Monday, May 06, 2024
Advertisement

Indian Railway: सेंट्रल रेलवे ने किया कमाल, कबाड़ से कमा लिए 17.58 करोड़ रुपये, जानें कैसे

सेंट्रल रेलवे ने कबाड़ बेचकर करोड़ों रुपये की कमाई की है। एक साल में रेलवे ने कबाड़ से 17.58 करोड़ रुपये कमा लिए हैं। जानें पूरी डिटेल्स-

Reported By : Atul Singh Edited By : Kajal Kumari Published on: July 26, 2023 21:19 IST
railway scrap sale- India TV Hindi
रेलवे ने कबाड़ से कमा लिए करोड़ों रुपये

Indian Railways: मध्य रेल ने अप्रैल, 2022 से जून, 2023 तक 138 मेल/एक्सप्रेस डिब्बों को उनके कोडल लाइफ के बाद रद्द कर दिया और उन्हें स्क्रैप बिक्री के लिए भेज दिया, जिससे प्रति डिब्बे 12.73 लाख की औसत कमाई के साथ 17.58 करोड़ की कमाई हुई है। मध्य रेल ने संरक्षा सुनिश्चित करते हुए और रेलवे की कंडमनेशन नीति का अनुपालन करते हुए अप्रैल '2022 से जून '2023 तक 138 कोचों को उनके 25 साल के कोडल लाइफ के बाद रद्द कर दिया है और कुर्ला कोच  कंडमनेशन यार्ड में टूटने के बाद नीलामी के लिए स्क्रैप यार्ड में भेज दिया है।

पिछले साल 11.71 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी

बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, 14 एसी कोचों सहित कुल 79 कोचों को नष्ट कर दिया गया था। इन 79 कोचों की बिक्री से  11.71 करोड़ रुपये की राशि अर्जित की गई थी। पिछले तीन महीनों में यानी अप्रैल 2023 से जून 2023 तक, कुल 59 कोच कंडम हो गए, जिनमें 11 कोच एसी कोच थे। इन कोचों के स्क्रैप की बिक्री से  5.87 करोड़ रुपये की आय अर्जित हुई।

कैसे होती है कोच की स्क्रैप सेल

कोच के कंडमनेशन के संबंध में निर्णय कोच की आयु-सह-स्थिति के आधार पर लिया जाता है, जो अधिकतम 25 वर्ष का होता है। समय-समय पर वार्षिक ओवरहाल के अलावा, प्रत्येक कोच को ट्रेन से जोड़ने से पहले एक विस्तृत जांच की जाती है और केवल उन्हीं कोचों को सेवा में रखने की अनुमति दी जाती है, जो चलने के लिए सुरक्षित हैं।

 मुंबई मंडल में, सफल नीलामी प्रक्रिया के बाद खराब हो चुके डिब्बों को कुर्ला के कोच कंडेमेशन यार्ड में लाया जाता है और उस पर काम करने वाले 20-25 कर्मचारियों द्वारा गैस कटर से टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है। इन कोचों को सीएसएमटी, दादर, वाडीबंदर, एलटीटी कोचिंग यार्ड से कंडमनेशन के बाद लाया जाता है। इन कोचों की स्क्रैप बिक्री से राजस्व प्राप्त होता है। इसके अलावा कुछ अच्छी स्थिति वाले कोचों को उनके कोडल जीवन के बाद कोच रेस्तरां आदि के रूप में रखा जाता है।

स्क्रैप सेल से होने वाली आय से होती है खरीदारी

इसी अवधि के दौरान यानी अप्रैल 2022-जून 2023 तक, मध्य रेल के मुंबई मंडल ने 39 स्लीपर क्लास कोच, 57 थर्ड एसी, 24 सेकेंड एसी, 8 फर्स्ट एसी, 29 जनरल सेकेंड क्लास, 5 पेंट्री कार, 19 लगेज और गार्ड ब्रेकवैन और 6 पार्सल वैन सहित 193 नए कोच खरीदे गए थे।

मध्य रेल का मुंबई मंडल सक्रिय रोलिंग स्टॉक जो वर्तमान में विभिन्न ट्रेनों में उपयोग किया जाता है, वह कुल 2278 कोच हैं जिनमें 835 वातानुकूलित कोच, 725 स्लीपर कोच, 525 जनरल कोच, 60 पेंट्री कार, 6 विस्टाडोम कोच, 48 वंदे भारत कोच और 79 अन्य प्रकार के कोच शामिल हैं। कोचों की समय-समय पर कंडमनेशन और स्क्रैपिंग संरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ 'जीरो स्क्रैप मिशन' भी सुनिश्चित की जाती है।

ये भी पढ़ें:

IMD Alert: देश के कई राज्यों में अगले तीन दिनों तक होगी मूसलाधार बारिश, महाराष्ट्र में रेड अलर्ट जारी

मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा, मोरेह में सुबह से हो रही फायरिंग, 20 घरों में आग लगाई गई

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement