Tuesday, April 23, 2024
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J&K के उप राज्यपाल नियुक्त होते ही एक्शन में मनोज सिन्हा, शुक्रवार को बुलाई सचिवों की बैठक

पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल बनने के बाद एक्शन में दिख रहे है। शुक्रवार को उन्होनें सचिवों की बैठक बुलाई है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: August 06, 2020 23:20 IST
Jammu and Kashmir Lt. Governor Manoj Sinha called meeting on Friday- India TV Hindi
Image Source : PTI Jammu and Kashmir Lt. Governor Manoj Sinha called meeting on Friday

श्रीनगर: पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल बनने के बाद एक्शन में दिख रहे है। शुक्रवार को उन्होनें सचिवों की बैठक बुलाई है। मनोज सिन्हा को बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया। वह पहले राजनेता हैं, जिन्हें इस केन्द्र शासित प्रदेश का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है। सिन्हा पूर्व आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू का स्थान लेंगे। 

राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से गिरीश चंद्र मुर्मू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। विज्ञप्ति में राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अजय कुमार ने बताया कि राष्ट्रपति ने मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल नियुक्त किया है। पदभार संभालने के दिन से यह नियक्ति प्रभावी होगी। 

 

सिन्हा का जन्म एक जुलाई 1959 को पूर्वी उत्तर प्रदेश में गाजीपुर जिले के मोहनपुर में हुआ था। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़े गांवों के विकास के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहे हैं। ‘विकास पुरुष’ के नाम से विख्यात सिन्हा का राजनीतिक करियर 1982 में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र संघ का अध्यक्ष चुने जाने के साथ शुरू हुआ। वह 1989 से 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे। सिन्हा तीन बार लोकसभा सदस्य रहे हैं। वह 1996 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और उन्होंने 1999 में दोबारा जीत हासिल की। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने तीसरी बार जीत दर्ज की।

इसी साल भाजपा ने केंद्र की सत्ता में वापसी की। सिन्हा ने 2016 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के तौर पर संचार मंत्रालय संभाला। इस दौरान संचार उद्योग स्पेक्ट्रम की बिक्री में जुटा था। वह पहले राजनेता हैं, जिन्हें केन्द्र शासित प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटे जाने से पूर्व राजनेता सत्य पाल मलिक को केन्द्र ने (पूर्ववर्ती राज्य) जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया था। 

इससे पहले, 1985 बैच के आईएएस अधिकारी मुर्मू ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुर्मू का इस्तीफा ऐसे दिन आया है, जब (पूर्ववर्ती राज्य) जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त किए जाने का एक वर्ष पूरा हुआ है। गुजरात कैडर के 60 वर्षीय पूर्व आईएएस अधिकारी ने पिछले साल 29 अक्टूबर को इस केन्द्र शासित प्रदेश के प्रथम उपराज्यपाल के रूप में कार्यभार संभाला था। मुर्मू के इस्तीफे के कारणों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू ने उनके प्रधान सचिव के रूप में सेवाएं दी थीं। उच्च पद पर काबिज एक सूत्र ने बताया कि मुर्मू को केन्द्र में कोई नया पद दिया जा सकता है।

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