Thursday, April 25, 2024
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महान भारतीय गणितज्ञ वशिष्‍ठ नारायण सिंह का हुआ निधन, अस्‍पताल के बाहर घंटो स्ट्रेचर पर पड़ा रहा पार्थिव शरीर

अपनी मेधा से भारत को गौरवान्वित करने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर पटना स्थित उनके आवास ले जाने के लिए समय पर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाए जाने की वजह से बड़ी देर तक स्ट्रेचर पर पड़ा रहा।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 14, 2019 18:37 IST
the body of the great mathematician singh was lying on the...- India TV Hindi
the body of the great mathematician singh was lying on the stretcher for a long time

नई दिल्ली। अपनी मेधा से भारत को गौरवान्वित करने वाले महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पार्थिव शरीर पटना स्थित उनके आवास ले जाने के लिए समय पर पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन द्वारा एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाए जाने की वजह से बड़ी देर तक स्ट्रेचर पर पड़ा रहा। 74 वर्षीय सिंह का लंबी बीमारी के बाद बृहस्पतिवार को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में निधन हो गया। सिंह के भाई अयोध्या प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि उनके भाई के पार्थिव शरीर को पटना स्थित उनके आवास ले जाने के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने समय पर एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई जिसके कारण शव को काफी देर तक स्ट्रेचर पर रखना पड़ा। 

इस आरोप के बारे में पीएमसीएच के अधीक्षक राजीव रंजन प्रसाद ने दावा किया कि उन्हें जैसे ही सूचना मिली, तुरंत एंबुलेंस उपलब्ध करवाई गई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य के भोजपुर जिले के बसंतपुर गांव के निवासी सिंह ने पूरे विश्व में भारत एवं बिहार का नाम रौशन किया। उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताते हुए कुमार ने सिंह के परिजन के प्रति संवेदना जताई और कहा कि सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा है।

कुमार ने पटना के कुल्हड़िया कॉम्पलेक्स पहुंचकर सिंह की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी।बर्कले के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से वर्ष 1969 में गणित में पीएचडी तथा ‘साइकिल वेक्टर स्पेस थ्योरी‘ पर शोध करने वाले सिंह लंबे समय से शिजोफ्रेनिया रोग से पीड़ित थे और पीएमसीएच में उनका इलाज चल रहा था।वाशिंगटन में गणित के प्रोफेसर रहे सिंह वर्ष 1972 में भारत लौट आये थे।उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर और भारतीय सांख्यकीय संस्थान, कलकत्ता में अध्यापन का कार्य किया। वे बिहार के मधेपुरा जिला स्थित भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे थे।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।

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