Friday, March 29, 2024
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कोरोना से जिन परिवारों में मौतें हुई हैं उन्हें मिलेगा मुआवजा, 6 हफ्ते के अंदर केंद्र को देनी होगी गाइडलाइन

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोविड-19 से हुई मौतों पर मुआवजे के लिए केंद्र सरकार 6 हफ्ते में गाइडलाइन बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा न देने की केंद्र की दलील भी खारिज कर दी और मुआवजे की राशि तय करने के लिए NDMA को अधिकृत किया है।

Gonika Arora Written by: Gonika Arora @AroraGonika
Updated on: June 30, 2021 12:23 IST
Covid-19 deaths Supreme Court directs Modi Govt to pay ex-gratia compensation कोरोना से जिन परिवारों- India TV Hindi
Image Source : AP कोरोना से जिन परिवारों में मौतें हुई हैं उन्हें मिलेगा मुआवजा, 6 हफ्ते के अंदर केंद्र को देनी होगी गाइडलाइन

नई दिल्ली. कोरोना से हुई मौतों पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोविड-19 से हुई मौतों पर मुआवजे के लिए केंद्र सरकार 6 हफ्ते में गाइडलाइन बनाए। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा न देने की केंद्र की दलील भी खारिज कर दी और मुआवजे की राशि तय करने के लिए NDMA को अधिकृत किया है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली Supreme Court की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने अपने फैसले में, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को 6 सप्ताह के भीतर अनुग्रह राशि का पता लगाने का निर्देश दिया, जो कि COVID के कारण मरने वालों के परिवार के सदस्यों को भुगतान किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपने निर्देश में कहा है कि कोविड-19 से मारे गए लोगों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद की राशि, हर पहलू को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाए।

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 से मौत होने की स्थिति में मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि आपदा के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए वित्त आयोग के प्रस्ताव के अनुरूप बीमा योजना बनाई जाए। 

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एम आर शाह की विशेष पीठ ने कहा कि अदालत आर्थिक मदद की एक निश्चित राशि तय करने का निर्देश केंद्र को नहीं दे सकती लेकिन सरकार कोविड-19 से मारे गए लोगों के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक मदद की राशि का न्यूनतम मानदंड, हर पहलू को ध्यान में रखते हुए निर्धारित कर सकती है।

न्यायालय ने केंद्र से कहा कि शवदाहगृह कर्मियों के लिए वित्त आयोग के प्रस्ताव के अनुरूप बीमा योजना बनाने पर विचार किया जाए। पीठ ने केंद्र की इस दलील को खारिज कर दिया कि आपदा पीड़ितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 12 में अंग्रेजी के शब्द ‘शैल’ की जगह ‘मे’ पढ़ा जाए। पीठ ने कहा कि एनडीएमए अपनी वैधानिक जिम्मेदारियों को निभाने में विफल रहा है। शीर्ष अदालत का फैसला कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने तथा मरे लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक समान दिशा-निर्देश बनाने की अनेक याचिकाओं पर आया है।

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