Saturday, April 27, 2024
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Rajat Sharma's Blog | मुख्तार अंसारी : अपराधों से भरी एक ज़िंदगी का अंत

सत्तर और अस्सी के दशक में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और एक गिरोह में शामिल हो गया, जो कोयला, रेलवे निर्माण, कबाड़ की बिक्री, लोक निर्माण और शराब के ठेकों को हथियाने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया करता था।

Rajat Sharma Written By: Rajat Sharma @RajatSharmaLive
Updated on: March 30, 2024 6:20 IST
Rajat sharma, India TV- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

अपराध की दुनिया से राजनीति में आने वाले पूर्वांचल के मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात को दिल का दौरा पड़ने से न्यायिक हिरासत में मौत हो गई। शुक्रवार को तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी सोच के मुताबिक प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। मुख्तार अंसारी के बेटे ने आरोप लगाया कि जेल में उनके पिता को धीमी ज़हर देकर हत्या की गई। बहरहाल राज्य सरकार ने अपर जिला मजिस्ट्रेट से कहा है कि वह बंदी मुख्तार अंसारी की मौत की परिस्थितियों की पूरी तरह जांच करके अपनी रिपोर्ट दें। मुख्तार अंसारी बांदा जेल के शौचालय में गुरुवार को बेहोश पड़े पाए गए थे, जिसके बाद उन्हें बांदा मेडिकल कालेज के सी.सी.यू में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। मुख्तार अंसारी की मौत के साथ ही उनके आपराधिक जीवन पर पूर्णविराम लग गया है। अपनी जवानी के दिनों में मुख्तार अंसारी क्रॉसकंट्री दौड़ में पारंगत था, लेकिन सत्तर और अस्सी के दशक में उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और एक गिरोह में शामिल हो गया, जो कोयला, रेलवे निर्माण, कबाड़ की बिक्री, लोक निर्माण और शराब के ठेकों को हथियाने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया करता था। इसके बाद मुख्तार का गिरोह लोगों से गुंडा टैक्स, वसूली कारोबार और फिरौती के लिए अपहरण जैसे अपराधों को अंजाम देने लगा। गाज़ीपुर, मऊ, वाराणसी और जौनपुर में व्यापारी और अन्य कारोबारी इस गिरोह के नाम से थर-थर कांपते थे। 

मुख्तार 2005 से जेल में कैद था और उस पर 65 से ज्यादा मामले लंबित थे। इसमें से 25 मामले तो तब बने, जब वो जेल में कैदी था। आठ मामलों में यूपी की कई अदालतों ने उसे सज़ा सुना दी थी। नवम्बर, 2005 में जब मुख्तार और उसके गिरोह के लोगों ने गाज़ीपुर में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और 6 अन्य लोगों की दिनदहाड़े हत्या कर दी, तो मुख्तार का नाम राष्ट्रीय मीडिया में सुर्खियों में आया। पिछले साल एक सांसद-विधायक कोर्ट ने मुख्तार को कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। इस साल मार्च में एक नकली हथियार लाइसेंस के मामले में कोर्ट ने मुख्तार को उम्र कैद की सजा सुना दी। पिछले साल वाराणसी के एक कोर्ट ने कारोबारी अवधेश ऱाय की 1991 में हुई हत्या के आरोप में उम्र कैद की सज़ा सुनाई। अवधेश राय उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई हैं। अजय राय इस बार वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ने वाले हैं। 

1997 में कोयला कारोबारी नंदकिशोर रुंगटा के अपहरण और हत्या के मामले में भी मुख्तार आरोपी था। उसे 2019 में यूपी के बांदा से पंजाब की रोपड़ जेल भेजा गया क्योंकि बांदा जेल से किसी ने मोहाली के एक बिल्डर को फोन करके 10 करोड़ रु. की वसूली मांगी थी। मुख्तार दो साल रोपड़ जेल में रहा। 2021 में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई कि मुख्तार को यूपी वापिस भेजा जाय। तब मुख्तार को बांदा जेल लाया गया। मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक चुने गये, दो बार निर्दलीय के रूप में, दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में, और पांचवी बार अपनी पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर। मुख्तार अंसारी और उनके दो भाई अफज़ल और सिबगतुल्लाह का पूर्वांचल के वोटरों में काफी रसूख है, लेकिन मुख्तार की मौत के साथ ही जरायम की दुनिया में सक्रिय एक जीवन पर पूर्णविराम लग गया है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 28 मार्च 2024 का पूरा एपिसोड

 

 

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