Monday, April 29, 2024
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RAJAT SHARMA BLOG: श्रीदेवी की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर आधारहीन अफवाहों से कुछ सबक सीखें

यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़ी शख्सियत की मौत पर इस तरह की अफवाहें फैलाई गईं। मैंने कई बार ऐसी बातें सुनी हैं।

Rajat Sharma Written by: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: February 28, 2018 19:13 IST
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शनिवार-रविवार की मध्य रात्रि करीब 2.30 बजे जैसे ही यह खबर आई कि श्रीदेवी की मौत हार्ट अटैक से हो गई है, पूरा देश सन्न रह गया। श्रीदेवी केवल 54 साल की थी और उन्हें हार्ट की कोई बीमारी भी नहीं थी। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि की बाढ़ सी आ गई लेकिन जल्द ही झूठे और गलत कयासों के चलते पूरा माहौल बदल गया। सोमवार को जब दुबई पुलिस ने यह ऐलान किया कि श्रीदेवी की मौत 'दुर्घटनावश डूबने' से हुई, आधारहीन अफवाहों का एक ऐसा दौर शुरू हुआ जिसने अपने निशाने पर श्रीदेवी के पति बोनी कपूर को ले लिया। इन अफवाहों में शक की सूई बोनी कपूर पर मंडराने लगी। सोशल मीडिया पर इस तरह के गलत कयासों का कोई अंत नहीं था। 

मंगलवार को दुबई अभियोजन दफ्तर ने अंतिम तौर पर एक रिपोर्ट जारी की और श्रीदेवी की मौत पर किसी तरह की साज़िश से इनकार करते हुए पार्थिव शरीर उनके परिवार को सौंप दिया। इससे परिजनों ने काफी राहत महसूस की और पार्थिव शरीर को मुंबई लाया गया। स्वाभाविक है कि करीब 60 घंटे से जो लोग श्रीदेवी की मौत पर सवाल उठा रहे थे,  वे अब खामोश हैं। क्योंकि दुबई में पुलिस ने केस बंद कर दिया है। दुबई की पुलिस के बारे में कोई यह नहीं कह सकता कि कोई उससे किसी तरह की हेरफेर करा सकता है। अगर यह हादसा भारत में हुआ होता तो सवाल उठते रहते और इल्जाम लगते रहते।

 
जब श्रीदेवी का पार्थिव शरीर दुबई में था, सोशल मीडिया पर आधारहीन खबरें चल रही थीं जिसमें कहा जा रहा था कि बोनी कपूर को गिरफ्तार कर लिया गया है, श्रीदेवी की हत्या की गई, उनके शरीर पर चोट के निशान पाए गए और श्रीदेवी के शव का फिर से पोस्टमार्टम होगा। कितनी बातें कही गई लेकिन सब एक-एक करके गलत निकलीं। ऐसी निराधार खबरों को प्रसारित करनेवालों को इससे सबक सीखने की जरूरत है कि अनुमानों पर आधारित रिपोर्ट पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। हम यह उम्मीद करते हैं कि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा न हो। 
 
मैं मानता हूं कि यह सवाल अभी भी बहुत सारे लोगों के मन में है कि श्रीदेवी बाथटब में कैसे गिरीं? कैसे डूब गईं? टब में कितना पानी भरा था? वो ड्रिंक नहीं करती थीं तो बाथ टब में पानी किसने भरा? लेकिन इन सवालों का मतलब यह तो नहीं हो सकता कि उनके पति को कातिल करार दे दिया जाए। इन सवालों का मतलब यह नहीं हो सकता कि इसमें कुछ संदिग्ध चीजें खोजी जाएं। बोनी को करीब से जानने वाला हर शख्स इस बात को जानता है कि बोनी, श्रीदेवी पर जान छिड़कते थे। बोनी कपूर के लिए यह सुनना भी कितना तकलीफ देने वाला होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 
 
यह पहली बार नहीं है जब किसी बड़ी शख्सियत की मौत पर इस तरह की अफवाहें फैलाई गईं। मैंने कई बार ऐसी बातें सुनी हैं। जब संजय गांधी की विमान हादसे में मौत हुई तो लोगों ने इसी तरह की आधारहीन अफवाहें इंदिरा गांधी के बारे में उड़ा दी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के केस में शक की सुई आर. के.  धवन पर घूमी ( इन अफवाहों की वजह से उनकी आंख में आंसू मुझे आज भी याद हैं)। ऐसे भी नेता हैं जिन्होंने राजीव गांधी हत्या के लिए सोनिया गांधी का नाम ले लिया (ये कह कर कि वो लाभार्थी  हैं)।
 
उस जमाने में सोशल मीडिया नहीं था इसीलिए ये बातें बहुत कम लोगों तक पहुंचती थीं और उन्हीं के बीच दम तोड़ देती थीं। लेकिन इस तरह की बातें उतीन ही खराब और निंदा के लायक थी। आज के सोशल मीडिया परिदृश्य में आधारहीन अफवाहें उड़ानेवालों की कमी नहीं है। इस तरह के लोगों में से आजकल तो हर कोई जासूस बन जाता है, इन्वेस्टिगेटर बन जाता है और जज बनकर फैसला सुना देता है। इस तरह की प्रवृति देश और समाज के लिए खतरनाक है।  (रजत शर्मा)

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