Saturday, April 20, 2024
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किसानों और सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत जारी, कानून वापसी पर अड़े किसान

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं के साथ सरकार की यह नौवें दौर की वार्ता है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 15, 2021 13:24 IST
किसानों और सरकार के बीच आज होगी नौवें दौर की बातचीत, कानून वापसी पर अड़े किसान- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV किसानों और सरकार के बीच आज होगी नौवें दौर की बातचीत, कानून वापसी पर अड़े किसान

नई दिल्ली: तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूतम समर्थन मूल्य पर (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के प्रतिनिधियों और  केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत विज्ञान भवन में हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की अगुवाई कर रहे यूनियनों के नेताओं के साथ सरकार की यह नौवें दौर की वार्ता है। हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं। किसान आंदोलन का आज 51वां दिन है। 

नौवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार यूनियन के नेताओं के साथ खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है और उन्हें अगले दौर की वार्ता सकारात्मक रहने की उम्मीद है। वार्ता के लिए सिंघु बॉर्डर से प्रस्थान करने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि किसान नेता भी सकारात्मक वार्ता की उम्मीद करते हैं। उन्होंने कहा कि वह सरकार से पहले तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर बातचीत करना चाहेंगे, इसके बाद एमएसपी के मसले पर भी चर्चा होगी।

किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।

इससे पहले सरकार के साथ किसान नेताओं के बीच इस मसले को लेकर आठ दौर की वातार्एं बेनतीजा रही हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी और शीर्ष अदालत ने मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें चार सदस्यों को नामित किया गया है। हालांकि कमेटी में शामिल एक सदस्य भाकियू नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग करने की घोषणा की है।आंदोलनकारी किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने जाने से मना कर दिया है।

इनपुट-आईएएनएस

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