कर्नाटक के तटीय शहर कारवार में एक सीगल पक्षी के मिलने से हड़कंप मच गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पक्षी की पीठ पर एक हाई-टेक चीनी GPS ट्रैकर लगा हुआ मिला है। ऐसे में इस बात का शक गहरा गया है कि क्या इसे इंडियन नेवी बेस पर जासूसी करने के लिए भेजा गया था?
कदंबा नेवल बेस के पास मिला
चूंकि पक्षी का रूप-रंग अजीब लग रहा था, इसलिए शक होने पर स्थानीय लोगों ने मरीन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को सूचित किया। अधिकारियों ने पक्षी को पकड़कर उसकी जांच की। जांच के दौरान पता चला कि GPS डिवाइस पर "चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज" लिखा हुआ था। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि इस GPS का इस्तेमाल पक्षियों के मूवमेंट, खाने-पीने की आदतों और माइग्रेशन को स्टडी करने के लिए किया जाता है।
यह पक्षी कदंबा नेवल बेस के पास पकड़ा गया था, इसलिए आशंका जताई जा रही है कि इसे भारतीय नेवल बेस की जासूसी करने के लिए भेजा गया है। ऐसा हो सकता है। पिछले साल नवंबर में इसी कारवार बेस में GPS के साथ एक बाज मिला था। यह भी आशंका जताई जा रही है कि कोई रिसर्च के नाम पर भारत की जासूसी कर रहा है। पक्षी को अभी मरीन फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के ऑफिस में सुरक्षित रखा गया है।
सीगल पक्षी की खासियत
सीगल समुद्र के किनारे पाए जाने वाले सबसे बुद्धिमान और चालाक पक्षियों में से एक है। ये पक्षी अपनी अनुकूलन क्षमता के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। सीगल मध्यम से बड़े आकार के पक्षी होते हैं। अधिकांश सीगल का शरीर सफेद और स्लेटी रंग का होता है, जबकि उनके पंखों के सिरे अक्सर काले होते हैं। इनकी चोंच मजबूत और थोड़ी हुक जैसी मुड़ी हुई होती है, जिससे ये आसानी से मछली पकड़ सकते हैं। इनके पैर झिल्लीदार होते हैं, जो इन्हें पानी में तैरने में मदद करते हैं।
इनकी दृष्टि बहुत तेज होती है, जिससे ये ऊंचाई से भी पानी के अंदर शिकार देख लेते हैं। सीगल इंसानों के व्यवहार को समझने में भी माहिर होते हैं। ये झुंड में रहना पसंद करते हैं और एक-दूसरे के साथ संवाद करने के लिए अलग-अलग तरह की आवाज़ें निकालते हैं।
ये भी पढ़ें-
दिल्ली में घर बैठे बुक कर सकेंगे फेवरेट शराब, मोबाइल ऐप पर दिखेगा स्टॉक, जान लीजिए सबकुछ