Thursday, May 09, 2024
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Children Coronavirus Vaccine News: बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर आयी अच्छी खबर, जानिए ट्रायल के पहले सप्ताह में क्या हुआ

नागपुर सेंटर से वैक्सीन के क्लिनकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों से अच्छी खबर आई है। 1 सप्ताह में बच्चों के स्वास्थ्य पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।

Yogendra Tiwari Reported by: Yogendra Tiwari
Updated on: June 14, 2021 19:48 IST
बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर आयी अच्छी खबर, जानिए ट्रायल के पहले सप्ताह में क्या हुआ- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE PHOTO बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर आयी अच्छी खबर, जानिए ट्रायल के पहले सप्ताह में क्या हुआ

नागपुर। कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण को रोकने के लिए एक अच्छी खबर सामने आयी है। नागपुर सेंटर से वैक्सीन के क्लिनकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले बच्चों से अच्छी खबर आई है। 1 सप्ताह में बच्चों के स्वास्थ्य पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है। ट्रायल का पहला सप्ताह सफल रहा। पहले सप्ताह में किसी भी बच्चे को ना बुखार की शिकायत ना किसी अन्य प्रकार की शिकायत हुई है। बता दें कि, 6 जून को 40 वॉलिंटियर्स को कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया था, क्लिनकल ट्रायल के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर ने कहा हम बच्चों के टीके के नजदीक पहुंच रहे हैं। 

AIIMS के मेडिसिन विभाग के डॉ. संजीव सिन्हा ने सोमवार को बताया कि जुलाई के आखिर तक हमारे पास बहुत सारी वैक्सीन इकट्ठा हो जाएगी। बच्चों पर चल रहे ट्रायल के नतीजे अगले 3-4 महीनों में आ जाएंगे और बच्चों को भी हम वैक्सीन दे सकेंगे। अगले 5-6 महीने वैक्सीनेशन की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। 

एम्स में मंगलवार से 6-12 आयुवर्ग के बच्चों में कोवैक्सीन के परीक्षण के लिये नामांकन शुरू 

देश के स्वदेशी तौर पर विकसित पहले कोविड रोधी टीके कोवैक्सीन के छह से 12 साल के बच्चों में नैदानिक परीक्षण के लिये मंगलवार को यहां एम्स में नामांकन शुरू होगा। इसके बाद दो से छह साल के आयुवर्ग के बच्चों पर नैदानिक परीक्षण किया जाएगा। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में 12-18 आयुवर्ग के स्वयंसेवकों के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उन्हें कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई है। 

एम्स में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर, डॉ. संजय राय ने बताया, “छह से 12 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन के नैदानिक परीक्षण के लिये नामांकन प्रक्रिया मंगलवार को शुरू होगी।” भारत को औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 मई को दो से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों में भारत बायोटेक के कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी दे दी थी। यह परीक्षण तीन हिस्सों में होना है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल आयुवर्ग के 175-175 स्वयंसेवकों के तीन समूह बनेंगे। परीक्षण के दौरान टीके की दो खुराक मांसपेशियों में दी जाएंगी, जिनमें से दूसरी खुराक पहली खुराक लगने के 28वें दिन दी जाएगी। 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेश में कोवैक्सीन का निर्माण किया गया है और यह फिलहाल देश भर में चल रहे टीकाकरण अभियान के दौरान वयस्कों को दी जा रही है। नैदानिक परीक्षण बच्चों में टीके की सुरक्षा, प्रतिक्रियात्मकता और प्रतिरक्षण क्षमता का मूल्यांकन करेंगे। सरकार ने हाल में चेताया था कि कोविड-19 ने भले ही अब तक बच्चों में गंभीर रूप अख्तियार न किया हो लेकिन वायरस के व्यवहार या महामारी विज्ञान की गतिशीलता में अगर बदलाव हुआ तो बच्चों में इसका प्रभाव बढ़ सकता है। उसने कहा था कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयारियों को मजबूत किया जा रहा है। 

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