
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को खालिस्तानी आतंकवादी कश्मीर सिंह गलवड्डी को गिरफ्तार किया। वह विदेशी बब्बर खालसा आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा से जुड़ा हुआ था। वह 2016 में नाभा जेल से भागने वाले कुख्यात अपराधियों में से एक था। बता दें कि यह सफलता तब मिली जब एनआईए ने मोतिहारी पुलिस के साथ मिलकर मोतिहारी बिहार से खालिस्तानी आतंकी साजिश के मामले में लुधियाना, पंजाब के कश्मीर सिंह गलवड्डी को गिरफ्तार किया। एनआईए ने कहा कि नाभा जेल से भागने के बाद से कश्मीर सिंह रिंदा सहित नामित खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ था।
एनआईए ने कश्मीर सिंह गलवड्डी को किया गिरफ्तार
जांच एजेंसी द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नेपाल, कश्मीर में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और रिंदा के आतंकी गिरोह का एक महत्वपूर्ण नोड एनआईए मामले में साजिश में शामिल होने, खालिस्तानी आतंकवादियों के सहयोगियों को आश्रय, रसद सहायता और आतंकी फंड प्रदान करने से संबंधित भूमिका के लिए घोषित अपराधी था। एनआईए ने कहा कि ये सहयोगी पंजाब पुलिस खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) हमले सहित भारत में विभिन्न आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के बाद नेपाल भाग गए थे। एनआईए ने कहा कि बीकेआई, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के प्रमुखों/सदस्यों की आतंकवादी गतिविधियों की जांच के लिए अगस्त 2022 में आतंकी साजिश का मामला स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था।
एनआईए ने किया खुलासा
एनआईए ने कहा कि जांच में आतंकवाद-अपराधी गठजोड़ का खुलासा हुआ है, जिसमें पता चला है कि ये आतंकी समूह संगठित आपराधिक गिरोहों के साथ मिलकर देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सीमा पार से हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक, आईईडी आदि जैसे आतंकी हार्डवेयर की तस्करी में लगे हुए थे। एनआईए की दिल्ली स्थित विशेष अदालत ने 2022 के आतंकी साजिश मामले में कश्मीर सिंह को भगोड़ा घोषित किया था और पिछले कुछ वर्षों में उसके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किए थे। एनआईए ने उसकी गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को 10 लाख रुपये का नकद इनाम भी देने की घोषणा की थी। एनआईए ने जुलाई 2023 में आतंकी मामले में संधू और एक अन्य खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह उर्फ लांडा सहित नौ आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसके बाद छह अन्य के खिलाफ दो पूरक आरोपपत्र दाखिल किए गए थे।