Thursday, April 25, 2024
Advertisement

Rajat Sharma’s Blog: शराब नीति को लेकर लगे स्पष्ट आरोपों का जवाब दें केजरीवाल, सिसोदिया

आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजीरवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से 'फर्जी' है।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Published on: July 23, 2022 17:30 IST
Rajat Sharma Blog, Rajat Sharma Blog on Kejriwal, Rajat Sharma Blog on Sisodia- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र के बीच गतिरोध शुक्रवार को उस वक्त और ज्यादा बढ़ गया जब लेफ्टिनेंट गवर्नर ने राज्य सरकार द्वारा लागू की गई नई दिल्ली एक्साइज पॉलिसी की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।

यह कार्रवाई दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव नरेंद्र कुमार की रिपोर्ट के आधार पर हुई। मुख्य सचिव ने 8 जुलाई को लेफ्टिनेंट गवर्नर को रिपोर्ट भेजी थी जिसमें सात 'जानबूझकर की गई घोर प्रक्रियात्मक खामियों' का उल्लेख किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि इन खामियों के चलते शराब लाइसेंसधारियों को 'अनुचित लाभ' प्राप्त हुआ। दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी पिछले साल नवंबर में लागू की गई थी। इसके तहत पूरी दिल्ली में शराब बेचने के लिए 849 विक्रेताओं को खुदरा लाइसेंस दिए गए थे।

रिपोर्ट में सत्ताधारी दल और लाइसेंसधारियों के बीच वित्तीय लेन-देन के पर्याप्त संकेत पाते हुए इसकी सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। इस पूरे मामले में निशाने पर मनीष सिसोदिया हैं जिनके पास एक्साइज डिपार्टमेंट है। केजरीवाल के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन पहले से भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जेल में हैं।

आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजीरवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से 'फर्जी' है। मनीष सिसोदिया 'कट्टर ईमानदार और देशभक्त' हैं। केजरीवाल ने कहा-'उनके खिलाफ बनाया गया केस पूरी तरह से झूठा और निराधार है। आरोपों में रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है।' 

मुख्य सचिव द्वारा उपराज्यपाल को भेजी गई रिपोर्ट में लगाए गए कुछ खास आरोपों का केजरीवाल ने जवाब नहीं दिया। वे केवल भाजपा पर राजनीतिक निशाना साधते रहे। उन्होंने कहा, ' मुझे बताया गया था कि वे (भाजपा) उन्हें (मनीष सिसोदिया) गिरफ्तार करना चाहते थे और उन्हें फंसाने के लिए एक झूठे मामले की तलाश कर रहे थे'। उन्होंने कठोर शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा, 'तुम लोग (बीजेपी) सावरकर की औलाद (बेटा) हो जिसने अंग्रेजों से माफ़ी मांगी, और हम भगत सिंह की औलाद हैं जो फांसी पे लटक गए। हम जेल जाने से नहीं डरते।'

केजरीवाल ने कहा, 'बीजेपी हमारी पार्टी को इसलिए टारगेट कर रही है क्योंकि हम एक ईमानदार पार्टी हैं और बीजेपी यह साबित करने की कोशिश कर रही है कि हम लोग भी उन्हीं के जैसे भ्रष्ट हैं। वे लोग झूठे आरोप लगाकर हम पर कीचड़ उछाल रहे हैं लेकिन जनता उनके झूठ पर भरोसा नहीं करेगी।'

बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी, आदेश गुप्ता और रामवीर सिंह बिधूड़ी ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने शराब कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए गुटबंदी को बढ़ावा दिया। नई दिल्ली से सांसद और केंद्रीय राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि लाइंसेंसधारियों को 144.4 करोड़ रुपये की छूट दी गई और एक कंपनी से 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि नियमों और प्रक्रियाओं का पालन किए बिना वापस कर दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 'आप' सरकार ने दिल्ली के 32 इलाकों में से दो इलाकों के लिए एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को शराब का लाइसेंस दिया।

मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'वह नहीं जानती कि कौन जेल जाएगा, लेकिन ऐसे दस्तावेज और हस्ताक्षर हैं जो नयी एक्साइज पॉलिसी को लागू करने का फैसला लेने और अनियमितताओं उनकी मिलीभगत को साबित करते हैं। पिछले साल 21 अक्टूबर को एक्साइज विभाग ने लाइसेंस देने वाली कंपनियों को नोटिस दिया था। लेकिन इस साल 14 जुलाई को बिना कैबिनेट नोट के उन्हीं कंपनियों को 144.4 करोड़ रुपये की छूट दे दी गई।'

बीजेपी नेताओं ने इल्जाम लगाया कि यह सब सीएम केजरीवाल के कहने पर हुआ, जिन्होंने एक्साइज पॉलिसी में मनमाने बदलाव किए, जल्दबाजी में फैसले लिए, और यह वेंडर्स के साथ लेन-देन के बगैर नहीं हुआ। बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने आरोप लगाया कि दिल्ली कैबिनेट ने पिछले साल मार्च में नई एक्साइज पॉलिसी को मंजूरी दी थी। अप्रैल में, मंत्रियों के एक ग्रुप ने नीति में कुछ बदलाव किए, और पिछले साल 17 नवंबर को लागू की गई नई नीति में सरकार द्वारा चलाई जा रहीं 600 से ज्यादा शराब की दुकानें बंद कर दी गईं, और निजी विक्रेताओं को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया।

शुरू में यह फैसला किया गया था कि मैन्युफैक्चरर, डिस्ट्रिब्यूटर और रिटेलर अलग-अलग होंगे, और यह कि एक कंपनी को दो से अधिक जोन के लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। लेकिन हकीकत में दिल्ली सरकार ने 5-5 जोन में एक ही कंपनी को लाइसेंस दे दिया। शर्त यह थी कि अगर टेंडर मिलने के बाद कोई शर्तें पूरी नहीं करता तो अर्नेस्ट मनी जब्त हो जाएगी, लेकिन आरोप है कि मनीष सिसोदिया ने डिपॉजिट किए गए 30 करोड़ रुपये लौटा दिए। इतना ही नहीं, कोरोना काल में वेंडर्स को हुए नुकसान की भरपाई के नाम पर 144 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए।

सिरसा गड़बड़ियों की पूरी डिटेल लेकर सामने आए। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल की सरकार ने नई शराब नीति में बिचौलियों को 12 फीसदी मुनाफे की जो गारंटी दी है, इसमें से 6 पर्सेंट कमीशन के तौर पर कैश में वापस लिया जाता था। सिरसा ने कहा कि दिल्ली में एक के साथ एक शराब की बोतल मुफ्त देने के पीछे भी ब्लैक को व्हाइट करने का खेल था। उन्होंने कहा कि शराब के ठेके पर एक के साथ एक शराब की बोतल मुफ्त दी जाती थी, लेकिन शराब कंपनियां दोनों बोलतों की कीमत के बराबर पैसा बैंक में जमा करती थीं। सिरसा ने आरोप लगाया कि एक बोतल का पैसा तो ग्राहक से लिया जाता था, दूसरी बोतल की कीमत के बराबर शराब कंपनी की ब्लैक मनी बैंक में व्हाइट के तौर पर जमा हो जाती थी।

दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने उपराज्यपाल को दी गई अपनी रिपोर्ट में कुछ प्रक्रियात्मक खामियों की ओर इशारा किया था। पहली, एअरपोर्ट जोन के लाइसेंस की सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि भी वापस कर दी, क्योंकि वह हवाईअड्डा प्राधिकारियों से ‘अनापत्ति प्रमाणपत्र’ हासिल नहीं कर सका। दिल्ली आबकारी नियमावली-2010 के मुताबिक, सफल बोली लगाने वाले को लाइसेंस के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी और ऐसा नहीं किए जाने पर उसके द्वारा जमा जमानत राशि सरकार जब्त कर लेगी।

दूसरी, विदेशी शराब के दाम तय करने के फार्मूले को संशोधित कर दिया गया और ‘बिना अधिकृत प्राधिकार की मंजूरी’ के बीयर के प्रति केस पर 50 रुपये के लगने वाले आयात शुल्क को हटा दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को राजस्व का नुकसान हुआ। तीसरी, लाइसेंस शुल्क, ब्याज और जुर्माने के भुगतान में चूक के लिए दंडात्मक कार्रवाई करने की बजाय, L7Z (खुदरा) लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय लाभ प्रदान करने के लिए टेंडर डॉक्युमेंट के शिथिल प्रावधान लागू किए गए। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में 4 अन्य प्रक्रियात्मक खामियां हैं, जिनमें मैं नहीं जाऊंगा।

केजरीवाल कह रहे हैं कि देख लेना कोर्ट में इनको डांट पड़ेगी, लेकिन वह ये नहीं बताते हैं कि सत्येन्द्र जैन लोअर कोर्ट से हाई कोर्ट तक गए, लेकिन जमानत नहीं मिली। क्या न्यायपालिका भी केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ है?

केजरीवाल ने इसी तरह का कैरेक्टर सर्टिफिकेट जितेन्द्र तोमर को दिया था। केजरीवाल ने कहा था कि मैंने उनकी डिग्री चेक करवाई है और वह बिल्कुल असली है, लेकिन बाद में यूनिवर्सिटी ने लिख कर दे दिया कि तोमर की डिग्री फर्जी है और वह जेल चले गए। अब केजरीवाल उनका नाम भी नहीं लेते।

केजरीवाल दावा करते थे कि वह हीरे खोजकर लाए हैं, ठोक बजाकर ईमानदारी के पुतले ढ़ूंढ कर लाए हैं, लेकिन उनके मंत्री आसिम अहमद खान बिल्डर से 6 लाख रुपये की घूस लेते पकड़े गए। जब मामला खुला तो केजरीवाल ने खुद CBI जांच की सिफारिश करके अपने आपको ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे दिया।

एक और सहयोगी संदीप कुमार को महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया था। वह राशन कार्ड बनवाने का भरोसा देकर महिला से रेप के इल्जाम में पकड़े गए थे।

केजरीवाल अब कह रहे हैं कि मनीष सिसोदिया जेल जाएंगे लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता, बीजेपी उन्हें डरा नहीं सकती। लेकिन सच्चाई यह है कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का न तो केजरीवाल और न ही उनके मंत्रियों और सहयोगियों ने कोई जवाब दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता सिर्फ बीजेपी पर इल्जाम लगा रहे हैं और खुद को शहीद बताकर ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। ये सारी बातें, ये सारे डायलॉग्स सुनने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन अदालत में काम नहीं आएंगे। अदालतें रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों और CBI चार्जशीट, यदि यह दायर होती है, पर विचार करेगी। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 22 जुलाई, 2022 का पूरा एपिसोड

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement