Saturday, April 27, 2024
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गुजरात चुनाव से पहले केंद्र का बड़ा कदम, पाकिस्तान समेत 3 देशों से आए लोगों को इन 2 जिलों में आसानी से मिलेगी नागरिकता, केल्कटरों को मिला अधिकार

Indian Citizenship to Minorities: गुजरात चुनाव से पहले सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य के दो जिलों में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए कलेक्टरों को अधिकार दिए गए हैं।

Shilpa Written By: Shilpa @Shilpaa30thakur
Updated on: November 02, 2022 14:47 IST
तीन देशों से आए लोगों को मिलेगी भारतीय नागरिकता- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO तीन देशों से आए लोगों को मिलेगी भारतीय नागरिकता

गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने बड़ा दांव चलते हुए ये फैसला लिया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आकर गुजरात के दो जिलों में रह रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी। इन अल्पसंख्यकों में हिंदुओं के अलावा सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोग शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) से संबंध गृह मंत्रालय द्वारा नए नियम के तहत जिला कलेक्टरों को लोगों की जांच करने और उन्हें नागरिकता देने का अधिकार दिया गया है।

इसका मतलब ये हुआ कि लोगों को नागरिकता, नागरिकता कानून 1955 के तहत की जाएगी। न कि विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 यानी सीएए के तहत। हालांकि इस संशोधित अधिनियम में भी पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है लेकिन सरकार ने अभी तक इसके तहत नियम नहीं बनाए हैं। जिसके चलते अभी तक सीएए के तहत किसी को नागरिकता नहीं दी जा सकी है। 

सरल बनाई गई नागरिकता की प्रक्रिया

गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म मानने वाले लोगों के लिए नागरिकता प्राप्त करने की पूरी प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। आणंद के कलेक्टर डीएस गधवी ने कहा कि नए नियम के तहत अब कलेक्टरों को लोगों की जांच करने और उन्हें नागरिकता देने का अधिकार है। अधिकारियों के मुताबिक मेहसाणा और आणंद के कलेक्टरों को नागरिकता देने का अधिकार दिया गया है। आणंद जिले के तारापुर में रहने वालीं और पाकिस्तान के सिंध से आईं मिताली माहेश्वरी ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है और वह सरकार के इस फैसले से खुश हैं।

लोगों को नागरिकता मिलने की उम्मीद बढ़ी

मिताली माहेश्वरी के मुताबिक उनके माता-पिता को 2019 में ही भारतीय नागरिकता मिल गई थी, लेकिन उन्हें, उनकी बड़ी बहन और छोटे भाई को अभी तक नागरिकता नहीं मिली है। वर्तमान में, मिताली और उनकी बड़ी बहन ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है और इसे प्राप्त करने के लिए उम्मीद लगाए बैठी हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और अगले दिन इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। जनवरी 2020 में मंत्रालय ने कहा कि अधिनियम 10 जनवरी, 2020 से लागू होगा लेकिन बाद में इसने राज्यसभा और लोकसभा में संसदीय समितियों से नियमों को लागू करने के लिए कुछ और समय देने का अनुरोध किया क्योंकि देश में कोविड-19 महामारी के कारण सबसे बड़ा स्वास्थ्य संकट खड़ा हो गया था।

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