Saturday, April 20, 2024
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दिल्ली: चांदनी चौक में साबुन-मेवे की दुकान में मिले सैकड़ों 'सीक्रेट लॉकर्स', अब तक 35 करोड़ रुपये बरामद

फकीर चंद लॉकर्स एंड वॉल्टस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चल रही लॉकर कंपनी में किस-किस का पैसा रखा है इसकी डीटेल एक लैपटॉप और रजिस्टर में दर्ज है उसे आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: December 06, 2018 23:04 IST
secret lockers found in a shop in chandni chowk delhi- India TV Hindi
secret lockers found in a shop in chandni chowk delhi

नई दिल्ली: दिल्ली के चांदनी चौक में बाहर से देखने में साबुन और मेवे की दुकान सीक्रेट लॉकर्स का अड्डा निकली। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की कार्रवाई में यहां हवाला से जुड़े रैकेट के सबूत मिले हैं। चांदनी चौक में मौजूद एक प्राइवेट लॉकर कंपनी की तहकीकात इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक महीने से भी ज्यादा समय से कर रहा है। लॉकर कंपनी में मौजूद 300 लॉकर्स में से 140 खोले जा चुके हैं और अब तक 35 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए हैं। ये अनएकाउंटेड मनी है। जांच में अब तक 30 लॉकर ऐसे भी मिले हैं जो बेनामी हैं और इन बेनामी लॉकर्स में से भी दस करोड़ कैश मिले हैं। कई लॉकर ऐसे हैं जो ब्लैकमनी वालों ने अपने सर्वेंट के नाम पर लिया जिसकी नौकरी दस हज़ार रुपये महीना है। उसके नाम के लॉकर में एक करोड़ तक का कैश रखा हुआ है।

फकीर चंद लॉकर्स एंड वॉल्टस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से चल रही लॉकर कंपनी में किस-किस का पैसा रखा है इसकी डीटेल एक लैपटॉप और रजिस्टर में दर्ज है उसे आयकर विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। लॉकर्स की तहकीकात पांच दिन में पूरी हो जाने की उम्मीद है। लॉकर कंपनी चलाने वाले अशोक गुप्ता का दावा है कि वो आरबीआई के गाइडलाइन्स को फॉलो कर रहे थे लेकिन जांच में पता चला कि कुछ लॉकर्स बिना KYC के ही अलॉट कर दिए गए थे।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के खारी बावली मार्किट में इस छोटी सी दुकान के बेसमेंट में 300 लॉकर है जिसमें से अब तक करीब 140 लॉकर खोले जा चुके है जिसमें से 35 करोड़ रुपये से ज्यादा का कैश बरामद हुआ है। 30 बेनामी लॉकर से 10 करोड़ रुपये बरामद हुए है। बेनामी लॉकर की संख्या बढ़ भी सकती है रेड अभी चल रही है। सोमवार तक सिर्फ 120 लॉकर खोले गए है 300 में से बाकी लॉकर अभी खोले जाने है जिसमें 5 दिन का वक़्त अभी और लग सकता है। अभी तक की पूछताछ में ये पता चला है कि कुछ लॉकर ऑनर ने ये बात कबूली है कि पहले वो फर्म में काम करते थे लेकिन उनको इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके नाम से लॉकर है और उनके नाम पर लॉकर चल रहे है। आयकर विभाग ने एक लैपटॉप और एक रजिस्टर सीज किया है जिसमें इंट्री होती थी। आयकर विभाग ने बताया कि कुछ फर्म्स हवाला लेनदेन में शामिल है और अपने कर्मचारियों के नाम से 2-3 लॉकर खोल रखे है।

बताया जाता है कि यह पुरानी दिल्ली की एकमात्र निजी लॉकर सेवा है। लॉकर रूम में प्रवेश के लिए रजिस्टर में एंट्री करनी पड़ती थी। तीन रजिस्टर में से दो रजिस्टर आयकर विभाग ने जब्त किए हैं। लॉकर रूम के अंदर सीसीटीवी भी लगे हुए हैं। लॉकर रोजाना सुबह 11:20 बजे से शाम 7:20 तक खुले रहते थे। इनकम टैक्स विभाग ने 29 अक्टूबर को एक जानकारी के बाद इन लॉकर्स पर रेड की थी। सिक्योरिटी के नाम पर बेसमेंट में सीसीटीवी कैमरे और गार्ड्स दिन-रात तैनात रहते हैं।

इसमें कोई शक नहीं है कि नोटबंदी के बाद लोगों में कालेधन को लेकर डर पैदा हुआ है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या डबल हो गई है लेकिन कालाधन हमारी अर्थव्यवस्था में इतनी गहराई तक घुसा हुआ है कि वो इतनी जल्दी सिस्टम से गायब हो जाएगा ये उम्मीद करना नासमझी है। जिन लॉकर्स का जिक्र हमने किया वो कानूनी हैं लेकिन कुछ लॉकर्स में जो पैसा मिला वो गैरकानूनी है।

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