Thursday, April 25, 2024
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क्या देश में 1 लाख मौतों का आंकड़ा पार करेगा कोरोना? बेहद चिंताजनक है भारत की पिक्चर

ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि कोरोना का मरीज ठीक होता है, उसे वायरस मुक्त घोषित करके डिस्चार्ज कर देते हैं। मगर कुछ दिनों या हफ्तों बाद उन्हें कोरोना वायरस से जुड़ी कोई और परेशानी घेर लेती है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 17, 2020 20:21 IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस का संक्रमण भारत में तेजी गति से फैलता जा रहा है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आकर जान गंवाने वालों की संख्या 50 हज़ार से ज़्यादा हो गई है। अमरीका, ब्राज़ील और मेक्सिको के बाद भारत ऐसा चौथा देश बन गया है, जहां कोराना संक्रमण के कारण 50 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान गई है। हर मिनट, हर घंटे, हर बीतते दिन के साथ कोरोना वायरस कैसे लोगों की सांस रोक रहा है, इसे समझने के लिए भारत में कोरोना की करेंट स्टेटस क्या है, ये जानना जरूरी है।

26 लाख से ज्यादा हुए संक्रमित

पिछले 6 महीने से देश में कोरोना के खिलाफ जंग छिड़ी हुई है। पिछले 180 दिनों में किलर कोरोना रोज नया रिकॉ़र्ड बना रहा है। कोरोना वायरस से देश में मरने वालों की तादाद 50 हजार को पार कर गई है। हेल्थ मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए आकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक 26 लाख 47 हजार 664 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। 50 हजार 921 लोगों की अब तक मौत हुई है। देश में अभी 6 लाख 76 हजार 900 एक्टिव केस हैं। राहत की बात ये है कि 19 लाख 19 हजार 8 सौ 42 मरीज डिस्चार्ज हो चुके हैं

मृतकों के मामले में चौथे नंबर पर भारत
कोरोना से मरने वालों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंच गया है, वहीं कोरोना संक्रमित लोगों की तादाद के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है, लेकिन सुकून भरी खबर ये है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देश में सबसे ज़्यादा रिकॉर्ड कोरोना मरीज़ ठीक हुए हैं। पिछले 24 घंटे में देश भर में 57 हजार 584 कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है। रिकवरी रेट बढ़ कर 72.51 फीसदी हो गया है।

घट रहा है पॉजिटिविटी रेट
कोरोना के भारत में दस्तक देने के बाद 19 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया था। तब से देश तीन-तीन लॉकडाउन के दौर से गुजर चुका है। देश में कोरोना की टेस्टिंग भी बढ़ी है। देश भर में अब तक 3 करोड़ से भी ज्यादा लोगों के टेस्ट हुए हैं। राहत की बात ये है कि अब पॉजिटिविटी रेट में गिरावट देखने को मिल रही है। देश में अब तक कोरोना के कुल 3 करोड़ 41 हजार 4 सौ टेस्ट हुए हैं। पिछले 4 दिन में पॉजिटिविटी रेट में कमी आई है। 12 अगस्त को पॉजिटिविटी रेट 8.93% थी, जो 16 अगस्त को घटकर 8.84% रह गई।

नए-नए हॉट स्पॉट बन रहे चिंता का विषय
पॉजिटिविटी रेट का घटना बेशक राहत भरी खबर हैं लेकिन चिंता की बात ये है कि कोरोना का किलर वायरस अब देश के छोटे-छोटे शहरों समेत गांवों में अपना पैर पसार चुका है। नए-नए हॉट स्पॉट सामने आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना को हल्के में लेना मौत को न्योता देने जैसा है। कोरोना से मरने वालों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया में चौथे नंबर पर पहुंच गया है, वहीं कोरोना संक्रमित लोगों की तादाद के मामले में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच गया है।

आबादी के मामले में दूसरे नंबर पर भारत
हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हमारा देश आबादी के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। आबादी ज्यादा है, लोग ज्यादा हैं इसलिए जाहिर सी बात है कि संक्रमित लोगों की संख्या भी कम आबादी वाले मुल्कों के मुकाबले अधिक होगी और मरने वालों की आंकड़ा भी ज़्यादा हो सकता है। लेकिन अगर मौत के आंकड़े को पर मिलियन यानी प्रति 10 लाख लोगों के पैमाने पर देखें, तो भारत में बहुत कम लोगों की कोरोना से मौत हुई है। 

कही देशों में Fatality rate हमसे बेहतर
वहीं कुछ देश ऐसे भी हैं जहां हालात हमसे अच्छे हैं। आईए आपको बताते हैं कि दुनिया के और देशों के मुकाबले में भारत कहां है। Fatality rate की बात करें तो दुनिया में सबसे कम मौते कतर में हुए हैं। कतर का Fatality rate दुनिया में सबसे कम 0.17 फीसदी हैं। कतर में 1 लाख 15 हजार 80 लोग अब तक कोरोना संक्रमित हुए हैं, जिनमें से अब तक 193 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रति 10 लाख लोगों में कतर में  69 लोगों की मौत हुई है।

कतर में Fatality rate 1.13 फीसदी 
कतर के बाद सऊदी अरब में Fatality rate 1.13 फीसदी है। सऊदी अरब में कुल 2 लाख 98 हजार 5 सौ 42 कोरोना केस हैं और अब तक 34 सौ से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। प्रति मिलियन के पैमाने पर बात करें तो सऊदी अरब में ये आकड़ा 98 है। उसके बाद बाग्लादेश का नंबर हैं। बांग्लादेश में Fatality rate 1.32 परसेंट है। बांग्लादेश में अब तक 2 लाख 79 हजार 144 कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, करीब 37 सौ लोगों की जान गई है। 10 लाख लोगों में बांग्लादेश में 22 कोरोना मरीजों की मौत हुई है।

Fatality rate के मामले में छठे नंबर पर भारत
बाग्लादेश के बाद फिलीपींस है। फिलीपींस में Fatality rate 1.65 परसेंट है। फिलीपींस में 1 लाख 64 हजार 474  लोगों को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है, जिसमें 2681 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 10 लाख की आबादी में फिलीपींस में 24  कोरोना मरीजों की मौत हुई है। फिलीपींस के बाद रूस आता है, जहां Fatality rate 1.70 फीसदी है। रूस में अब तक 9 लाख 27 हजार 745 लोग कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। 15 हजार 7 सौ 40 लोगों की जान जा चुकी है, प्रति 10 लाख की आबादी में रूस में 108 कोरोना मरीजों की मौत हुई है।

वहीं Fatality rate के मामले में भारत का नंबर रुस के बाद और छठे नंबर पर आता है। जो 1.93 % है।  जहां अब तक 26 लाख 47 हजार 664 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, 50 हजार 9 सौ 21 लोगों की अब तक मौत हुई है। प्रति 10 लाख आबादी में कोरोना से मरने वालों की तादाद की तो भारत में ये 36 है। ये अमेरिका के मुकाबले काफी कम है।

छोटे शहरों में फैल रहा कोरोना
स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस का संक्रमण नए इलाकों में फैल गया है। जैसे झारखंड और यूपी के छोटे शहरों से समेत गांवों में कोरोना की स्ट्राइक रेट बहुत ही बढ़ गई है। लेकिन हेल्थ मीनिस्ट्री की माने तो कुल मामलों के 82 फीसद केस अभी भी 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक सीमित हैं। करीब 66 फीसद केस देश के सिर्फ 50 जिलों में हैं। देश में कोरोना से मरने वालों में 68 फीसद पुरुष और 32 फीसद महिला मरीज हैं। उम्र के लिहाज से देखें तो मरने वाले 50 फीसद मरीज 60 साल से अधिक उम्र के है। 37 फीसद 45 से 60 साल के बीच के, 11 प्रतिशत 26 से 44 साल के बीच के और 1 परसेंट 18 से 25 साल की आयु वर्ग के हैं और एक फीसदी ही 18 साल से कम उम्र के हैं। 

कोरोना को हराने के बाद भी परेशान हैं लोग
कोरोना वायरस से पीछा छूटने के बाद भी परेशानियां मरीजों का पीछा नहीं छोड़ रहीं। डिस्‍चार्ज होने वाले मरीज अन्‍य दिक्‍कतों के चलते फिर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि कोरोना का मरीज ठीक होता है, उसे वायरस मुक्‍त घोषित करके डिस्‍चार्ज कर देते हैं। मगर कुछ दिनों या हफ्तों बाद उन्‍हें कोरोना वायरस से जुड़ी कोई और परेशानी घेर लेती है। थकान से लेकर सांस लेने में दिक्‍कत आम लक्षण हैं मगर कुछ केसेज में फेफड़ों में परेशानी के साथ खून के थक्‍के बनना और स्‍ट्रोक तक देखने को मिल रहे हैं।

वैक्सीन ही दिलाएगी किलर कोरोना से मुक्ति!
हर हिंदुस्तानी के माथे पर चिंता की लकीर खिंच गई है, वो लकीर खत्म होगी तो सिर्फ कोरोना वैक्सीन से। जिस किलर कोरोना के खौफ में लोग पिछले 6 महीने से पल पल जी रहे हैं, उस खौफ का खात्मा अभी कितनी दूर है। ये कोरोना वायरस की वैक्सीन से तय होना है। इसीलिए भारत सरकार अब कोरोना वैक्सीन हासिल करने की कोशिश में लग गई है। सरकार दुनियाभर के टॉप कोविड वैक्‍सीन कैंडिडेट्स पर नजर बनाए हुए हैं।

ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन फेज थ्री ट्रायल में ओके हो गई है। अमेरिका में बन रही कोरोना वैक्सीन जिसे मॉडर्ना फार्मास्युटिकल्स बना रही है, वो रिकॉर्ड टाइम में अपने ट्रायल के तीसरे चरण में पहुंच गई है। सरकार की नजर इन दोनों वैक्सीन पर है।

नीति आयोग के वीके पॉल की अगुवाई में बना पैनल नेशनल एक्‍सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्‍सीन एडमिनिस्‍ट्रेशन फार्मा कंपनियों से मुलाकात करेगा। इस पैनल में केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव राजेश भूषण भी शामिल हैं। सरकारी पैनल जिन वैक्‍सीन कैंडिडेट्स पर विचार कर रहा है, उसमें ऑक्सफोर्ड और मॉडर्ना के अलावा अलावा जर्मनी और इजरायल समेत दुनिया के 9 और वैक्‍सीन प्रोग्राम भी शामिल हैं। 

कोरोना वैक्सीन के 24 प्रोजेक्ट क्लिनिकल ट्रायल के स्टेज में हैं। ब्रिटेन, अमेरिका और चीन में 3 प्रोजेक्ट सबसे एडवांस स्टेज में हैं। 141 प्रोजेक्ट अभी प्री क्लिनिकल स्टेज में हैं। भारत में भी भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला की 2 वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल के फेज-1,फेज-2 स्टेज में हैं। देश के फिलहाल 13 अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इसले अलावा ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन का भारत के साथ कनेक्शन भी है।

दरअसल वैक्सीन के लिए भारतीय कंपनी पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से पार्टनरशिप किया गया है जो हर साल 1.5 अरब वैक्सीन डोज बनाती है। सब ठीक रहने पर इस वैक्सीन की इमरजेंसी डोज साल के आखिर तक तैयार की जा सकती हैं, लेकिन हकीकत ये है कि जून 2021 से पहले शायद ही कोई कोरोना वैक्सीन आम लोगों के लिए मुहैय्या हो सके।

यानी ये साफ है कि अगर सब कुछ सही रहा तो अगले साल के मध्य तक ही उम्मीद की जा सकती है कि कोई वैक्सीन मार्केट में आ पाएगी, ऐसे में जब तक वैक्सीन नहीं तब तक मास्क और दो गज की दूरी और हैंड सैनिटाइजेशन ही एकमात्र हथियार है। कोराना के चलते हमारी जिंदगी में जो बदलाव हुए हैं, उसे वैसे ही जारी रखना होगा। कोरोना काल में जिंदगी ऐसे ही काटनी होगी।

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