Friday, May 03, 2024
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कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव होगा? डॉक्टरों-विशेषज्ञों ने जताई आशंका

देश में कोरोना वायरस को लेकर अभी दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई थी कि लखनऊ के सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बड़ी आशंका जताई है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 15, 2021 22:42 IST
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव होगा? डॉक्टरों-विशेषज्ञों ने जताई आशंका- India TV Hindi
Image Source : PTI/REPRESENTATIONAL IMAGE कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा प्रभाव होगा? डॉक्टरों-विशेषज्ञों ने जताई आशंका

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस को लेकर अभी दूसरी लहर खत्म भी नहीं हुई थी कि लखनऊ के सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बड़ी आशंका जताई है। गौरतलब है कि पहले भी डॉक्टर और एक्सपर्ट ये कह चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में खतरा सबसे ज्यादा बच्चों पर हो सकता है। वहीं डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने 18 साल से ज्यादा आयु के लोगों को ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन पर जोर दिया है।  

'माता-पिता को वैक्सीनेशन लगवाना बहुत जरूरी'

भारत में दूसरी लहर को लेकर कोरोना वायरस के वैरिएंट बी1167 को बड़ा कारण माना जा रहा है। इसका सबसे अधिक असर फेफड़ों पर पड़ता है। इसकी वजह से कोरोना संक्रमितों में सांस लेने में दिक्‍कत और ऑक्‍सीजन की कमी जैसी परेशानियां देखने को मिल रही हैं, जो मरीज की जान जाने का बड़ा कारण बन रही हैं। लखनऊ सिविल अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद किशोर ने बताया कि आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर में बच्चों पर प्रभाव ज्यादा होगा, वैक्सीनेशन भी 18 से ज्यादा आयु के लोगों का हो रहा है। इसके लिए माता-पिता को वैक्सीनेशन लगवाना बहुत जरूरी है।

जिन राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया वहां कोविड मामले कम हो रहे- डॉ. संजीव सिन्हा 

दिल्ली AIIMS के डॉ. संजीव सिन्हा ने कहा कि जिन राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है, वहां कोविड मामले कम हो रहे हैं। दिल्ली में 10 दिन पहले 18,000 कोविड मामले प्रतिदिन आते थे, अब ये 8,000 प्रतिदिन तक आ गए हैं। अस्पतालों में मरीजों की संख्या घटने से ऑक्सीजन और बेड की मांग में भी कमी आई है। 

जानिए कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर

भारत फिलहाल इस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है लेकिन अभी से ही इसकी तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जाने लगी है। ज्‍यादातर जानकार इस आशंका से इनकार नहीं कर रहे हैं कि भारत में तीसरी लहर आएगी। अधिकतर जानकारों का कहना है कि भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर इस वर्ष सितंबर के बाद आ सकती है। 

तीसरी लहर आने का बड़ा कारण वायरस का म्‍यूटेशन हो सकता है

सफदरजंग अस्‍पताल में कम्‍यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रोफेसर और डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि भारत में महामारी की जिस तीसरी लहर के आने की आशंका जताई जा रही है वो मुख्‍य रूप से तीन बातों पर निर्भर करती है। प्रोफेसर किशोर के मुताबिक तीसरी लहर आने के पीछे एक बड़ा कारण ये हो सकता है वायरस का म्‍यूटेशन। आपको बता दें कि, वायरस के म्‍यूटेशन का अर्थ वायरस में होने वाला बदलाव होता है। गौरतलब है कि इस महामारी की शुरुआत से अब तक इस जानलेवा वायरस के कई म्‍यूटेशन सामने आए हैं। इनमें से कुछ बेहद घातक साबित हुए हैं।

 ...तो नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर

केंद्र सरकार के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के विजय राघवन ने भी देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर कहा है कि अगर सभी सावधानी बरतें और गाइडलाइंस का पालन करें तो शायद कुछ ही जगहों पर तीसरी लहर आएगी या फिर कहीं भी नहीं आएगी। साथ ही जून से कोरोना संक्रमण के मामले कम होने भी शुरू हो जाएंगे। डॉ. के राघवन ने कहा कि कोरोना की देश में तीसरी लहर आएगी या नहीं यह इस पर निर्भर करता है कि हम सब किस तरह गाइडलाइंस का पालन करते हैं। व्यक्तिगत स्तर पर, लोकल स्तर पर और सभी जगह अगर सावधानी बरतें और गाइडलाइंस का पालन करें तो तीसरी लहर को आने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनने और बोलने में मुश्किल लगता है लेकिन यह मुमकिन है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली है, मास्क पहनते हैं, पूरी सावधानी बरतते हैं वह सुरक्षित है। 

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