Thursday, April 25, 2024
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Rajat Sharma’s Blog: नूपुर शर्मा की जान को वाकई गंभीर खतरा है

पाकिस्तानी नागरिक रिजवान की गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि नूपुर की जान के दुश्मन अब मुल्क के भीतर ही नहीं, सरहद के पार भी हैं।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma
Updated on: July 20, 2022 19:00 IST
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Image Source : INDIA TV India TV Chairman and Editor-in-Chief Rajat Sharma.

सुप्रीम कोर्ट ने जिस दिन बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर 10 अगस्त तक रोक लगा दी, उसी दिन बिहार और राजस्थान से खबरें आईं कि किस तरह पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बयान देने के लिए उन्हें जान से मारने की साजिशें रची गई।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस बार अपना रुख नरम करते हुए माना कि कट्टरपंथी जिहादी तत्वों से नूपुर शर्मा की जान को खतरा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस पारदीवाला ने ही 1 जुलाई को नूपुर शर्मा को राहत देने से इनकार कर दिया था और 6 राज्यों में दर्ज 9 FIRs को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था।

बेंच ने कहा, ‘याचिकाकर्ता (नूपुर शर्मा) का कहना है कि इस अदालत ने (एक जुलाई को) जो वैकल्पिक उपाय सुझाए थे, उसका पालन करना उनके लिए अब तकरीबन नामुमकिन हो गया है, इसलिए संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जो गारंटी दी गई है, उसके तबत उनके जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कोर्ट की तरफ से हस्तक्षेप करने की तात्कालिक ज़रूरत है। बहरहाल, एक अंतरिम उपाय के रूप में यह निर्देश दिया जाता है कि 26 मई 2022 को प्रसारित उनकी टिप्पणियों  को लेकर जितनी एफआईआर या शिकायतें अब तक दर्ज हुई है या आगे होने वाली है, उन पर याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी।’

बेंच ने मंगलवार को कहा: ‘हम कभी नहीं चाहते थे कि आप हर अदालत में जाएं।’ शीर्ष अदालत ने FIRs को एक साथ जोड़ने के मामले में केंद्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों को नोटिस जारी किया। बेंच ने कहा कि उसके 1 जुलाई के आदेश के बाद अजमेर दरगाह के 'खादिम' सलमान चिश्ती ने सर कलम करने की अपील करते हुए धमकी दी, और यूपी में एक दूसरे शख्स ने भी सिर कलम करने के लिए कहा था।

नूपुर शर्मा के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि नूपुर की जान को खतरा था, क्योंकि 2 जुलाई को कोलकाता पुलिस ने उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी  कर दिया था। उन्होंने अदालत को बताया कि अगर वह बंगाल जातीं, जहां उनके खिलाफ 2 FIR दर्ज हैं, तो उनकी  गिरफ्तारी हो सकती थीं। मनिंदर सिंह ने अदालत को बताया कि सभी FIRs 26 मई को एक टीवी डिबेट के दौरान दिए गए एक बयान पर आधारित हैं, जहां उन्होंने एक हिंदू देवता के खिलाफ एक मुस्लिम मौलाना की गालियों का जवाब देते समय पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की थी।

नूपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी 9 FIRs में एक ही तारीख को किए गए एक ही अपराध का जिक्र है। इन FIR में जो धाराएं लगाई गई हैं वे भी लगभग एक जैसी ही हैं। इसलिए इन सभी FIRs को एक साथ जोड़ने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा नूपुर शर्मा को बलात्कार और मौत की जो धमकी दी गई है, उसकी वजह से उनका कहीं भी यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है। मुझे खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट को भी यह अहसास हुआ कि नूपुर की जान को कितना खतरा है।

मैं मानता हूं कि नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ जो बयान दिया था वह सही नहीं था। किसी भी धर्म की भावनाओं को आहत करना गलत है, लेकिन यह जुर्म है या नहीं इसका फैसला अदालत को करना है। किसी भी अपराध की क्या सजा होगी इसका फैसला भी अदालत को करना है। कोई और यह तय नहीं कर सकता कि जुर्म क्या है और सजा क्या होगी। लेकिन हमारे देश में मौजूद कट्टरपंथी लोग और विदेशों में बैठे जेहादी भी नूपुर शर्मा की जान लेना चाहते हैं। वे कानून अपने हाथ में लेकर अपने हिसाब से सजा देना चाहते हैं। नूपुर की जान को वाकई गंभीर खतरा है।

मंगलवार की रात अपने प्राइम टाइम शो 'आज की बात' में हमने दिखाया कि कैसे बिहार और राजस्थान में नूपुर शर्मा की हत्या की साजिश रची गई। पटना पुलिस ने खुलासा किया कि कट्टरपंथी संगठन पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया ने उन्हें मारने की साजिश रची थी। पटना पुलिस के मुताबिक, फुलवारी शरीफ में पूर्व पुलिसकर्मी मास्टरमाइंड जलालुद्दीन के साथ पकड़े गए अतहर परवेज ने अपने मोबाइल फोन पर एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था, जिसमें नूपुर के पते ठिकाने की जानकारी उनके मोबाइल नंबर के साथ दी गई थी। नूपुर के बारे में यह जानकारी बड़े पैमाने पर PFI के कैडर के बीच सर्कुलेट की गई थी। इस मामले में अरमान मलिक नाम के एक शख्स को भी गिरफ्तार किया गया था। ये सभी इस ग्रुप में थे और आपस में नूपुर शर्मा का फोन नंबर और एड्रेस शेयर कर रहे थे।

पुलिस इस मामले में अभी खुलकर नहीं बोल रही है क्योंकि जांच जारी है। इंडिया टीवी के रिपोर्टर को जानकारी मिली है कि PFI के कैडर को नूपुर के घर के बाहर पहुंचने को कहा जा रहा था। साथ ही उनसे यह भी कहा जा रहा था कि जिसको मौका मिले, जब मौका मिले नूपुर शर्मा को सजा देनी है। फुलवारी शरीफ के ASP ने जांच होने की बात कहकर इस मामले में ज्यादा बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं और जांच आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पुलिस रिमांड के बाद जब इन आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा तो ठोस सबूत दिए जाएंगे।

इसी बीच बिहार के सीतामढ़ी के नानपुर में एक पान की एक दुकान पर खड़े 23 साल के अंकित कुमार झा को पिछले शुक्रवार 4-5 मुस्लिम लड़कों ने 6 बार चाकू मारा। वहीं, पुलिस ने कहा कि इस केस में कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है। दरभंगा के एक अस्पताल में अस्पताल में भर्ती अंकित कुमार झा ने कहा कि वह पान की दुकान के पास था और वॉट्सऐप पर नूपुर शर्मा का एक वीडियो देख रहा था। इसी दौरान हमलावरों ने उससे पूछा कि क्या वह नूपुर का समर्थन करता है। हमलावरों ने उसे गालियां देनी शुरू कर दीं और उनमें से एक ने उसको 6 बार चाकू मारा। अंकित ने कहा कि वह हमलावरों को नहीं जानता लेकिन चाकू मारने वाले शख्स को पहचान सकता है।

अंकित का दावा है कि चाकू से हमला होने के बावजूद उसने आरोपी को पकड़ रखा था लेकिन कुछ ही देर में 25-30 मुस्लिम युवकों की भीड़ आ गई और चाकू से हमला करने वाले लड़के को छुड़ाकर छुड़ाकर ले गई। अंकित को स्थानीय लोगों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां ICU में उसका इलाज चल रहा है। अंकित के परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस ने जानबूझकर FIR में नूपुर शर्मा का नाम नहीं डाला। अंकित के मीडिया को दिए बयान के बाद पुलिस ने अपना रुख बदल लिया।

सीतामढ़ी जिले के एसपी ने कहा कि अंकित के भाई आशीष कुमार ने अपनी लिखित शिकायत में कहीं भी नूपुर शर्मा के नाम का जिक्र नहीं किया था। उन्होंने कहा कि अंकित का बयान फिर से दर्ज किया जाएगा और 2 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

आमतौर पर पुलिस का रवैया ऐसा ही होता है, किसी भी क्राइम को हल्का करने की कोशिश होती है और यह ठीक नहीं है। सीतामढ़ी में जिस लड़के को चाकुओं से गोद दिया गया, वह खुद कह रहा है कि नुपुर शर्मा का वीडियो देखने पर विवाद हुआ और इसीलिए उस पर हमला हुआ लेकिन पुलिस इसे नशे के चक्कर में झगड़े का केस बता रही है। इस तरह का व्यवहार पुलिस के प्रति लोगों का भरोसा कम करता है और अपराध करने वालों के हौसला बढ़ता है।

बिहार से एक हजार किलोमीटर से ज्यादा दूर राजस्थान में बीएसएफ ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर 24 साल के एक पाकिस्तानी नागरिक रिजवान अख्तर को गिरफ्तार किया है। इस पाकिस्तानी घुसपैठिए को 16 जुलाई की रात राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में हिंदूमलकोट बॉर्डर पोस्ट के पास से गिरफ्तार किया गया था। रिजवान अख्तर ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि वह पैगंबर के खिलाफ बयान देने के लिए नूपुर शर्मा को मारने के मिशन पर था।

गंगानगर के एसपी आनंद शर्मा ने बताया कि रिजवान अख्तर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहाउद्दीन जिले के कुठियाल शेखर का रहने वाला था। उसके पास से 2 चाकू मिले हैं जिनमें से एक 11 इंच लंबा है। उसके पास कुछ मजहबी किताबें, भारत का नक्शा, कपड़े, खाना और एक थैला रेत भी थी।

पुलिस के मुताबिक, रिजवान ने कबूल किया कि उसका इरादा पहले अजमेर दरगाह जाने, चादर चढ़ाने और फिर नूपुर शर्मा की जान लेने का था। रिजवान ने पुलिस को बताया कि बहाउद्दीन जिले में मुल्लाओं और उलेमाओं की एक बैठक हुई थी, जहां पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ नूपुर शर्मा की के बयान की निंदा की गई और उनकी हत्या के लिए एक ‘फतवा’ जारी किया गया। पुलिस ने बताया कि पाकिस्तानी उलेमा ने भारत में घुसकर नूपुर शर्मा को मारने के लिए उनका ब्रेनवॉश किया था। वह अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया। एक स्थानीय अदालत ने उसे 24 जुलाई तक हिरासत में भेज दिया। आईबी, रॉ और मिलिट्री इंटेलिजेंस ऑफिसर्स की एक टीम ने उससे पूछताछ की है।

पाकिस्तानी नागरिक रिजवान की गिरफ्तारी इस बात का सबूत है कि नूपुर की जान के दुश्मन अब मुल्क के भीतर ही नहीं, सरहद के पार भी हैं। ये लोग नूपुर शर्मा को क्यों मारना चाहते हैं, उनको सपोर्ट करने वालों का गला क्यों काटना चाहते हैं, इसका जवाब ढूंढने के लिए कहीं दूर जाने जरूरत नहीं है। ये वे लोग हैं जो खौफ पैदा करना चाहते हैं, इस्लाम के नाम पर डर का एक माहौल बनाना चाहते हैं। मैंने कई इस्लामिक स्कॉलर्स से बात की है। वे कहते हैं कि इस्लाम किसी का कत्ल करने की इजाजत नहीं देता। इस्लाम किसी को नुकसान पहुंचाने, किसी को दर्द पहुंचाने की बात तक नहीं करता। स्कॉलर्स तो दावा करते हैं कि इस्लाम मोहब्बत और भाईचारे का संदेश देता है, लेकिन ग्राउंड पर जो दिखाई दे रहा है वह अलग है।

जिहादी मनसिकता के लोग, कट्टरपंथी सोच वाले मौलाना और PFI जैसे संगठन नूपुर शर्मा के बयान को मुस्लिम भाइयों के दिलों में नफरत भरने का जरिया बना रहे हैं। वे इस्लाम की दुहाई देकर लोगों को भड़काने की साजिश रच रहे हैं। पाकिस्तान के मौलाना नूपुर शर्मा पर हमला के लिए लोगों को उकसा रहे हैं। PFI जैसे जहर फैलाने वाले संगठन उनकी जान के पीछे पड़े हैं।

कौन कब उन पर हमला कर दे, कोई नहीं कह सकता। ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें आइसोलेट करने की जरुरत है, और यह जताने की जरूरत है कि ऐसे लोगों को मुस्लिम समाज से कोई समर्थन नहीं मिलेगा। जिहादी तत्वों के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि नूपुर शर्मा को तो छोड़िए, जो उनका सपोर्ट करता है उस पर भी हमला कर देते हैं, उसके खून के प्यासे हो जाते हैं, जैसा कि बिहार के सीतामढ़ी में चाकू मारने की घटना में देखने को मिला।

यहां तक कि राजस्थान से बीजेपी के वरिष्ठ सांसद किरोड़ी लाल मीणा को भी 9 जुलाई को कादिर अली नाम के एक शख्स की तरफ से धमकी भरी चिट्ठी मिली, जिसमें उसने लिखा था कि जो लोग हमारे पैगंबर की शान में गुस्ताखी करेंगे, उनका हश्र कन्हैयालाल जैसा होगा। किरोड़ी लाल मीणा उदयपुर में कन्हैयालाल के परिवार को सांत्वना देने गए थे, और परिवार वालों को अपनी एक महीने की सैलरी देने की भी बात कही थी। उन्होंने कन्हैयालाल के हत्यारों को ‘तालिबानी’ कहा था। मीणा ने इस धमकी के बारे में केंद्र और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, दोनों को जानकारी दी है।

किरोड़ी लाल मीणा को मिली धमकी इस बात का एक और उदाहरण है कि धर्म के नाम पर कुछ लोग उग्र होते जा रहे हैं। कुछ लोगों में मजहब के नाम पर सहनशीलता खत्म होती जा रही है। क्या कोई सांसद एक बेगुनाह का गला काटने वालों के खिलाफ आवाज भी नहीं उठा सकता? और यह मामला सिर्फ हिंदू और मुसलमान का नहीं है। यह मामला सहिष्णुता का है। इस्लाम तो सहिष्णुता और माफ करने की बात करता है। बेगुनाहों पर हमला करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 19 जुलाई, 2022 का पूरा एपिसोड

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