Friday, March 29, 2024
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पीएम मोदी ने काबुल विश्वविद्यालय पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काबुल विश्वविद्यालय पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान के संघर्ष को अपना समर्थन जारी रखेगा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: November 02, 2020 23:55 IST
I strongly condemn the cowardly terrorist attack at Kabul University today: PM Modi- India TV Hindi
Image Source : PTI I strongly condemn the cowardly terrorist attack at Kabul University today: PM Modi

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काबुल विश्वविद्यालय पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान के संघर्ष को अपना समर्थन जारी रखेगा। अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय पर सोमवार को बंदूकधारियों ने धावा बोल दिया, जिसके बाद सुरक्षा बलों के साथ कई घंटे तक उनकी मुठभेड़ चली, जिसमें कम से कम 25 लोग हताहत हुए। विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी लगी थी जिसमें अफगानिस्तान में ईरान के राजदूत भी पहुंचे थे। मोदी ने ट्वीट किया, '' मैं काबुल विश्वविद्यालय पर आज किए गए कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। हमारी प्रार्थना घायलों और पीड़ितों के परिवार के साथ है।'' 

काबुल विश्वविद्यालय पर हमले में 25 हताहत हुए

अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय पर सोमवार को बंदूकधारियों ने धावा बोल दिया, जिसके बाद सुरक्षाबलों के साथ कई घंटे तक उनकी मुठभेड़ चली, जिसमें कम से कम 25 लोग हताहत हुए। विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी लगी थी जिसमें अफगानिस्तान में ईरान के राजदूत भी पहुंचे थे। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने इस हमले में हताहत हुए लोगों की संख्या नहीं बतायी लेकिन स्थानीय मीडिया के अनुसार संभवत: 20 लोगों की जान गयी। 

आरियान के अनुसार हमले में तीन हमलावर शामिल थे, जो मुठभेड़ में मारे गये। हालांकि, तालिबान ने एक बयान में कहा कि इस हमले में उसका हाथ नहीं है। यह हमला ऐसे वक्त हुआ है जब विद्रोहियों की अमेरिका समर्थित सरकार के साथ शांति वार्ता जारी है । हालांकि, कतर में हो रही इस वार्ता का लक्ष्य अमेरिका को उसकी सबसे लंबी लड़ाई से निकलने में मदद पहुंचाना है लेकिन रोजाना रक्तपात जारी है। 

इस्लामिक स्टेट से जुड़े एक संगठन ने देश में शियाओं पर हमला शुरू कर दिया है। पांच घंटे तक चली मुठभेड़ के दौरान छिटपुट ग्रेनेड विस्फोट और विश्वविद्यालय के आसपास की सड़कों पर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की आवाज सुनाई दे रही थी। उधर, अफगान सुरक्षाकर्मियों ने भी मोर्चा संभाल रखा था। विद्यार्थियो को अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागते हुए देखा गया। 

आरियान ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से लोग हताहत हुए। ’’ लेकिन उन्होंने ब्योरा नहीं दिया। विश्वविद्यालय के छात्र अहमद शमीम ने बताया कि उसने पिस्तौल और कलाशनिकोव राइफलों से लैस आतंकवादियों को गोलियां चलाते देखा। उसके अनुसार विश्वविद्यालय के पूर्वी भाग से हमला हुआ जहां कानून एवं पत्रकारिता विभाग की पढ़ाई होती है। 

अफगान मीडिया ने खबर दी है कि घटना के समय विश्वविद्यालय में पुस्तक प्रदर्शनी चल रही थी और गोलीबारी के वक्त विशिष्ट व्यक्तियों समेत कई लोग प्रदर्शनी में थे। अफगान अधिकारियों ने पुस्तक मेले की चर्चा नहीं की लेकिन ईरान की अर्धसरकारी इसना संवाद समिति ने रविवार को खबर दी थी कि ईरान के राजदूत बहदोर आमिनियन और सांस्कृतिक अताशे मोजतबा नोरूजी इस मेले का उद्घाटन करने वाले थे, जहां 40 ईरानी प्रकाशकों को हिस्सा लेना है। ईरानी टीवी ने खबर दी कि हमला हुआ लेकिन उसने अपने अधिकारियों के बारे में सूचना नहीं दी। किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। 

तालिबान ने एक बयान में कहा कि इस हमले में उसका हाथ नहीं है। वैसे शक की सूई इस्लामिक स्टेट की ओर जा रही है। पिछले ही महीने इस्लामिक स्टेट ने राजधानी के शिया बहुल दश्त-ए-बार्ची के एक शिक्षण केंद्र में आत्मघाती बम हमलावर भेजा था, जिसके हमले में 24 विद्यार्थियों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हुए थे। अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबद्ध संगठन ने शिया मुसलमानों के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर रखा है। 

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