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चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, SBI की याचिका खारिज, 12 मार्च तक आंकड़ा देने को कहा

चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के मामले में SBI की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने एसबीआई को कल तक का समय दिया है।

Edited By: Amar Deep
Published : Mar 11, 2024 9:16 IST, Updated : Mar 11, 2024 12:28 IST
इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला।- India TV Hindi
Image Source : PTI इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला।

नई दिल्ली: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई को फटकार लगाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की याचिका को भी खारिज कर दिया है। बता दें कि एसबीआई ने एक याचिका दायर कर भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से फटकार लगाते हुए 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान क्या हुआ?

दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक को भारत के चुनाव आयोग को चुनावी बांड का विवरण जमा करने के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। साल्वे ने कहा कि एसबीआई की एकमात्र समस्या यह है कि वह पूरी प्रक्रिया को उलटने की कोशिश कर रहा है। एसओपी ने सुनिश्चित किया कि हमारे कोर बैंकिंग सिस्टम और बांड नंबर में खरीदार का कोई नाम नहीं था। हमें बताया गया कि इसे गुप्त रखा जाना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि उसने अपने फैसले में बैंक से मिलान अभ्यास करने के लिए नहीं कहा है, हमने स्पष्ट खुलासा करने का निर्देश दिया है। इसलिए यह कहते हुए समय मांगना कि एक मिलान अभ्यास किया जाना है, उचित नहीं है, हमने आपको ऐसा करने का निर्देश नहीं दिया है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने तक चुनावी बांड के विवरण का खुलासा करें।

कोर्ट ने रद्द कर दी थी योजना

सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। 

एसबीआई ने दी दलील

अपनी अर्जी में, एसबीआई ने दलील दी है कि प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगेगा। अर्जी में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड को ‘डीकोड’ (कूट रहित) करना और चंदे का मिलान इसे देने वालों से करना एक जटिल प्रक्रिया होगी। अर्जी में दलील दी गयी है, ‘‘बॉंन्ड जारी करने से जुड़े आंकड़े और बॉन्ड को नकदी में परिवर्तित करने से संबद्ध आंकड़े दो अलग-अलग स्थानों पर हैं। यह चंदा देने वालों की गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए किया गया था।’’ अर्जी में कहा गया है, ‘‘चंदा देने वालों का विवरण (बैंक की) निर्दिष्ट शाखाओं में सीलबंद लिफाफों में रखा गया है और ये सीलबंद लिफाफे अर्जी दायर करने वाले बैंक की मुख्य शाखा में जमा किये गए हैं, जो मुंबई में है।’’

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