Friday, March 29, 2024
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जज लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आगे की जांच कराने से इनकार किया

जज लोया की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जज लोया की मौत की जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जज लोया की मौत एक स्वभाविक मौत थी। सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जांच से संबंधित सभी जनहित याचिकाएं खारिज कर दीं।

Bhasha Reported by: Bhasha
Updated on: April 19, 2018 11:00 IST
Judge Loya death: Supreme Court order likely today- India TV Hindi
जज लोया मामले की जांच एसआईटी करेगी या नहीं, सुप्रीम कोर्ट में फैसला आज  

नयी दिल्ली: सीबीआई की विशेष अदालत के जज रहे बी एच लोया की मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जज लोया की मौत की जांच नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जज लोया की मौत एक स्वभाविक मौत थी। सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जांच से संबंधित सभी जनहित याचिकाएं खारिज कर दीं। लोया की मौत एक दिसंबर 2014 को कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से उस वक्त हुई थी जब वह अपने एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शिरकत के लिए नागपुर गए थे। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर एवं डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 16 मार्च को इन अर्जियों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष न्यायालय में दलील दी थी कि लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली सारी अर्जियां प्रेरित हैं और उनका मकसद कानून का शासन बरकरार रखने की दुहाई देकर ‘‘एक व्यक्ति’’ को निशाना बनाना है। राज्य सरकार ने लोया मामले में कुछ वकीलों की ओर से शीर्ष न्यायालय के न्यायाधीशों के प्रति आक्रामक रवैया अपनाने और इस मामले से जुड़े आरोपों पर बरसते हुए कहा था कि न्यायपालिका एवं न्यायिक अधिकारियों को ऐसे व्यवहार से बचाने की जरूरत है। इस बीच, मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वालों ने घटनाक्रम का हवाला देकर यह बताने की कोशिश की थी कि लोया की मौत में किसी साजिश से इनकार करने के लिए निष्पक्ष जांच की जरूरत है।

लोया की मौत का मामला पिछले साल नवंबर में उस वक्त सामने आया था जब उनकी बहन के हवाले से मीडिया में आई खबरों ने उनकी मौत की परिस्थितियों को रहस्यों में घेरे में ला दिया था लेकिन लोया के बेटे ने 14 जनवरी को मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस करके दावा किया था कि उसके पिता की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई।

सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, राजस्थान के कारोबारी विमल पटनी, गुजरात के पूर्व पुलिस प्रमुख् पी सी पांडे, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गीता जौहरी और गुजरात के पुलिस अधिकारी अभय चूड़ास्मा एवं एन के अमीन को पहले ही आरोप मुक्त किया जा चुका है।

पुलिसकर्मियों सहित कई आरोपियों पर अभी सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीराम प्रजापति के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में मुकदमा चल रहा है। इस मामले की जांच बाद में सीबीआई को दी गई थी और मुकदमे की सुनवाई गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिय गया था।

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