Sunday, May 05, 2024
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रेलवे का कबाड़ भी बना सोना! बेकार डिब्बों को बेचकर होती है हजारों करोड़ रुपये की कमाई

हर साल ट्रेन के सैकड़ों डिब्बे खराब हो जाते हैं और रेलवे के इन कबाड़ हो चुके डिब्बों की कीमत भी लाखों में होती है।

Vineet Kumar Singh Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Published on: July 27, 2023 7:59 IST
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Image Source : INDIA TV रेलवे ने खराब हो चुके डिब्बों को बेचकर करोड़ों रुपये की कमाई की है।

मुंबई: हाल ही में आई कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि रेलवे ने स्क्रैप बेचकर हजारों करोड़ रुपये की कमाई की थी, अब सेंट्रल रेलवे की भी एक रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य रेल ने अप्रैल 2022 से जून 2023 तक 138 मेल या एक्सप्रेस डिब्बों को उनके कोडल लाइफ के बाद रद्द कर दिया और उन्हें स्क्रैप बिक्री के लिए भेज दिया। रेलवे को इससे प्रति डिब्बे 12.73 लाख की औसत कमाई के साथ 17.58 करोड़ की आय दर्ज हुई। मध्य रेल ने संरक्षा सुनिश्चित करते हुए और रेलवे की कंडमनेशन नीति का अनुपालन करते हुए अप्रैल 2022 से जून 2023 तक 138 कोचों को उनकी 25 साल के कोडल लाइफ के बाद रद्द कर दिया था।

कोचों का अधिकतम जीवन 25 साल होता है

रेलवे ने कुर्ला कोच कंडमनेशन यार्ड में कोचों के टूटने के बाद उन्हें नीलामी के लिए स्क्रैप यार्ड में भेज दिया। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 14 एसी कोचों सहित कुल 79 कोचों को नष्ट कर दिया गया था और इन 79 कोचों की बिक्री से रु. 11.71 करोड़ की राशि अर्जित की गई। पिछले 3 महीनों में यानी अप्रैल 2023 से जून 2023 तक, कुल 59 कोच कंडम हो गए, जिनमें 11 कोच एसी कोच थे, इन कोचों के स्क्रैप की बिक्री से 5.87 करोड़ रुपये की आय अर्जित हुई। बता दें कि कोच के  कंडमनेशन के संबंध में निर्णय आयु-सह-स्थिति के आधार पर लिया जाता है, जिसमें अधिकतम 25 वर्ष का जीवन होता है।

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Image Source : INDIA TV
जंक यार्ड में जाने से पहले डिब्बों की बकायदा कटाई की जाती है।

स्क्रैप की बिक्री से 11,645 करोड़ की कमाई
पूरे रेलवे की बात करें तो CAG की लेखा परीक्षा में पाया गया था कि भारतीय रेल ने 2017 से 21 के दौरान स्क्रैप से 11,645 करोड़ रुपये की कमाई की थी। यानी कि रेलवे ने कबाड़ बेचकर हर साल हजारों करोड़ रुपये की कमाई की थी। रेलवे इसके अलावा पार्किंग, मोबाइल फूड यूनिट्स, बेस किचन, सेल किचन, फूड प्लाजा आदि से भी करोड़ों रुपये कमाई करता है। हाल में आई कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि रेलवे की गैर यात्रा किराया स्रोतों से होने वाली कमाई लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाई थी, लेकिन स्क्रैप बेचकर उसने अच्छी कमाई की थी।

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