नई दिल्ली: राजधानी में रहने वाले शराब के शौकीन लोगों के लिए बड़ी खबर है। दिल्ली सरकार अपनी नई आबकारी नीति (Excise Policy) के जरिए एक क्रांतिकारी बदलाव की तैयारी में है। अब आपको अपने पसंदीदा ब्रांड के लिए एक दुकान से दूसरी दुकान के चक्कर नहीं काटने होंगे। सरकार एक ऐसा मोबाइल ऐप लॉन्च करने जा रही है, जो न सिर्फ स्टॉक की जानकारी देगा, बल्कि आपको बोतल 'रिजर्व' करने की सुविधा भी देगा।
दिल्ली की नई आबकारी नीति का मसौदा अब अपने अंतिम चरण में है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के मंत्री परवेश वर्मा की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति इस पर तेजी से काम कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस नीति को जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा, ताकि हितधारकों से उनकी राय ली जा सके। यह प्रक्रिया जनवरी तक शुरू होने की संभावना है। जनता के सुझावों के आधार पर नीति में सुधार किया जाएगा। इसके बाद इसे कैबिनेट और फिर उपराज्यपाल की अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा, जिसके बाद इसे आधिकारिक तौर पर अधिसूचित किया जाएगा।
सितंबर 2022 से दिल्ली में 'पुरानी आबकारी नीति' ही लागू है, जिसे बार-बार विस्तार दिया जा रहा है। हाल ही में इसे तीन महीने के लिए फिर से बढ़ाया गया था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट किया है कि नई नीति का उद्देश्य एक ऐसा फुलप्रूफ और पारदर्शी ढांचा तैयार करना है, जिससे दिल्ली के राजस्व में अधिकतम वृद्धि हो सके। इसके लिए अन्य राज्यों की बेहतरीन कार्यप्रणालियों का भी अध्ययन किया गया है।
मोबाइल ऐप की खूबियां
- ऐप के जरिए आप देख सकेंगे कि आपके पास के सरकारी ठेके पर कौन सा ब्रांड उपलब्ध है।
- आप अपनी पसंद की शराब प्री-बुक कर सकेंगे।
- बुकिंग के बाद दुकान उस बोतल को 1 घंटे तक आपके लिए संभाल कर रखेगी। अगर आप एक घंटे में नहीं पहुंचते, तो वह वापस आम बिक्री के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
- ऐप के जरिए सरकार यह डेटा जुटाएगी कि लोग किस ब्रांड को सबसे ज्यादा सर्च कर रहे हैं। यदि कोई ब्रांड स्टॉक में नहीं है, तो मांग के आधार पर उसे दुकानों में उपलब्ध कराया जा सकता है।
ठेकों के जमावड़े पर लगाम
अक्सर देखा जाता है कि एक ही जगह कई दुकानें होने से वहां अड्डेबाजी और भीड़ बढ़ जाती है। नई पॉलिसी में इसका समाधान है-
- अब दो शराब की दुकानों के बीच कम से कम 350 मीटर की दूरी अनिवार्य होगी।
- स्कूलों और रिहायशी क्षेत्रों के पास स्थित दुकानों को स्थानांतरित किया जाएगा।
- फिलहाल, चल रही 700+ सरकारी दुकानों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। इन्हें ही व्यवस्थित किया जाएगा।
'ब्रैंड पुशिंग' पर रोक
अक्सर दुकानदार ग्राहकों पर खास ब्रांड खरीदने का दबाव बनाते हैं, नई नीति में-
- दुकानदार किसी खास ब्रांड को प्रमोट नहीं कर पाएंगे।
- ऐप में ही शिकायत दर्ज करने का सेक्शन होगा, जहां ग्राहक सीधे अपनी परेशानी बता सकेंगे।
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