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के तौर पर चिह्नित वस्तुओं के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक होगी। बारह अगस्त को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक बैग की मोटाई 30 सितंबर 2021 से 50 माइक्रॉन से बढ़ाकर 75 माइक्रॉन की जाएगी और 31 दिसंबर 2022 से यह मोटाई 120 माइक्रॉन होगी। इससे प्लास्टिक के बैग के दोबारा इस्तेमाल को बढ़ावा मिलेगा।

अधिसूचना के मुताबिक 30 सितंबर 2021 से गैर बुना प्लास्टिक बैग का वजन 60 ग्राम प्रति वर्ग मीटर से कम नहीं होगा। अधिसूचना में कहा गया, ‘‘एक जुलाई 2022 से पॉलिस्ट्रिन और लचीले पॉलिस्ट्रिन सहित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक होगी। प्लास्टिक की डंडी युक्त ईयर बड, गुब्बारे की प्लास्टिक से बनी डंडी, प्लास्टिक के झंडे, लॉलीपॉप और आईसक्रीम की डंडी, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पॉलिस्ट्रिन (थर्मेाकोल), प्लेट, कप, ग्लास, कटलरी जैसे कांटे, छुरी, चम्मच, चाकू, मिठाई के डिब्बों में इस्तेमाल प्लास्टिक, 100 माइक्रॉन से कम मोटे प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर आदि पर रोक होगी।’’

अधिसूचना में कहा गया कि ये प्रावधान नष्ट होने वाली प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर लागू नहीं होंगे। उल्लेखनीय है कि जून 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि भारत में वर्ष 2022 से एकल इस्तेमाल प्लास्टिक का उपयोग नहीं होगा। वर्ष 2019 में हुई संयुक्त राष्ट्र पयार्वरण सभा में भारत ने उस प्रस्ताव का नेतृत्व किया था जिसमें एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के उत्पादों से होने वाले प्रदूषण से निपटने की बात थी। इसमें स्वीकार किया गया था कि विश्व समुदाय को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। पर्यावरण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चरणपद्ध तरीके से हटाए जाने वाले, चिह्नित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के दायरे से बाहर के प्लास्टिक कचरे को, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016 के तहत निर्माता, आयातक और ब्रांड मालिकों द्वारा विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी के चलते एकत्र कर उसका पर्यावरण अनुकूल प्रबंधन किया जाना चाहिए।

विस्तृत निर्माता जवाबदेही के प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिशानिर्देश बनाए गए थे और इन संशोधित नियमों में उन्हें कानूनी ताकत दी गई है। इसके अनुपयोगी प्लास्टिक कचरे के निस्तारण की जिम्मेदारी उत्पादक की होगी। केंद्र सरकार ने इससे पहले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मुख्य सचिव या प्रशासक के नेतृत्व में एकल इस्तेमाल प्लास्टिक को खत्म करने के लिए कार्यबल बनाने और प्रभावी तरीके से प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम को लागू करने को कहा था।

संसद में दिए गए जवाब में पर्यावरण राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने बताया कि 23 जुलाई तक 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कार्यबल गठित कर दिया था। पर्यावरण मंत्रालय ने अपने निर्देशों में समन्वय के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी कार्यबल का गठन किया है।

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