नई दिल्लीः देश में पिछले कुछ महीनों से पालतू कुत्तों के हमलों के मामले बढ़े हैं। पेट डॉग के बढ़ते हमलों और उससे होने वाली मौतों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों को एक पत्र लिखा है। केंद्र ने राज्यों से आक्रामक कुत्तों की नस्लों जैसे- रॉटवीलर, पिटबुल, टेरियर, वुल्फ और मास्टिफ पर आयात, प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने को कहा है।
लाइसेंस या परमिट जारी से बचने को कहा
मिली जानकारी के अनुसार, पशुपालन और डेयरी विभाग ने सभी राज्यों को एक पत्र भेजा है, जिसमें स्थानीय निकायों से इन कुत्तों की बिक्री और प्रजनन के लिए लाइसेंस या परमिट जारी करने से परहेज करने का आग्रह किया गया है। इन नस्लों के कुत्तों की नसबंदी करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। यह निर्णय विशेषज्ञों और पशु कल्याण निकायों की एक समिति द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट के एक आदेश के जवाब में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद आया है। सरकार के फैसले का उद्देश्य मानव जीवन की रक्षा करना और कुत्तों के हमलों की आगे की घटनाओं को रोकना है।
इन नस्लों के कुत्तों पर भी लगेगा प्रतिबंध
विभाग ने कहा कि इन नस्लों के कुत्तों की आगे प्रजनन रोकने के लिए उनकी नसबंदी की जाएगी। पहचानी गई नस्लों में पिटबुल टेरियर, टोसा इनु, अमेरिकन स्टैफोर्डशायर टेरियर, फिला ब्रासीलीरो, डोगो अर्जेंटीनो, अमेरिकन बुलडॉग, बोसबोएल, कांगल, मध्य एशियाई शेफर्ड डॉग, कोकेशियान शेफर्ड डॉग, दक्षिण रूसी शेफर्ड डॉग, टॉर्नजैक शामिल हैं। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरप्लैनिनैक, जापानी टोसा और अकिता, मास्टिफ़्स, रॉटवीलर, टेरियर्स, रोड्सियन रिजबैक, वुल्फ डॉग्स, कैनारियो, अकबाश, मॉस्को गार्ड, केन कोरसो और बैंडोग नस्लों के पेट डॉग पर भी प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है।
कुत्तों के हमलों पर रोक लगाने की तैयारी
सरकार के फैसले का उद्देश्य मानव जीवन की रक्षा करना और कुत्तों के हमलों की आगे की घटनाओं को रोकना है। यह जिम्मेदार पालतू पशु स्वामित्व को बढ़ावा देने और मनुष्यों और जानवरों दोनों के कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम है। स्थानीय निकायों से अपेक्षा की जाती है कि वे प्रतिबंध के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक दिशानिर्देश जारी करेंगे।