Saturday, April 20, 2024
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पाकिस्तान 12 विदेशी आतंकी संगठनों का पनाहगाह: सीआरएस रिपोर्ट

पिछले सप्ताह क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर अमेरिकी कांग्रेस की द्विदलीय शोध शाखा द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से संचालित हो रहे इन समूहों को मोटे तौर पर पांच श्रेणियों में बांटा जा सकता है। इनमें वैश्विक स्तर के आतंकी संगठन, अफगान केंद्रित, भारत और कश्मीर केंद्रित, घरेलू मामलों तक सीमित रहने वाले संगठन और पंथ केंद्रित (शियाओं के खिलाफ) आतंकी संगठन हैं।

Bhasha Written by: Bhasha
Published on: September 28, 2021 10:46 IST
pakistan home to 12 terrorist organisations पाकिस्तान 12 विदेशी आतंकी संगठनों का पनाहगाह: सीआरएस रिप- India TV Hindi
Image Source : AP पाकिस्तान 12 विदेशी आतंकी संगठनों का पनाहगाह: सीआरएस रिपोर्ट

वाशिंगटन. आतंकवाद पर अमेरिकी कांग्रेस की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे भारत को निशाना बनाने वाले पांच आतंकवादी संगठनों समेत ‘विदेशी आतंकवादी संगठनों’ के रूप में चिह्नित कम से कम 12 संगठनों के लिए पनाहगाह है। स्वतंत्र ‘कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस’ (सीआरएस) ने रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी अधिकारियों ने पाकिस्तान की पहचान कई हथियारबंद और राज्येतर आतंकवादी संगठनों के पनाहगाह के तौर पर की है जहां से वे अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इनमें से कुछ आतंकी संगठन 1980 के दशक से अस्तित्व में हैं।

पिछले सप्ताह क्वाड शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर अमेरिकी कांग्रेस की द्विदलीय शोध शाखा द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान से संचालित हो रहे इन समूहों को मोटे तौर पर पांच श्रेणियों में बांटा जा सकता है। इनमें वैश्विक स्तर के आतंकी संगठन, अफगान केंद्रित, भारत और कश्मीर केंद्रित, घरेलू मामलों तक सीमित रहने वाले संगठन और पंथ केंद्रित (शियाओं के खिलाफ) आतंकी संगठन हैं।

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का गठन 1980 के दशक में पाकिस्तान में हुआ था और 2001 में इसे विदेश आतंकी संगठन (एफटीओ) के रूप में चिह्नित किया गया। सीआरएस ने कहा, ‘‘एलईटी को भारत के मुंबई में 2008 के भीषण आतंकवादी हमले के साथ कई अन्य हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।’’

रिपोर्ट के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का गठन 2000 में कश्मीरी आतंकवादी नेता मसूद अजहर ने किया था और 2001 में इसे भी एफटीओ के तौर पर चिह्नित किया गया। एलईटी के साथ जेईएम भी 2001 में भारतीय संसद पर हमले समेत कई अन्य हमलों के लिए जिम्मेदार है। हरकत-उल जिहाद इस्लामी (एचयूजेआई) की स्थापना 1980 में अफगानिस्तान में सोवियत सेना से लड़ने के लिए हुई थी और 2010 में इसे भी एफटीओ के तौर पर चिह्नित किया गया। 1989 के बाद एचयूजेआई ने अपनी गतिविधियों को भारत केंद्रित कर दिया, साथ ही वह अफगान तालिबान को भी अपने लड़ाके भेजता था।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘एचयूजेआई अज्ञात ताकत के साथ आज अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत में गतिविधियों को अंजाम दे रहा है और कश्मीर का पाकिस्तान में विलय चाहता है।’’ आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम) का गठन 1989 में हुआ, जो कथित तौर पर पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी की आतंकवादी शाखा है और 2017 में इसे एफटीओ की सूची में डाला गया। यह जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल सबसे बड़ा और पुराना आतंकवादी संगठन है।

सीआरएस के अनुसार पाकिस्तान से अपनी गतिविधियों को अंजाम देने वाले अन्य आतंकी संगठनों में अलकायदा भी शामिल है जो मुख्यत: पूर्व संघीय प्रशासित कबायली इलाकों, कराची और अफगानिस्तान से गतिविधियां चलाता है। 2011 तक अयमन अल जवाहिरी ने इसका नेतृत्व किया और देश के भीतर इसके कई अन्य आतंकी संगठनों के साथ कथित तौर पर सहयोगात्मक संबंध हैं।

सीआरएस में कहा गया है कि अमेरिकी विदेश विभाग की आतंकवाद पर रिपोर्ट ‘कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2019’ के अनुसार ‘‘पाकिस्तान कुछ निश्चित क्षेत्र विशेष को निशाना बनाने वाले आतंकवादी संगठनों के लिए पनाहगाह बना हुआ है और उसने अफगानिस्तान के साथ साथ भारत को निशाना बनाने वाले संगठनों को अपनी सरजमीं के इस्तेमाल की इजाजत दी है।’’

विभाग ने यह भी कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने और जम्मू कश्मीर में 2019 के आतंकवादी हमले से पहले भारत केंद्रित कुछ आतंकवादी संगठनों पर ‘‘लगाम’’ लगाने के लिए पाकिस्तान सरकार ने ‘‘मामूली कदम’’ उठाए। पाकिस्तान के भीतर सक्रिय अन्य आतंकवादी संगठनों में अलकायदा इन द इंडिया सबकॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस), इस्लामिक स्टेट खुरासन प्रोविंस (आईएसकेपी या आई-के), अफगान तालिकान, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), बलोचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए), जुंदाल्ला (उर्फ जैश अल-अदल), सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) और लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे) शामिल हैं। 

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