Tuesday, April 29, 2025
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'तमिल जिंदाबाद, हिंदी थोपना बंद करो, AI युग में स्कूलों में तीसरी भाषा को लागू करना अनावश्यक', NEP विवाद पर बोले स्टालिन

तमिलनाडु में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत स्कूलों में तीसरी भाषा को पढ़ाए जाने का मुद्दा गरम है। राज्य में बीजेपी के नेता और सीएम स्टालिन के बीच तीखी नोंकझोंक चल रही है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Feb 28, 2025 22:23 IST, Updated : Feb 28, 2025 22:33 IST
एमके स्टालिन
Image Source : FILE PHOTO एमके स्टालिन

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि सच्ची प्रगति इनोवेशन में निहित है न कि भाषा थोपने में। उन्होंने कहा कि Artificial Intelligence (AI) के युग में स्कूलों में किसी भी भाषा को तीसरी भाषा के रूप में थोपना अनावश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लेकर केंद्र पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'हिंदी की वकालत करने वाले बीजेपी नेता जोर देकर कहते हैं, ‘आपको उत्तर भारत में चाय, पानी पुरी खरीदने या शौचालय का उपयोग करने के लिए हिंदी आनी चाहिए’।'

अतिरिक्त भाषाओं का नहीं डालाना चाहिए बोझ- स्टालिन

सीएम स्टालिन ने कहा कि आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस के युग में स्कूलों में किसी भी भाषा को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाने पर बल देना अनावश्यक है। सीएम ने कहा, 'उन्नत अनुवाद तकनीक पहले से ही भाषा संबंधी बाधाओं को तुरंत दूर कर देती है। छात्रों पर अतिरिक्त भाषाओं का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। इसके बजाय, छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में विशेषज्ञता हासिल करते हुए अपनी मातृभाषा और अंग्रेजी में निपुणता हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।' 

तमिल जिंदाबाद का लगाया नारा

सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, 'अगर जरूरत पड़ी तो वे बाद में कोई भी भाषा सीख सकते हैं। सच्ची प्रगति इनोवेशन में निहित है, भाषा थोपने में नहीं। तमिल जिंदाबाद, हिंदी थोपना बंद करो।'

स्टालिन ने पत्र लिखकर याद दिलाया पुराना इतिहास

इससे पहले, द्रमुक सदस्यों को संबोधित एक पत्र में उन्होंने कहा था कि तमिलनाडु हिंदी और संस्कृत को तमिल पर हावी नहीं होने देगा। स्टालिन ने कहा कि द्रमुक राज्य और इसकी भाषा की रक्षा के संघर्ष में हमेशा आगे रहेगी। उन्होंने उन्हें याद दिलाया कि हिंदी विरोधी आंदोलन के कारण ही 1939 में मद्रास प्रांत के तत्कालीन राज्यपाल ने हिंदी लागू करने का निर्णय वापस ले लिया था। 

हमने भाषा की पहली लड़ाई जीत ली है

स्टालिन ने पत्र में कहा, 'हालांकि हमने पहली भाषा की लड़ाई जीत ली है, लेकिन युद्ध अब भी जारी है। यह सिर्फ भाषा थोपना नहीं है, बल्कि इस भूमि पर संस्कृत का प्रभाव बढ़ाने की साजिश के तहत तमिल संस्कृति पर आक्रमण है।' 

कुशासन से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता- बीजेपी

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राज्य प्रमुख के. अन्नामलाई ने कहा कि स्टालिन को यह एहसास नहीं है कि कथित तौर पर हिंदी थोपने को लेकर दिये गये उनके बयान से तमिलनाडु में ‘कुशासन’ से ध्यान नहीं भटकाया जा सकता। 

बीजेपी ने जारी किया एक वीडियो

संसद में बोलने के लिए हिंदी और अंग्रेजी दोनों में पारंगत होने की जरूरत संबंधी राज्य मंत्री दुरईमुरुगन का एक पुराना वीडियो पोस्ट करते हुए अन्नामलाई ने कहा, “ऐसा लगता है कि थिरु एम.के. स्टालिन अपनी पार्टी के महासचिव का यह भाषण सुनने से चूक गए।' 

बीजेपी ने स्टालिन से पूछा सवाल

अन्नामलाई ने पूछा, 'वे क्या हिंदी को बढ़ावा दे रहे हैं। एनईपी तीन भाषा नीति की वकालत करती है, जिसमें किसी भी भारतीय भाषा को तीसरी भाषा माना जाएगा। राज्य में दो अलग-अलग नियम क्यों हैं? एक निजी स्कूल के छात्र को तीसरी भाषा सीखने का अवसर प्रदान किया जाता है, तो हमारे सरकारी स्कूल के छात्रों को इससे वंचित क्यों रखा जाता है?' (भाषा के इनपुट के साथ)

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