मैंगलुरु: साल 2009 में एक पब में जबरन घुसकर महिलाओं से कथित मारपीट मामले में सोमवार कोर्ट ने श्री राम सेना के प्रमुख प्रमोद मुथालिक समेत अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट के फैसले से खुश मुथालिक ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि ये एक मामूली सी घटना थी हमने किसी का रेप या हत्या नहीं की। उन्होंने ये बात कई बार दोहराई मुथालिक के इस बयान पर एक बार फिर से विवाद बढ़ता दिख रहा है। उनके बयान से ऐसा लग रहा है कि वो पब में की गई मारपीट की घटना के सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। प्रमोद मुथालिक ने फोन पर कहा कि इस फैसले के जरिए हमें न्याय मिल गया है। यह सच्चाई की जीत है। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे कार्यकर्ताओं को तालिबानी कहने वालों को यह एक मुंहतोड़ जवाब है।’’
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक के दक्षिणपंथी संगठन श्रीराम सेना के 30 से अधिक कार्यकर्ता 24 जनवरी 2009 को पब में कथित तौर पर जबरन घुसे थे। उन्होंने कुछ महिलाओं और पुरूषों पर हमला करते हुए दावा किया था कि वे लोग पारंपरिक भारतीय मूल्यों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस घटना का वीडियो क्लीप इंटरनेट पर वायरल होने के बाद राष्ट्रव्यापी रोष पैदा हो गया था। वीडियो में यह दिखा था कि कई लोग पब में महिलाओं का बाल पकड़ कर उन्हें खींच रहे थे और थप्पड़ मार रहे थे। इसके बाद ये राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन गया था। बाद में जब ये मामला कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट फैसला सुनाते हुए सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी कर दिया।